पाकिस्तान में फर्जी पायलट लाइसेंस कांड, 262 पायलट बैठे घर
हारून जंजुआ (इस्लामाबाद से)
३० जून २०२०
पाकिस्तान ने कहा है कि वह अपने 262 पायलटों को विमान उड़ाने से रोकेगा, क्योंकि उनकी योग्यता सवालों के घेरे मे है. एक जांच में पता चला है कि इन पायलटों ने या तो परीक्षाओं में नकल की या किसी और से अपने पेपर दिलवाए.
विज्ञापन
पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) फिर विवादों में है. उसके एक तिहाई पायलटों पर संदेह है कि या तो उनके पास फर्जी लाइसेंस है या फिर उन्होंने धोखाधड़ी से लाइसेंस हासिल किया है.
पाकिस्तान के उड्ड्यन मंत्री गुलाम सरवर खान ने बताया है कि जिन पायलटों को विमान उड़ाने से रोका गया है उनमें पीआईए के 141, एयर ब्लू के नौ, सेरेने एयरलाइन के 10 और शाहीन एयरलाइंस के 17 पायलट शामिल हैं. इनमें 109 कमर्शल विमान पायलट हैं जबकि 153 एयरलाइन ट्रांसपोर्ट पायलट.
इस जांच ने पकिस्तान में पायलट लाइसेंस हासिल किए जाने की प्रक्रिया में धांधली की कलई खोल दी है. और फिर इनमें से कुछ पायलट दुनिया भर की विमानन कंपनियों में भी काम करते हैं.
पिछले महीने कराची में हुए विमान हादसे के बाद फर्जी पायलट लाइसेंस का मामला गर्माया है. इस हादसे में कुल 97 लोग मारे गए थे. शुरुआती जांच में पता चला कि पायलटों ने मानक प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया और अलार्म्स की अनदेखी की.
खान ने बताया कि 2018 से ही पायलटों और विमानन अधिकारियों की साठगांठ के परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ियों की जांच हो रही है. उन्होंने बताया कि जिन पायलटों पर आरोप है कि उन्होंने अपने एक या उससे ज्यादा पेपर किसी और से दिलवाए. किसी किसी पायलट ने तो लाइसेंस के लिए जरूरी सभी आठ पेपर ही किसी और से दिलवाए.
ये भी पढ़िए: सबसे सुरक्षित और असुरक्षित एयरलाइंस
सबसे सुरक्षित और असुरक्षित एयरलाइंस
दुनिया की 60 एयरलाइंसों में सबसे सुरक्षित कौन सी है? 2016 के डाटा के आधार पर जर्मनी के जेएसीडीईसी संस्थान ने सबसे सुरक्षित और असुरक्षित एयरलाइंसों की एक सूची तैयार की है.
तस्वीर: Reuters/E. Su
चाइना एयरलाइंस से बचना
2016 में लगभग 3.7 अरब लोगों ने विमान से यात्री की. जिन लोगों ने चाइना एयरलाइंस को चुना, उनकी पसंद सबसे जोखिम भरी थी. ताइवान की इस एयरलाइन को जेएसीडीईसी की 60 एयरलाइनों की सूची में सबसे नीचे रखा गया और इसे सबसे असुरक्षित एयरलाइन माना गया है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/X. Qintao
दूसरी सबसे खराब एयरलाइन
यह रैकिंग पिछले 30 साल की राष्ट्रीय हवाई सुरक्षा रिपोर्टों के आधार पर तैयार की गई है. इनमें यात्रियों की संख्या और हवाई सफर में तय की गई दूरी के मुकाबले विमान हादसों और उनमें मारे गए लोगों की संख्या के आधार पर रैंकिंग तय की गई है. कोलंबिया की एवियाना को दुनिया की दूसरी सबसे खराब एयरलाइंस बताया गया है.
तस्वीर: AFP/Getty Images
गुरुडा में भी खतरा
सबसे खराब एयरलाइंस की फेहरिस्त में इंडोनेशिया की गरुडा तीसरे स्थान पर आती है. इसमें सफर करने से भी बचने की सलाह दी जाती है. 1950 में शुरू होने वाली इस एयरलाइन के रिकॉर्ड में 47 हादसे दर्ज हैं. इनमें से 22 हादसों में कुल 583 लोग मारे गए हैं.
तस्वीर: A.Berry/AFP/GettyImages
रैकिंग संतुलित नहीं?
जेएसीडीईसी रैंकिंग की यह कह आलोचना भी हो रही है कि इसमें तकनीकी खामियों, इंसानी गलतियों, मौसम की परिस्थितियों, आतंकवादी हमलों को अलग करके नहीं देखा गया है. मिसाल के तौर पर आतंकवाद एयरलाइन की नहीं, बल्कि एयरपोर्ट सुरक्षा की जिम्मेदारी है. यह 10 फीसदी हादसों की वजह बना है.
तस्वीर: AP
खराब मौसम
ताजा आंकड़े दिखाते हैं कि 10 प्रतिशत विमान हादसे बर्फबारी, कोहरे और तूफानों की वजह से होते हैं. हालांकि बिजली का गिरना उतना खतरनाक नहीं है जितना माना जाता है.
तस्वीर: dapd
तकनीकी खामियां
आधुनिक विमान मॉडर्न टेक्नॉलजी से लैस होते हैं. लेकिन 20 प्रतिशत विमान हादसों के लिए तकनीकी खामियां जिम्मेदार होती हैं.
तस्वीर: Getty Images/AFP/J. Eisele
इंसानी भूल
आजकल जितने भी विमान हादसे होते हैं उनमें से आधे हादसों के लिए पायलट ही जिम्मेदार पाए जाते हैं. मशीनें और इंसानों के बीच कई बार संपर्क में गलतियां होती हैं और ऐसी गलतियों के लिए इंसान जिम्मेदार माने जाते हैं.
तस्वीर: picture alliance/ROPI
करामात
लेकिन कई बार पायलटों ने चमत्कार जैसे कारनामे भी कर दिखाए हैं. यह तस्वीर 2009 की है जब पायलट चेल्सी सुलेनबर्गर ने अमेरिका की हडसन नदी में विमान को उताकर 155 लोगों की जान बचाई थी.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/S. Day
विजेता
हांगकांग की कैथे पैसेफिक को 2016 की सबसे सुरक्षित एयरलाइन चुना गया है. इस मामले में दूसरे स्थान पर एयर न्यूजीलैंड और तीसरे स्थान पर चीन की हाइनान एयरलाइंस है. जर्मनी की एयरलाइन लुफ्तहांसा को 12वें स्थान पर रखा गया है. 2016 उन सालों में से एक है जब सबसे कम विमान हादसे हुए.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
सुरक्षित लेकिन खतरनाक भी
जेएसीडीईसी के अनुसार 2016 में विमान हादसों में 321 लोग मारे गए. हालांकि एविएशन सेफ्टी नेटवर्क इससे चार मौतें ज्यादा बताता है. 2016 में सबसे खतरनाक हादसा बोलिविया में हुआ जब लामिया एयरलाइन का विमान मेलेडिन इलाके में हादसे का शिकार हो गया. इस हादसे में सभी 71 लोग मारे गए. मरने वालों में ब्राजील की एक क्लब फुटबॉल टीम के सदस्य भी थे.
तस्वीर: Reuters/F. Builes
10 तस्वीरें1 | 10
पाकिस्तानी पायलटों की योग्यता से जुड़ी समीक्षा सार्वजनिक होने पर पता चला है कि पाकिस्तान के कुल 860 पायलटों में से 262 के पास फर्जी लाइसेंस हैं. इसके बाद पीआईए ने कहा कि वह अपने सभी संदिग्ध पायलटों को विमान नहीं उड़ाने देगी. उड्डयन मंत्री ने कहा, "हम एयरलाइंस को फिर से व्यवस्थित करेंगे और साफ सफाई की यह प्रक्रिया इस साल के आखिर तक पूरी हो जाएगी."
वैश्विक शर्मिंदगी या सुधार?
पाकिस्तान में पायलटों की जांच 2018 में एक विमान हादसे के बाद शुरू हुई. पता चला कि उस विमान के पायलट के रिकॉर्ड में लाइसेंस के लिए परीक्षा का जो दिन दर्ज था, उस दिन तो सरकारी छुट्टी थी. इसका मतलब है कि टेस्टिंग हुई ही नहीं और लाइसेंस फर्जी था. इसी का नतीजा था कि 2019 में पीआईए के 16 पायलटों को विमान उड़ाने से रोक दिया गया.
उड्डयन विशेषज्ञ लाइसेंस कांड पर विभाजित हैं. खान का कहना है कि पायलटों को विमान उड़ाने से रोकना का मकसद पाकिस्तान एयरलाइंस उद्योग की साख बहाल करना है और इससे पीआईए को लेकर वैश्विक चिंताओं को दूर करने में मदद मिलेगी.
एक रिटायर्ड एयर फोर्स मार्शल शहजाद चौधरी कहते हैं, "पीआईए ना सिर्फ वित्तीय रूप से बल्कि नैतिक रूप से भी दिवालिया हो गया है. अब पाकिस्तान को तय करना है कि वह विमान दुर्घटनाओं वाली अपनी छवि को बरकरार रखना चाहता है या फिर उसे बदलना चाहता है. मुझे लगता है कि सुधार अच्छा विचार है, ताकि इस संस्थान को बेहतर किया जा सके."
चौधरी ने कहा, "संस्थागत सुधारों से पहले अस्थायी छवि के मुकाबले लोगों की जिंदगियों को खोना कहीं बदतर है. पीआईए में ट्रेनिंग, सोच और नजरिया, कुछ नहीं बचा है."
ये भी पढ़िए: हादसे और उनकी वजह
हादसे और उनकी वजह
दुनिया भर में रोज 76,000 से ज्यादा विमान लाखों यात्रियों को मंजिल तक पहुंचाते हैं. लेकिन जब कभी कोई हादसा होता है तो सुरक्षा के लिहाज से कान खड़े हो जाते हैं. एक नजर बीते पांच साल के बड़े हवाई हादसों और उनके कारणों पर.
तस्वीर: picture alliance/dpa
जर्मनविंग्स (24.03.2015)
जर्मन एयरलाइंस जर्मनविंग्स का एक विमान बार्सिलोना से डुसेलडॉर्फ जाते हुए फ्रांस में आल्प की पहाड़ियों में क्रैश हुआ. विमान में सवार सभी 150 लोगों की मौत हुई. को-पायलट ने जानबूझकर विमान को क्रैश किया.
तस्वीर: French Interior Ministry/DICOM/Y. Malenfer via Reuters
एयर एशिया (28.12.2014)
162 लोगों को लेकर जा रहा एयर एशिया का विमान एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क टूटने के बाद लापता हो गया. साल भर बाद आई जांच रिपोर्ट के मुताबिक विमान के रडर सिस्टम में खराब उपकरण लगा था. हादसे के लिए पायलटों को भी जिम्मेदार ठहराया गया.
तस्वीर: Reuters/A. Berry
एयर अल्जेरी (24.07.2014)
बुर्किना फासो की राजधानी वागादुगू से अल्जीयर्स के लिए निकली एयर अल्जेरी की फ्लाइट उत्तरी माली में क्रैश हुई. पायलटों ने आखिरी बार एयर ट्रैफिक कंट्रोल को सूचना दी कि खराब मौसम के चलते वो रास्ता बदल रहे हैं. जुलाई में यह तीसरा विमान हादसा था.
तस्वीर: Reuters/Ouagadougou airport
एमएच17 (17.07.2014)
मलेशिया एयरलाइंस के लिए यह साल बेहद बुरा रहा. मार्च के हादसे के चार महीने बाद हॉलैंड से मलेशिया जा रही फ्लाइट एमएच17 यूक्रेन में क्रैश हो गई. हादसे में सभी 298 लोगों की मौत हो गई. विमान को यूक्रेन के संकटग्रस्त इलाके में एक मिसाइल ने मारा.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
ट्रांसेशिया एयरलाइंस (23.07.2014)
ताइवान के पेंघु द्वीप में ट्रांसेशिया एयरलाइंस का छोटा विमान खराब मौसम के चलते एयरपोर्ट से कुछ दूर क्रैश हो गया. हादसे में 48 लोगों को मौत हुई. तूफान में फंसी फ्लाइट को पायलट ने दूसरी बार इमरजेंसी लैंडिंग में उतारने की कोशिश की, जो नाकाम रही.
तस्वीर: Reuters
मलेशिया एयरलाइंस (08.03.2014)
8 मार्च 2014, मलेशिया एयरलाइंस की फ्लाइट कुआलालम्पुर से बीजिंग जाते वक्त दक्षिण चीन सागर के ऊपर लापता हो गई. विमान में सवार 227 यात्री और 12 चालक दल सवार थे. विमान के मलबे को ढूंढने का काम जारी रही है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
भोजा एयर (20.04.2012)
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के एयरपोर्ट पर लैंड करने से ठीक पहले भोजा एयर का बोइंग 737 क्रैश हो गया. हादसे में 127 लोग मारे गए. जांच में पायलट को हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया गया. को-पायलट की चेतावनी के बावजूद कैप्टन विमान को नीचे उतारता गया. धुंध में जमीन नहीं दिखी और विमान टकरा गया.
तस्वीर: Reuters
ईरान एयर (09.01.2011)
ईरान एयर का बोइंग विमान पश्चिमोत्तर ईरान में जमीन पर टकराकर हजारों टुकड़ों में बदल गया. हादसे में 77 लोग मारे गए. हादसे की जांच रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं हुई है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
एयर इंडिया (22.05.2010)
22 मई 2010, दुबई से लौट रहा एयर इंडिया का विमान मंगलौर एयरपोर्ट के रनवे को पार करता हुआ पहाड़ी से नीचे गिर गया. 152 लोगों की मौत हुई. हादसे के लिए पायलट को जिम्मेदार ठहराया गया. पायलट के परिवार के मुताबिक एयर इंडिया ने अचानक ड्यूटी बदलते हुए थके हुए पायलट को फिर से कॉकपिट में बैठाया. कई हादसों की जांच में यह साफ हो चुका है कि थके पायलट को हर कीमत पर आराम दिया जाना चाहिए.
तस्वीर: AP
अफ्रीक्याह एयरवेज (12.05.2010)
दक्षिण अफ्रीकी शहर जोहानिसबर्ग से लीबिया की राजधानी त्रिपोली के लिए निकला अफ्रीक्याह एयरवेज का एयरबस विमान लैंडिंग से ठीक पहले क्रैश हुआ. हादसे में 103 लोग मारे गए, सिर्फ एक नौ साल का बच्चा बचा. हादसे के लिए पायलट की थकान और उसकी गलती को जिम्मेदार माना गया.
तस्वीर: AP
राष्ट्रपति की मौत (10.04.2010)
रूस के स्मोलेस्क शहर के बाहर हुए हवाई हादसे में पोलैंड के राष्ट्रपति लेख काजिंस्की समेत 96 लोगों की मौत हो गई. विमान पोलैंड की वायु सेना का था. बदत्तर मौसम की वजह से पायलट विमान उतारना नहीं चाहते थे, लेकिन विमान में सवार अधिकारियों ने लैंडिंग का दबाव डाला.
तस्वीर: AP
यमेनिया (30.06.2009)
यमन की राजधानी सना से कोमोरोस आइलैंड के निकला एयरबस का विमान हिंद महासागर में क्रैश हुआ. हादसे में 153 लोग मारे गए. राहतकर्मियों को 13 घंटे बाद तैरते मलबे पर बैठी एक 12 साल की बच्ची जिंदा मिली. हादसे के लिए पायलट के जोखिम भरी कलाबाजियों को जिम्मेदार ठहराया गया.
तस्वीर: AP
एयर फ्रांस (01.06.2009)
ब्राजील के शहर रियो डे जेनेरो से पेरिस के लिए उड़ा एयर फ्रांस का एयरबस विमान अटलांटिक महासागर के ऊपर लापता हो गया. कई घंटे बाद पता चला कि विमान महासागर में क्रैश हुआ है. विमान में सवार सभी 228 लोग मारे गए. हादसे के लिए सेंसरों की गड़बड़ी और नए पायलट की अनुभवहीनता को जिम्मेदार माना गया.
तस्वीर: dapd
13 तस्वीरें1 | 13
दूसरी तरफ कई लोग मानते हैं कि इस पूरी जांच से पाकिस्तान के उड्डयन उद्योग को एक वैश्विक शर्मिंदगी का सामना करना होगा और वे प्रस्तावित सुधारों पर भी संदेह जताते हैं. 2011 तक पीआईए के प्रबंध निदेशक रहे इजाज हारून कहते हैं, "सरकार की तरफ से इस तरह का बयान दिया जाना और विमान उड़ाने से रोके जाने वाले पायलटों की लिस्ट थमा देना संदेहपूर्ण लगता है. इसमें बहुत सारी गलतियां हैं और इससे एक बड़ा संकट पैदा होगा. लोग पीआईए के विमानों में बैठने की सोचेंगे भी नहीं. उन्हें लगेगा कि फर्जी लाइसेंस वाले पायलट विमान उड़ा रहे हैं."
वह कहते हैं, "बड़ी चुनौती पीआईए को फिर से खड़ा करने की है. अगर चालक दल में आत्मविश्वास का स्तर बहुत नीचा हो तो सब कुछ खत्म हो जाता है. यह कदम ताबूत में आखिरी कील साबित होगा."
पायलटों की लिस्ट पर संदेह
दूसरी तरफ पाकिस्तान एयर लाइन पायलट संघ ने सरकार की तरफ से तैयार लिस्ट को चुनौती दी है और इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की है. उसे सरकार की जांच पर भरोसा नहीं है.
विमान उड़ाने से रोके जाने वाले एक पायलट ने नाम ना जाहिर करने की शर्त पर डीडब्ल्यू से कहा, "नागरिक उड्डयन प्राधिकरण को परीक्षा के बाद ही लाइसेंस जारी करने का अधिकार है, लेकिन सरकार ने जो लिस्ट बनाई है उसमें गलतियां ही गलतियां हैं. इसके नतीजे क्या होंगे, यह जाने बिना ही जल्दबाजी में लिस्ट बनाई गई है."
इस पायलट के पास 19 साल तक विमान उड़ाने का अनुभव है. वह अपना नाम इस लिस्ट में होने पर हक्का बक्का रह गया. उसका कहना है, "मुझे नहीं पता कि सरकार क्या करने जा रही है. मुझे उनके इरादों पर संदेह है. या तो वे सरकारी एयरलाइंस को निजी हाथों में देने जा रहे हैं या फिर विदेशों में होटल खरीदने के लिए इसे पूरी तरह बंद करने की योजना बना रहे हैं."
ये भी पढ़िए: सबसे ज्यादा देशों को छूने वाली एयरलाइंस
सबसे ज्यादा देशों को छूने वाली एयरलाइंस
दुनिया भर में हर दिन करीब 60 लाख लोग विमानों में सवार होकर विश्व के कोने कोने तक जाते हैं. एक नजर सबसे ज्यादा देशों तक उड़ान भरने वाली एयरलाइन कंपनियों पर.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/F. Rumpenhorst
10. यूनाइटेड (अमेरिका)
अमेरिकी एयरलाइन कंपनी यूनाइटेड के विमान 60 देशों के लिए सीधी उड़ान भरते हैं.
तस्वीर: Lars Wendt
09. एजिप्टएयर (मिस्र)
डायरेक्ट फ्लाइट के मामले में इजिप्टएयर के विमान 66 देशों को छूते हैं.
तस्वीर: Imago/Tass/D. Osipov
08. केएलएम (नीदरलैंड्स)
हॉलैंड की यह एयरलाइन भी इजिप्टएयर के बराबर ही 66 देशों के लिए सीधी उड़ान भरती है.
तस्वीर: AFP/Getty Images/R. de Waal
07. एमिरेट्स (यूएई)
अबू धाबी के हेडक्वार्डर से चलने वाली एमिरेट्स की फ्लाइटें 70 देशों को जोड़ती हैं.
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/K.Jebreili
06. डेल्टा (अमेरिका)
यात्रियों की संख्या के लिहाज से डेल्टा दुनिया की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी है. इसके विमान 71 देशों की सीधी उड़ान भरते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/D. Goldman
05. कतर एयरवेज (कतर)
दोहा से ऑपरेट होने वाली कतर एयरवेज के विमान 73 देशों की सीधी उड़ान भरते हैं.
तस्वीर: picture alliance/dpa/epa/Stringer
04. एयर फ्रांस (फ्रांस)
78 देशों के लिए उड़ान भरने वाले एयर फ्रांस के विमान हर महाद्वीप से आपको सीधे पेरिस पहुंचा सकते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/R. Ruprecht
03. ब्रिटिश एयरवेज (ब्रिटेन)
ब्रिटिश एयरवेज के विमान 78 देशों के लिए उड़ान भरते हैं. इनमें सभी अहम कॉमनवेल्थ देश शामिल हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/T. Ockenden
02. लुफ्थांसा (जर्मनी)
रेवेन्यू के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी लुफ्थांसा के विमान 83 देशों को जर्मनी से जोड़ते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/J. Woitas
01. टर्किश एयरलाइंस (तुर्की)
"ग्लोबली योर्स" का नारा देने वाली टर्किश एयरलाइन के विमान 106 देशों तक जाते हैं. यह अकेली ऐसी एयरलाइन है जो अफ्रीकी महाद्वीप के 55 में से 29 देशों को तुर्की से जोड़ती है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/F. Rumpenhorst
10 तस्वीरें1 | 10
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और एक उड्डयन विशेषज्ञ शाहिद खाकान अब्बासी ने डीडब्ल्यू से कहा, "सरकार की तरफ से इतनी जल्दी पायलटों की लिस्ट सार्वजनिक करना अच्छा कदम नहीं है. यह एक गंभीर मुद्दा है और इस बारे में पूरी जांच होनी चाहिए क्योंकि हमारे 40 प्रतिशत पायलट अब संदेह के घेरे में हैं. सरकार ने जांच से पहले ही लिस्ट जारी कर दी और जांच की घोषणा बाद में की."
अब्बासी ने कहा कि सरकार के कदम ने दुनिया भर में पाकिस्तान के पायलटों की छवि को धक्का पहुंचाया है. उन्होंने बताया कि टर्किश एयरलाइंस ने 16 पाकिस्तानी पायलटों को विमान उड़ाने से रोक दिया है क्योंकि उनके नाम भी इस लिस्ट में शामिल हैं. इसी तरह वियतनामी एयरलाइन में काम करने वाले सभी पाकिस्तानी पायलटों को भी विमान उड़ाने से रोक दिया गया है.
अंतरराष्ट्रीय विमानन संस्थाओं ने इतनी बड़ी संख्या में पायलटों के लाइसेंस फर्जी मिलने पर चिंता जताई है. इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के एक प्रवक्ता ने कहा, "हम पाकिस्तान में फर्जी पायलट लाइसेंस कांड से जुड़ी रिपोर्टों पर नजर बनाए हुए हैं, जो चिंताजनक हैं. यह मामला लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया और सुरक्षा से जुड़ी गंभीर चूकों की तरफ इशारा करता है." इसके अलावा यूरोपियन यूनियन एविएशन सेफ्टी एजेंसी ने कहा है, "हम मामले की जांच कर रहे हैं. लेकिन अभी इस बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं."
पाकिस्तान में पिछली कई सरकारों ने पीआईए को निजी हाथों में देने की कोशिश की लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण ऐसा संभव नहीं हो पाया. पीआईए के बेड़े में कुल 31 विमान है जबकि वहां कार्यरत पायलटों की संख्या 434 है. अकसर रद्द होने वाली उड़ानों और कुप्रबंधन के कारण पीआईए गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रही है.