अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के फैसले के मुताबिक पाकिस्तान कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच देने के लिए राजी हो गया है. पाकिस्तानी सैन्य अदालत के जाधव को मौत की सजा सुनाने के बाद भारत ने आईसीजे का दरवाजा खटखटाया था.
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पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने जाधव को वियना संधि के तहत कांसुलर एक्सेस (राजनयिक पहुंच) लेने के उनके अधिकारों की जानकारी दे दी है. साथ ही कहा कि पाकिस्तान जाधव को अपने कानून के अनुसार राजनयिक पहुंच की अनुमति देगा. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा, "एक जिम्मेदार राष्ट्र के तौर पर पाकिस्तान कुलभूषण जाधव को अपने देश के कानूनों के अनुसार राजनयिक पहुंच प्रदान करेगा, जिस पर काम किया जा रहा है."
पाकिस्तान अब तक जाधव को वियना संधि के अनुसार राजनयिक पहुंच देने से लगातार मना करता आया है. भारत ने पाकिस्तान से आईसीजे के निर्देश पर तत्काल कार्रवाई करने और जाधव को राजनयिक पहुंच देने के लिए कहा था. नीदरलैंड्स के द हेग में स्थित इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने जाधव की फांसी की सजा पर रोक बरकरार रखने और उन्हें राजनयिक पहुंच देने का फैसला सुनाया था. पाकिस्तान ने जाधव को मार्च 2016 में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया था, और तब से वह लगातार भारतीय अधिकारियों को उनसे मिलने की अनुमति नहीं दे रहा है. इसके बाद पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जाधव को मौत की सजा सुनाई थी जिसके बाद भारत ने आईसीजे का दरवाजा खटखटाया था.
पाकिस्तान ने यह कदम उस वक्त उठाया है जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अमेरिका दौरे पर जाने वाले हैं. इमरान 22 जुलाई को अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे. इमरान-ट्रंप की बैठक से पहले पाकिस्तान ने बुधवार को मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उल-दावा प्रमुख हाफिज सईद को भी गिरफ्तार किया था. जाधव पर आईसीजे के फैसले को मानते हुए पाकिस्तान ने कहा कि वह अपने कानून के अनुसार प्रक्रिया आगे बढ़ाएगा.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने ट्वीट में कहा, "हम कमांडर कुलभूषण जाधव को बरी और रिहा नहीं कर भारत वापस नहीं भेजने के न्यायालय के फैसले की सराहना करते हैं. वह पाकिस्तान के लोगों के खिलाफ किए गए अपराध के लिए दोषी है. पाकिस्तान इस मामले में कानून के मुताबिक आगे बढ़ेगा."
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि भारत उम्मीद करता है कि पाकिस्तान आईसीजे के निर्णय पर तत्काल कार्रवाई करेगा और जाधव को राजनयिक पहुंच प्रदान करेगा.
पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव के मामले पर हेग की अंतरराष्ट्रीय अदालत में सुनवाई हुई. इस सुनवाई के बाद आए फैसले में पाकिस्तान को झटका लगा. कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई हुई थी.
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गिरफ्तारी पर पाकिस्तानी दावा
25 मार्च 2016 को पाकिस्तान ने भारत को बताया कि भारतीय नौसेना के अधिकारी कुलभूषण जाधव को 3 मार्च 2016 को बलूचिस्तान के चमन सीमा के इलाके में मशकेल इलाके से गिरफ्तार किया गया है. उनके पास एक भारतीय पासपोर्ट मिला है जिस पर उनका नाम हुसैन मुबारक पटेल लिखा हुआ है. वो पाकिस्तान में आर एंड ए डब्ल्यू के लिए काम कर रहे थे. उनके ऊपर पाकिस्तान को अस्थिर करने की साजिश में शामिल होने का आरोप है.
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गिरफ्तारी पर भारतीय आपत्ति
भारत ने दावा किया कि जाधव 2001 में भारतीय नौसेना से रिटायर हो चुके हैं. वो ईरान में अपना व्यापार कते हे हैं. पाकिस्तानी एजेंसियों ने उनका ईरान से अपहरण कर उन्हें पाकिस्तान लाया गया है. वहीं उनकी फर्जी पहचान तैयार की गई. उनका भारतीय नौसेना या आर एंड ए डब्ल्यू से कोई संबंध नहीं है. भारत ने जाधव से बात करने के लिए 25 मार्च 2016 और उसके बाद वियना समझौते के आधार पर लगातार काउंसलर एक्सेस की मांग की.
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पाकिस्तान ने नहीं मानी भारत की बात
पाकिस्तान ने काउंसलर एक्सेस की मांग को खारिज कर दिया. पाकिस्तान ने कहा कि जाधव एक जासूस हैं ऐसे में उन्हें काउंसलर एक्सेस नहीं दिया जा सकता. भारत काउंसलर एक्सेस के सहारे अपने जासूस से सूचनाएं निकलवाना चाहता है. 21 मार्च 2017 को पाकिस्तान ने कहा कि अगर भारत इस मामले की जांच में सहयोग करे तो काउंसलर एक्सेस दिया जा सकता है.
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पाकिस्तान ने सुनाई सजा ए मौत
पाकिस्तान ने इस मामले की सुनवाई सैन्य अदालत में की. कार्यवाही के बीच ही पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव के दो वीडियो भी जारी किए. कई सारे कट्स वाले इन वीडियो में जाधव अपने कथित मिशन के बारे में जानकारी देते हैं. वो यह कबूल करते भी दिख रहे हैं कि वो पाकिस्तान में भारतीय जासूस थे. सैन्य अदालत ने साढ़े तीन महीने ट्रायल चलाने के बाद 12 अप्रैल 2017 को जाधव को फांसी की सजा सुना दी.
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भारत ने किया हेग का रुख
जाधव से बात करने के लिए काउंसलर एक्सेस ना दिए जाने और फांसी की सजा सुनाए के खिलाफ भारत ने हेग के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में अर्जी दाखिल की. 8 मई 2017 को दाखिल की गई इस अर्जी में भारत ने कहा कि जाधव को गलत तरीके से फंसाया गया है. भारत को उनसे बात करने के लिए काउंसलर एक्सेस ना देकर वियना काउंसलर समझौता 1963 का उल्लंघन पाकिस्तान कर रहा है. इस कोर्ट ने फैसला सुनाने तक जाधव की फांसी पर रोक लगा दी.
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जाधव से मिलीं पत्नी और मां
25 दिसंबर 2017 को कुलभूषण जाधव को उनकी पत्नी और मां से मिलने दिया गया. इस मुलाकात के दौरान भारतीय वाणिज्य दूतावास के उपायुक्त भी मौजूद रहे. भारत ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान में जाधव की पत्नी और मां से बदसलूकी की गई. पाकिस्तान ने इन आरोपों को खंडन किया. जाधव की मां और पत्नी को मीडिया से दूर रखा गया. उनकी मुलाकात एक शीशे की दीवार के बीच में होने के चलते इंटरकॉम से हुई.
अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने फांसी पर रोक के अलावा पाकिस्तान द्वारा जाधव मामले में की जाने वाली हर कार्रवाई के बारे में सूचना देने के लिए भी कहा. अंतरराष्ट्रीय अदालत ने पहले भारत को 13 सितंबर 2017 को अपना पक्ष रखने का मौका दिया. पाकिस्तान ने 13 दिसंबर 2017 भारतीय पक्ष का जवाब दिया. 17 अप्रैल 2018 को भारत ने अपने अगले तर्क दिए और 17 जुलाई 2018 को पाकिस्तान ने इन तर्कों के जवाब दिए.
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फैसले का दिन
18 से 21 फरवरी 2019 के बीच भारत और पाकिस्तान के बीच दो और बार मौखिक बहस हुई. 4 जुलाई 2019 को अदालत ने कहा कि 17 जुलाई 2019 को न्यायाधीश अब्दुलकावि अहमद युसूफ इस मामले में फैसला सुनाया गया. भारत की ओर से वकील हरीश साल्वे और पाकिस्तान की ओर से वकील ख्वाजा कुरैशी ने पक्ष रखा.
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अंतरराष्ट्रीय अदालत में पाकिस्तान की हार
जाधव के मामले पर अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाया. अदालत ने जाधव की फांसी पर रोक लगा दी. साथ ही जाधव को काउंसलर एक्सेस देने के निर्देश भी पाकिस्तान को दिए. अदालत ने जाधव को रिहा करने की भारत की अपील को ठुकरा दिया. अदालत ने पाकिस्तान को सजा पर पुनर्विचार करने के निर्देश दिए.