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पाकिस्तान के अमीर टैक्स चोर

४ अप्रैल २०१३

पाकिस्तान में अमीर टैक्स चोर भरे पड़े हैं. गरीबी हटाने के लिए सरकार दुनिया भर से आर्थिक मदद लेती है. लेकिन अब ब्रिटेन ने पाकिस्तान से कहा है कि वे अपने अमीर टैक्स चोरों से टैक्स वसूले, वरना मदद का झरना सूख जाएगा.

तस्वीर: AP

पूर्व योजना के मुताबिक 2014-15 में ब्रिटेन पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद को दोगुना करने वाला है. रकम 67.50 करोड़ होगी. लेकिन अब समय करीब आते ही ब्रिटेन की संसद में इस फैसले पर बहस हो रही है. संसद की अंतरराष्ट्रीय विकास समिति ने साफ कह दिया है कि जब तक पाकिस्तान की नई सरकार भ्रष्टाचार और टैक्स चोरी से नहीं निपटती, तब तक उसे मदद देना ठीक नहीं है.

समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, "अगर पाकिस्तान के अमीर इनकम टैक्स नहीं चुकाते तो हम यह उम्मीद नहीं कर सकते कि यूके के लोग पाकिस्तान में शिक्षा और स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए टैक्स देते रहें. पाकिस्तान के अमीर टैक्स नहीं चुकाते हैं और पाकिस्तान के गरीबों को अच्छी संभावनाएं मुहैया कराने में भी दिलचस्पी नहीं लेते हैं."

ब्रिटिश मीडिया यह भी कह रहा है कि जो देश परमाणु बम बना सकता है, वो खुद अपनी शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर क्यों नहीं कर पाता है.

गरीबों तक नहीं पहुंचती मददतस्वीर: DW

पाकिस्तान के राजस्व विभाग के आंकड़ों से पता चला है कि बीते साल देश के एक फीसदी लोगों ने भी इनकम टैक्स नहीं भरा. टैक्स चुकाने वाले सिर्फ 0.57 फीसदी थे. 70 फीसदी सांसदों ने भी टैक्स नहीं भरा. देश में बीते 25 साल से इनकम टैक्स धांधली के मामले में किसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं हुई है.

वर्ल्ड बैंक, अमेरिका और यूएनडीपी के साथ ब्रिटेन भी स्वास्थ्य और शिक्षा योजनाओं के लिए पाकिस्तान को मदद देता है.

ब्रिटिश संसदीय समिति का मानना है कि गरीबी और गंभीर सुरक्षा संबंधी दिक्कतों की वजह से पाकिस्तान को मदद दी जानी चाहिए. लेकिन समिति यह भी कहने लगी है कि बीते सालों में भ्रष्टाचार की वजह से यह मदद पाकिस्तान में जरूरतमंदों तक पहुंच ही नहीं रही.

ब्रिटेन के अंतरराष्ट्रीय विकास मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक पाकिस्तान को टैक्स चोरों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा गया है. प्रवक्ता ने कहा, "हमने पाकिस्तान की सरकार और विपक्षी नेताओं को साफ बता दिया है कि अगर पाकिस्तान अपना टिकाऊ कर व्यवस्था नहीं बनाता है तो ब्रिटेन के करदाताओं के लिए पाकिस्तान के विकास का खर्च उठाना जारी नहीं रह सकता."

पाकिस्तान में 11 मई को संसदीय चुनाव हैं. चुनावों के बाद नई सरकार बनेगी. ब्रिटेन का कहना है कि वह अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ मिलकर नई सरकार पर टैक्स और आर्थिक सुधार लागू करने के लिए और दबाव डालेगा.

ओएसजे/एमजे (एएफपी)

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