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पाकिस्तान और अमेरिकी बातचीत रुकी

८ फ़रवरी २०११

पाकिस्तान में दो लोगों की हत्या के आरोपी अमेरिकी राजनयिक की रिहाई के लिए दबाव लगातार बढ़ रहा है. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान के साथ अफगान युद्ध को लेकर होने वाली बातचीत रद्द की जा सकती है.

रिहाई के लिए अमेरिकी दबाव हैतस्वीर: picture alliance/dpa

अमेरिका बराबर इस बात को कह रहा है कि गिरफ्तार अमेरिकी नागरिक रेमंड डेविस को राजनयिक होने के नाते रियायत हासिल है और उन्होंने अपने बचाव में गोली चलाई. दो पाकिस्तानी लोगों को इसलिए मारा गया क्योंकि उन्होंने डेविस को बंदूक की नोंक पर लूटने की कोशिश की. वहीं पाकिस्तानी सरकार का कहना है कि इस मामले में कोई भी फैसला देश के कानून के मुताबिक होगा. एक पाकिस्तानी अदालत कह चुकी है कि डेविस को अमेरिका को नहीं सौंपा जा सकता.

राजयनिक सूत्रों का कहना है कि अमेरिका में पाकिस्तानी अधिकारी अमेरिकी सरकार से बात कर रहे हैं ताकि दोनों देशों के बीच पैदा इस नए विवाद को रोका जा सके. इससे न सिर्फ पाकिस्तान को मिलने वाली करोड़ों डॉलर की मदद खतरे में पड़ सकती है, बल्कि पहले से ही तनावपूर्ण दोतरफा संबंध और खराब हो सकते हैं.

लेकिन अमेरिकी सरकार ने इस विवाद के चलते पाकिस्तान से होने वाली कुछ दोतरफा वार्ताओं को रोक दिया है. सूत्रों का कहना है, "यह बहुत बड़ा मुद्दा बनने वाला है और अमेरिकी पक्ष इसे गंभीरता से ले रहा है. अमेरिका की तरफ से हमारी सरकार को बहुत सख्त संदेश मिला है. हमें कुछ करना होगा, वरना हमारे रिश्ते पर इसका बहुत खराब असर होगा."

ओबामा प्रशासन साफ कर चुका है कि उसके लाहौर कॉन्सुलेट में काम करने वाले डेविस को तुरंत रिहा किया जाए. पाकिस्तान अफगानिस्तान में जारी युद्ध में अमेरिका का अहम सहयोगी रहा है और अफगानिस्तान के साथ साथ सीमावर्ती पाकिस्तानी इलाकों में उग्रवाद को खत्म करने के लिए दोनों की साझेदारी खासी अहम मानी जाती है.

लेकिन पाकिस्तान की इस शिकायत को लेकर दोनों देशों में अकसर खींचतान होती रहती है कि पाकिस्तान सिर्फ चुनिंदा चरमपंथियों को ही निशाना बना रहा है जबकि उसके सरहदी इलाकों से काम करने वाले चरमपंथी अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी और नाटो सैनिकों पर हमले कर रहे हैं.

पाकिस्तान के राजनयिक सूत्रों का कहना है कि डेविस के मामले के चलते सभी तरह की वार्ताओं पर असर पड़ सकता है जिसमें पाकिस्तान को पांच साल में मिलने वाली साढ़े सात अरब की अमेरिकी मदद भी शामिल है. सूत्रों के मुताबिक, "उनका कहना है कि इस विवाद के खत्म होने के बाद ही कोई बात होगी."

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ए जमाल

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