विमान में 10,000 मीटर की ऊंचाई पर अगर आपको पता चले कि पायलट फर्जी है तो सोचिए मुसाफिरों की क्या हालत होगी. पाकिस्तान में ऐसे दर्जनों फर्जी पायलट पकड़े गए हैं.
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पाकिस्तान की सिविल एविएशन अथॉरिटी (सीएए) ने सुप्रीम कोर्ट को पायलटों की फर्जी डिग्री मामलों की जानकारी दी है. सीसीए के मुताबिक पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) के 24 पायलट और 67 क्रू मेम्बर फर्जी डिग्री के साथ पकड़े गए. मामले के सामने आने के बाद 17 पायलटों ने इस्तीफा दे दिया है. 7 को कोर्ट से स्टे ऑर्डर मिला है.
असल में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीएए ने पाकिस्तान की सभी एयरलाइन कंपनियों के कर्मचारियों के दस्तावेजों की जांच शुरू की. सबसे पहले सरकारी एयरलाइंस पीआईए के 1,972 कर्मचारियों के दस्तावेजों की जांच की गई. इस दौरान पता चला कि विमान परिचालन से जुड़े 91 कर्मचारियों ने फर्जी डिग्रियों का सहारा लिया. फर्जी दस्तावेजों का सहारा लेने वाले कर्मचारियों के खिलाफ अब कार्रवाई हो रही है.
सुप्रीम कोर्ट में सीएए की तरफ से पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया है, "पीआईए के मौजूदा 451 पायलटों में से 319 की डिग्री/सर्टिफिकेट सही पाए गए. 124 पायलटों की डिग्री/सर्टिफिकेटों की जांच चल रही है. फर्जी डिग्री वाले सात पायलट अब भी काम कर रहे हैं क्योंकि अदालत ने उनके पक्ष में ऑर्डर (स्टे) दिया है."
पीआईए के बाद अब प्राइवेट एयरलाइंसों की बारी है. रिपोर्ट के मुताबिक, "प्राइवेट एयरलाइंस शाहीन एयर, एयर ब्लू और सेरेने एयर ने अपने पायलटों और केबिन क्रू के दस्तावेजों की जांच करने के लिए कुछ वक्त मांगा है. इन कंपनियों का कहना है कि उन्होंने ऐसी जांच पहले कभी नहीं की है, लिहाजा थोड़ा वक्त चाहिए. सीएएस की समिति ने उन्हें पत्रों के जरिए विस्तार से बताया है कि एक महीने के भीतर इस प्रक्रिया को कैसे पूरा करना है."
यह मामला जुलाई 2017 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने शाहिद खाकान अब्बासी की भी लुटिया डुबो सकता है. अब्बासी एयर ब्लू के सीईओ और प्रेसीडेंट हैं. फर्जी डिग्री मामले में पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने सारी एयरलाइनों के शीर्ष अधिकारियों को समन किया है. चीफ जस्टिस मियां शाकिब निसार ने अपने आदेश में कहा, "हमने एयर ब्लू के सीईओ को समन किया है. उन्हें खुद को एयर ब्लू के चीफ की तरह पेश करना होगा, न कि प्रधानमंत्री की तरह." सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री का एक निजी एयरलाइन कंपनी का सीईओ होना, हितों के टकराव का गंभीर मामला भी है.
यह पहला मामला नहीं है जब पाकिस्तान की एयरलाइंसों में फर्जी कर्मचारी पकड़े गए हैं. इससे पहले भी 2016 में 39 और 2014 में 300 कर्मचारी फर्जी डिग्री के चक्कर में नौकरी गंवा चुके हैं.
दुनिया के सबसे बड़े विमान हादसे
हवाई सफर को सबसे सुरक्षित सफर माना जाता है. लेकिन इसके इतिहास में कई दर्दनाक हादसे भी दर्ज हैं. एक नजर दुनिया की सबसे बड़ी हवाई दुर्घटनाओं पर.
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25 मई 1979, 273 मौतें
मरने वालों की संख्या के हिसाब से सबसे बड़े हादसों में दसवें नंबर पर है अमेरिका के इलेनॉय में 25 मई 1979 को हुई दुर्घटना. अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट 191 शिकागो से उड़ान भरने के चंद मिनटों में ही क्रैश हो गई और इसमें सवार सभी 258 मुसाफिर, 13 चालक दल के सदस्य और दो लोग जमीन पर मारे गए थे.
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19 फरवरी 2003, 275 मौतें
ईरान में केरमेन के पास पहाड़ी इलाके में 19 फरवरी 2003 को बड़ा विमान हादसा हुआ जिसमें विमान पर सवार सभी 275 लोग मारे गए थे. विमान ईरान के रेवोल्यूशनरी गार्ड्स के जवानों को लेकर जा रहा था.
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3 जुलाई 1988, 290 मौतें
3 जुलाई 1988 को हरमुज जलमडमरूमध्य में ईरान एयर की फ्लाइट को अमेरिकी नौसेना ने मार गिराया था, जिसमें विमान पर सवार सभी 290 लोग मारे गए थे. अमेरिकी सरकार का कहना था कि उसकी नेवी ने विमान को गलती से कोई लड़ाकू विमान समझ लिया था. तेहरान से दुबई जा रही ये उड़ान नियमित रूट पर नहीं थी.
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17 जुलाई 2014, 298 मौतें
17 जुलाई 2014 को एम्सटरडैम से कुआलालंपुर जा रहे मलेशिया एयरलाइंस के विमान को यूक्रेन में दोनेत्सक इलाके में मार गिराया गया. विमान पर सवार सभी 283 यात्री और चालक दल के 15 सदस्य मारे गए. डच सेफ्टी बोर्ड ने 2015 में अपनी जांच में कहा कि विमान को रूस समर्थक विद्रोहियों ने जमीन से हवा में मार करने वाली बक मिसाइल से गिराया था.
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19 अगस्त 1980, 301 मौतें
सऊदी अरब की राजधानी रियाद से 19 अगस्त 1980 को उड़ाने भरने के बाद ही सऊदिया एयरलाइंस की फ्लाइट 163 में आग लग गई. हादसे में सभी 287 यात्रियों समेत 301 लोग मारे गए.
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23 जून 1985, 329 मौतें
23 जून 1985 का दिन एयर इंडिया के इतिहास में एक दर्दनाक दिन था जब जमीन से 31 हजार फीट की ऊंचाई पर आयरलैंड के आसमान में उसके एक विमान को बम से उड़ा दिया गया. इसमें चालक दल के 22 सदस्यों समेत 329 लोग मारे गए थे. कनाडा की जांच में इसके लिए सिख अलगाववादी संगठन बब्बर खालसा के सदस्यों को जिम्मेदार बताया गया था.
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3 मार्च 1974, 346 मौतें
3 मार्च 1974 को टर्किश एयरलाइंस का एक विमान पेरिस के पास जंगलों में क्रैश हो गया. हादसे में विमान पर सवार सभी 346 लोग मारे गए.
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12 नवंबर 1996, 349 मौतें
हवाई दुर्घटनाओं के इतिहास का तीसरा सबसे दर्दनाक हादसा हरियाणा के चरखी दादरी में हुआ था जब आकाश में सऊदी अरब और कजाखस्तान के विमान टकरा गए. हादसे में दोनों विमानों में सवार 349 लोग मारे गए.
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12 अगस्त 1985, 509 मौतें
जापान एयरलाइंस का एक विमान 12 अगस्त 1985 को राजधानी टोक्यो से लगभग 100 किलोमीटर दूर हादसे का शिकार हो गया. इस हादसे में कुल 520 लोग मारे गए जिनमें 509 यात्री और 15 चालक दक के सदस्य थे.
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27 मार्च 1977, 583 मौतें
सबसे बड़ा विमान हादसा 27 मार्च 1977 को हुआ था जब स्पेन के द्वीप टेनेरीफ के हवाई अड्डे पर दो विमान रनवे पर एक दूसरे से टकरा गए. दो बोइंग 747 विमानों की इस टक्कर में 583 लोग मारे गए थे.