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आतंकवाद

पाकिस्तान को एफएटीएफ उपसमूह ने किया ब्लैकलिस्ट

२३ अगस्त २०१९

दुनिया भर में आतंकवाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठन, एफएटीएफ ने पाकिस्तान को अपने मानकों को पूरा करने में असमर्थ रहने के चलते 'इन्हैंस्ड एक्सपिडाइटेड फॉलोअप लिस्ट (ब्लैकलिस्ट)' में डाल दिया है.

Pakistan Imran Khan
तस्वीर: Reuters/Mary F. Calvert

पाकिस्तान को झटका देते हुए फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के एक क्षेत्रीय सहयोगी एशिया-पैसिफिक ग्रुप (एपीजी) ने अपनी "'इन्हैंस्ड एक्सिपडाइडेट फॉलोअप लिस्ट (ब्लैकलिस्ट)" में डालने का फैसला किया है. आतंक के वित्तपोषण और धन शोधन के लिए वैश्विक प्रहरी के रूप में काम करते वाले एफएटीएफ के अधिकारियों ने ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में आयोजित अपनी बैठक के बाद बताया कि आतंक के वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग के 40 अनुपालन मानकों में से पाकिस्तान 32 मानकों पर खरा नहीं उतरा.

एफएटीएफ एपीजी की चर्चा दो दिनों में सात घंटे से अधिक समय चली. कुल 11 प्रभावशीलता मानकों मे से 10 पर पाकिस्तान की कार्रवाई को कम प्रभावी माना गया. पाकिस्तान ने एफएटीएफ को अपनी 27-सूत्रीय कार्ययोजना पर एक अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत की थी. अक्टूबर तक तीन अलग-अलग मूल्यांकन इस बात को लेकर किए जाएंगे कि क्या पाकिस्तान को 'ग्रे सूची' से बाहर निकाला जाना चाहिए या नहीं.

वित्तीय व बीमा सेवाओं और क्षेत्रों के सभी सेक्टरों में एशिया-प्रशांत समूह अपने सिस्टम को अपग्रेड करने पर पाकिस्तान की प्रगति के पांच साल के मूल्यांकन का संचालन कर रहा था. पाकिस्तान इस ग्रे सूची से बाहर निकलना चाहता है. ऐसे में एपीजी की आकलन रिपोर्ट अप्रत्यक्ष रूप से उसके प्रयासों को प्रभावित कर सकती है.

पेरिस स्थित वित्तीय एक्शन टास्क फोर्स, एफएटीएफ की "ग्रे लिस्ट" में वे देश होते हैं जो आतंकवाद को रोकने के लिए जरुरी और पर्याप्त कदम नहीं उठा पाते हैं. इस लिस्ट में रहने की वजह से पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार से कर्ज लेना और मुश्किल हो जाएगा. खासतौर पर इस वक्त देश कि अर्थव्यवस्था खराब चल रही है. हालांकि इस लिस्ट की कोई कानूनी बाध्यता नहीं होती मगर अंतरराष्ट्रीय रेगुलेटर और वित्तीय संस्थान कर्ज देने से पहले ज्यादा सावधान रहते हैं. इससे देश के व्यापार और निवेश पर बुरा असर पड़ सकता है.

--आईएएनएस/आरपी

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