पाकिस्तान में कुलभूषण जाधव को सैन्य अदालत के फैसले के खिलाफ याचिका दायर करने की अनुमति देने वाला बिल पारित हो गया है. विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकार ने तय प्रक्रिया को दरकिनार कर बिल को जबरदस्ती पास करा लिया.
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आईसीजे (रिव्यु एंड रिकंसिडरेशन) बिल, 2020 को पाकिस्तान की संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली ने पास कर दिया है. उम्मीद की जा रही है कि इससे जाधव को थोड़ी राहत मिलेगी और वो उन्हें दिए गए मौत के फैसले के खिलाफ प्रभावी रूप से अपील कर पाएंगे. बिल का संसद के ऊपरी सदन सीनेट से पास होना अभी बाकी है. नेशनल असेंबली में विपक्ष ने बिल का और उसे पारित कराए जाने की प्रक्रिया का विरोध किया.
विपक्ष ने आरोप लगाया कि बिल को जल्दबाजी में पारित कराया गया और विपक्ष के सांसदों को उसे ठीक से पढ़ने का समय भी नहीं दिया गया. विपक्ष ने यह भी कहा कि ऐसा लग रहा है कि यह बिल सिर्फ जाधव के लिए ही लाया गया था और बिल के उद्देश्यों में उनका नाम भी दर्ज है. हालांकि सरकार ने बिल का समर्थन करते हुए कहा कि इसे अंतरराष्ट्रीय न्यायिक अदालत (आईसीजे) के आदेशों का सम्मान करते हुए लाया गया है और इसे ला कर सरकार ने साबित कर दिया है कि पाकिस्तान एक "जिम्मेदार" देश है.
इस बिल के प्रावधानों को अध्यादेश के जरिए मई 2020 में ही लागू कर दिया था. आईसीजे ने 2019 में ही पाकिस्तान को आदेश दिया था कि वो जाधव को दी गई सजा पर "प्रभावी रूप से पुनर्विचार" करे और उन्हें भारत के उच्च-आयोग से संपर्क करने दे. जाधव भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी हैं और उन्हें पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोपों का दोषी पाया था. उन्हें अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी.
वकील कौन होगा
भारत ने इस फैसले के खिलाफ आईसीजे में अपील की थी और आईसीजे ने फैसला भारत के पक्ष में दिया था. लेकिन इस मामले में अब सबसे बड़ी अड़चन इस सवाल पर है कि जाधव का वकील कौन होगा. भारत की काफी समय से यह मांग है कि एक भारतीय वकील को जाधव का केस लड़ने की इजाजत दी जाए, लेकिन पाकिस्तान सरकार का कहना है कि पाकिस्तान के कानून के तहत किसी विदेशी नागरिक को किसी भी पाकिस्तानी अदालत में जिरह करने की अनुमति नहीं है.
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भारत ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि क्वींस काउंसिल यानी इंग्लैंड की महारानी का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता को जाधव के पक्ष में दलीलें पेश करने की इजाजत दी जाए. यूके और कुछ कॉमनवेल्थ देशों में यूके की राजशाही की तरफ से कुछ जाने माने वकीलों को क्वींस काउंसिल नियुक्त किया जाता है, जो कॉमनवेल्थ देशों की अदालतों में राजशाही का प्रतिनिधित्व करते हैं. हालांकि पाकिस्तान ने इस प्रस्ताव पर अभी तक कुछ नहीं कहा है.
दिलचस्प यह है कि एक तरफ इस मामले में भारत पाकिस्तान पर लगातार सहयोग ना करने का आरोप लगाता आया है, लेकिन दूसरी तरफ यह नया बिल लाने के लिए पाकिस्तान सरकार को विपक्ष की आलोचना झेलनी पड़ रही है.पाकिस्तानी मीडिया में कहा गया है कि नेशनल असेंबली में बिल के पारित होने पर विपक्ष ने प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ नारे लगाए और उन पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दोस्ती निभाने के लिए पाकिस्तान के साथ गद्दारी करने का आरोप लगाया गया. देखना होगा कि भारत इस बिल के पारित होने पर क्या प्रतिक्रिया देता है और जाधव का मामला क्या मोड़ लेता है.
कुलभूषण जाधव की पूरी कहानी
पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव के मामले पर हेग की अंतरराष्ट्रीय अदालत में सुनवाई हुई. इस सुनवाई के बाद आए फैसले में पाकिस्तान को झटका लगा. कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई हुई थी.
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गिरफ्तारी पर पाकिस्तानी दावा
25 मार्च 2016 को पाकिस्तान ने भारत को बताया कि भारतीय नौसेना के अधिकारी कुलभूषण जाधव को 3 मार्च 2016 को बलूचिस्तान के चमन सीमा के इलाके में मशकेल इलाके से गिरफ्तार किया गया है. उनके पास एक भारतीय पासपोर्ट मिला है जिस पर उनका नाम हुसैन मुबारक पटेल लिखा हुआ है. वो पाकिस्तान में आर एंड ए डब्ल्यू के लिए काम कर रहे थे. उनके ऊपर पाकिस्तान को अस्थिर करने की साजिश में शामिल होने का आरोप है.
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गिरफ्तारी पर भारतीय आपत्ति
भारत ने दावा किया कि जाधव 2001 में भारतीय नौसेना से रिटायर हो चुके हैं. वो ईरान में अपना व्यापार कते हे हैं. पाकिस्तानी एजेंसियों ने उनका ईरान से अपहरण कर उन्हें पाकिस्तान लाया गया है. वहीं उनकी फर्जी पहचान तैयार की गई. उनका भारतीय नौसेना या आर एंड ए डब्ल्यू से कोई संबंध नहीं है. भारत ने जाधव से बात करने के लिए 25 मार्च 2016 और उसके बाद वियना समझौते के आधार पर लगातार काउंसलर एक्सेस की मांग की.
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पाकिस्तान ने नहीं मानी भारत की बात
पाकिस्तान ने काउंसलर एक्सेस की मांग को खारिज कर दिया. पाकिस्तान ने कहा कि जाधव एक जासूस हैं ऐसे में उन्हें काउंसलर एक्सेस नहीं दिया जा सकता. भारत काउंसलर एक्सेस के सहारे अपने जासूस से सूचनाएं निकलवाना चाहता है. 21 मार्च 2017 को पाकिस्तान ने कहा कि अगर भारत इस मामले की जांच में सहयोग करे तो काउंसलर एक्सेस दिया जा सकता है.
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पाकिस्तान ने सुनाई सजा ए मौत
पाकिस्तान ने इस मामले की सुनवाई सैन्य अदालत में की. कार्यवाही के बीच ही पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव के दो वीडियो भी जारी किए. कई सारे कट्स वाले इन वीडियो में जाधव अपने कथित मिशन के बारे में जानकारी देते हैं. वो यह कबूल करते भी दिख रहे हैं कि वो पाकिस्तान में भारतीय जासूस थे. सैन्य अदालत ने साढ़े तीन महीने ट्रायल चलाने के बाद 12 अप्रैल 2017 को जाधव को फांसी की सजा सुना दी.
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भारत ने किया हेग का रुख
जाधव से बात करने के लिए काउंसलर एक्सेस ना दिए जाने और फांसी की सजा सुनाए के खिलाफ भारत ने हेग के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में अर्जी दाखिल की. 8 मई 2017 को दाखिल की गई इस अर्जी में भारत ने कहा कि जाधव को गलत तरीके से फंसाया गया है. भारत को उनसे बात करने के लिए काउंसलर एक्सेस ना देकर वियना काउंसलर समझौता 1963 का उल्लंघन पाकिस्तान कर रहा है. इस कोर्ट ने फैसला सुनाने तक जाधव की फांसी पर रोक लगा दी.
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जाधव से मिलीं पत्नी और मां
25 दिसंबर 2017 को कुलभूषण जाधव को उनकी पत्नी और मां से मिलने दिया गया. इस मुलाकात के दौरान भारतीय वाणिज्य दूतावास के उपायुक्त भी मौजूद रहे. भारत ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान में जाधव की पत्नी और मां से बदसलूकी की गई. पाकिस्तान ने इन आरोपों को खंडन किया. जाधव की मां और पत्नी को मीडिया से दूर रखा गया. उनकी मुलाकात एक शीशे की दीवार के बीच में होने के चलते इंटरकॉम से हुई.
अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने फांसी पर रोक के अलावा पाकिस्तान द्वारा जाधव मामले में की जाने वाली हर कार्रवाई के बारे में सूचना देने के लिए भी कहा. अंतरराष्ट्रीय अदालत ने पहले भारत को 13 सितंबर 2017 को अपना पक्ष रखने का मौका दिया. पाकिस्तान ने 13 दिसंबर 2017 भारतीय पक्ष का जवाब दिया. 17 अप्रैल 2018 को भारत ने अपने अगले तर्क दिए और 17 जुलाई 2018 को पाकिस्तान ने इन तर्कों के जवाब दिए.
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फैसले का दिन
18 से 21 फरवरी 2019 के बीच भारत और पाकिस्तान के बीच दो और बार मौखिक बहस हुई. 4 जुलाई 2019 को अदालत ने कहा कि 17 जुलाई 2019 को न्यायाधीश अब्दुलकावि अहमद युसूफ इस मामले में फैसला सुनाया गया. भारत की ओर से वकील हरीश साल्वे और पाकिस्तान की ओर से वकील ख्वाजा कुरैशी ने पक्ष रखा.
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अंतरराष्ट्रीय अदालत में पाकिस्तान की हार
जाधव के मामले पर अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाया. अदालत ने जाधव की फांसी पर रोक लगा दी. साथ ही जाधव को काउंसलर एक्सेस देने के निर्देश भी पाकिस्तान को दिए. अदालत ने जाधव को रिहा करने की भारत की अपील को ठुकरा दिया. अदालत ने पाकिस्तान को सजा पर पुनर्विचार करने के निर्देश दिए.