लोकप्रिय शॉर्ट वीडियो ऐप टिक टॉक पर पाकिस्तान ने बैन लगा दिया है. पेशावर के हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी कि टिक टॉक के जरिए अश्लील सामग्री फैलाई जा रही है.
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टिक टॉक पर अश्लील सामग्री फैलाने का आरोप लगाते हुए पेशावर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. जिसके बाद अदालत ने पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण (पीटीए) को देश में टिक टॉक तक पहुंच को प्रतिबंधित करने का आदेश दिया था. गुरुवार को दूरसंचार प्राधिकरण ने इंटरनेट सर्विस कंपनियों को तत्काल रूप से टिक टॉक को देश में ब्लॉक करने को कहा.
बाइटडांस के स्वामित्व वाले इस प्लेटफॉर्म पर देश में सबसे पहले अक्टूबर, 2020 में प्रतिबंध लगाया गया था. उस वक्त टिक टॉक पर "अनैतिक' और "असभ्य" वीडियो को दिखाए जाने का आरोप लगा था. हालांकि सरकार ने महज दस दिनों के भीतर ही इस बैन को हटा लिया था. उस वक्त कंपनी ने "अश्लील और अनैतिक साम्री फैलाने" वाले खातों पर कार्रवाई का भरोसा दिया था.
पीटीए ने गुरुवार को देर रात अपने एक ट्वीट में कहा, "पेशावर हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए पीटीए ने सर्विस प्रोवाइडर्स को निर्देश दिया है कि वे जल्द से जल्द टिक टॉक तक पहुंच को ब्लॉक कर दें." समाचार एजेंसी रॉयटर्स को पीटीए के प्रवक्ता खुर्रम मेहरान ने बताया, "अदालत ने पीटीए से टिक टॉक तक पहुंच को ब्लॉक करने को कहा है." उन्होंने कहा कि प्राधिकरण इस आदेश का पालन करेगा.
टिक टॉक का कहना है वह ऐप में सुरक्षित और सकारात्मक माहौल बनाए हुए है. कंपनी ने इस आदेश के बाद जारी बयान में कहा, "हम सामग्री का पता लगाने और समीक्षा करने के लिए प्रौद्योगिकियों और मॉडरेशन रणनीतियों को मिलाकर इस्तेमाल करते हैं, जो हमारी सेवा की शर्तों और सामुदायिक दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हैं हम उन वीडियो को हटाते हैं और अकाउंट को बैन करते हैं."
दुनिया के कई देशों में टिक टॉक काफी लोकप्रिय है, खासकर युवाओं के बीच. मंच का इस्तेमाल वीडियो और संगीत मिलाकर युवा अपनी प्रतिभा को दुनिया के सामने रखते हैं. लेकिन यह ऐप कई देशों में विवादों में भी घिरा रहता है, चीनी कंपनी होने के कारण सुरक्षा से जुड़े मुद्दे को लेकर अधिकारी सवाल करते हैं और डाटा की गोपनीयता को लेकर भी चिंता बनी रहती है. पिछले साल चीन के साथ तनाव के बाद भारत ने भी कई चीनी ऐप को बैन कर दिया था जिसमें टिक टॉक भी शामिल था.
भारतीय सेना के जवानों को 89 ऐप्स डिलीट करने के आदेश दिए गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुरक्षा कारणों और सेना से जुड़ी जानकारी को लीक होने से रोकने के लिए जवानों का यह आदेश दिया गया है.
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फेसबुक
सेना ने जवानों और अफसरों से कहा है कि वह फेसबुक और इंस्टाग्राम समेत 89 ऐप्स को 15 जुलाई तक अपने स्मार्टफोन से डिलीट कर दें. मीडिया में आई रिपोर्ट के मुताबिक सेना के जवानों और अफसरों से ऐसा इसलिए कहा गया है ताकि अहम जानकारी के लीक होने की घटनाओं को रोका जा सके. सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक भी इस सूची में शामिल है.
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इंस्टाग्राम
पिछले दिनों भारत सरकार ने टिक टॉक समेत 59 चीनी ऐप्स को बैन करने का आदेश दिया था. सेना ने जो सूची जारी की है उसमें कई विदेशी ऐप्स भी शामिल हैं जिनमें इंस्टाग्राम और डेटिंग ऐप्स भी हैं.
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टिक टॉक
सेना ने जिन 89 ऐप्स की सूची जारी की है उसमें कई चीनी ऐप्स भी शामिल हैं. इनमें टिक टॉक का भी जिक्र है. वीडियो होस्टिंग ऐप्स में लाइके, सामोसा और क्वाई जैसे ऐप शामिल हैं.
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वी चैट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सेना ने अपने आदेश में जिन ऐप्स को डिलीट करने को कहा है उनमें मैसेजिंग ऐप्स जैसे कि वी चैट, किक, वायबर, ईमो, टो टॉक और हाइक जैसे 14 ऐप्स शामिल हैं.
पबजी
जवानों को गेमिंग ऐप डिलीट करने को कहा गया है, जिनमें पबजी, क्लैश ऑफ किंग्स और मोबाइल लेजेंड्स जैसे पांच गेमिंग ऐप्स शामिल हैं.
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डेटिंग ऐप्स
सूची में कुछ डेटिंग ऐप्स का भी जिक्र है. मशहूर डेटिंग ऐप्स टिंडर, ओके क्यूपिड, बाडू और काउच सर्फिंग जैसे ऐप्स शामिल हैं. पिछले दिनों गलवान घाटी में चीन के साथ तनाव के बाद भारत ने 59 चीनी ऐप्स को बैन कर दिया था.
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जूम
सेना के जवानों और अफसरों को जिन ऐप्स डिलीट करने को कहा गया उनमें वीडियो और लाइव स्ट्रीमिंग ऐप्स भी हैं. बिग लाइव, जूम, वीमेट, विग वीडियो जैसे लाइव स्ट्रीमिंग ऐप्स हटाने को कहा गया है.
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ई-कॉमर्स
ई-कॉमर्स ऐप्स जिनमें क्लब फैक्ट्री, अली एक्सप्रेस, चाइना ब्रांड्स जैसे कुछ ऐप्स को भी स्मार्ट फोन से हटाने को कहा गया है. दरअसल इन ऐप्स के जरिए अहम जानकारियां चुराने का संदेह बना रहता है और इसी वजह से ऐसा कदम उठाया गया है.
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डेली हंट
न्यूज ब्राउजिंग ऐप्स न्यूज डॉग और डेली हंट जैसे ऐप को भी डिलीट करने का फरमान जारी किया गया है. 13 लाख जवानों वाली सेना के लिए डाटा सुरक्षा अहम मुद्दा बना रहता है.
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म्यूजिक ऐप
89 ऐप्स में म्यूजिक ऐप जैसे कि हंगामा और सॉन्ग डॉट पीके भी शामिल हैं. दरअसल सेना ने उन्हीं ऐप्स से दूरी बनाने का आदेश जारी किया है जिन पर कभी न कभी निजी डाटा चोरी होने के आरोप लगे हैं.