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पाकिस्तान के सारे मैच फिक्सः सट्टेबाज

१७ सितम्बर २०१०

पाकिस्तान के एक सट्टेबाज ने दावा किया है कि पिछले महीने इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच हुए सारे टेस्ट मैच फिक्स थे. गुरुवार को एक शख्स पाकिस्तान में एक टीवी शो में आया और उसने यह दावा कर क्रिकेट जगत में खलबली मचा दी.

फिक्सिंग में फंसे हैं तीन खिलाड़ीतस्वीर: AP

टीवी शो में मुंह ढक कर आए इस सट्टेबाज ने दावा किया कि अब भी दो खिलाड़ी पाकिस्तानी टीम में ऐसे हैं जो मैच फिक्सिंग में शामिल रहे हैं. उसने कहा कि खिलाड़ियों को बड़े सट्टेबाजों ने खरीद लिया ताकि ज्यादा फायदा कमाया जा सके. पाकिस्तानी टीम फिलहाल मैच फिक्सिंग के आरोपों से जूझ रही है. इंग्लैंड में उसके तीन खिलाड़ियों के खिलाफ जांच चल रही है और उन्हें आईसीसी ने टीम से निलंबित कर रखा है.

सूत्रों ने बताया कि टीवी पर सट्टेबाज का इंटरव्यू खत्म होने के फौरन बाद जांच एजेंसियां हरकत में आ गईं. वे इस शख्स की तलाश कर रही हैं जिसकी अभी तक पहचान नहीं हो पाई है. एक सूत्र ने बताया, "पुलिस और एफआईए इस व्यक्ति के बारे में पूछताछ कर रही हैं. यह कराची का एक सट्टेबाज है और इंटरव्यू के बाद भूमिगत हो गया है."

इंटरव्यू में इस सट्टेबाज ने कहा कि पाकिस्तान के दो नामी पूर्व खिलाड़ी मैच फिक्सिंग में शामिल रहे हैं. उसने दो जाने माने स्पिनर्स और एक ओपनिंग बैट्समैन का नाम भी लिया. सट्टेबाज ने कहा, "लोग समझते हैं कि फिक्सिंग मोबाइल के जरिए होती है, लेकिन ऐसा नहीं है. ज्यादातर बिजनेस तो लैंडलाइन फोन के जरिए होता है. स्पॉट फिक्सिंग और मैच फिक्सिंग के रेट इंग्लैंड से आते हैं."

उसने दावा किया कि भारत सट्टेबाजी का सबसे बड़ा बाजार है और वहां सबसे ज्यादा फिक्सिंग होती है. उसने बताया कि जब फिक्सिंग हो जाती है तो सट्टेबाज मोटा पैसा कमाते हैं क्योंकि उन्हें मालूम होता है कि कौन सा खिलाड़ी किस तरह खेलेगा. उसने कहा, "इसे प्लेयर फिक्सिंग कहते हैं और इसके लिए खिलाड़ियों को बड़ी रकम देकर खरीदा जाता है."

सट्टेबाज ने फिक्सिंग के लपेटे में क्रिकेट बोर्ड को भी लिया. उसने दावा किया कि क्रिकेट बोर्ड के अधिकारियों के एजेंट्स हैं जिनके जरिए वे पैसा कमाते हैं.

इस बारे में जब एक पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ऐसे शख्स की बातों पर भरोसा करना मुश्किल है जिसकी पहचान ही जाहिर न की गई हो. उन्होंने कहा, "अगर वह सच कह रहा है तो फिर जांच एजेंसियों को चाहिए कि उसे खोजे और उससे पूरी सूचना हासिल करे."

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः ए कुमार

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