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पाकिस्तान में फिर ड्रोन हमला, तीखी आलोचना

१४ अप्रैल २०११

पाकिस्तान में संदिग्ध अमेरिकी ड्रोन हमले में छह लोग मारे गए हैं जो अल कायदा से जुड़े हक्कानी ग्रुप से बताए जाते हैं. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई प्रमुख के अमेरिकी दौरे के बाद हुए इस हमले पर तीखी प्रतिक्रिया हुई है.

तस्वीर: AP

बुधवार को पायलट रहित विमान ने दक्षिणी वजीरिस्तान जिले में जा रहे एक वाहन पर चार मिसाइलें दागीं. ड्रोन हमले में उस रास्ते को निशाना बनाया गया जिसे अफगानिस्तान में घुसपैठ करने वाले तालिबान और अल कायदा के लड़ाके इस्तेमाल करते हैं. पाकिस्तानी सेना के एक अधिकारी ने बताया, "यह अमेरिका ड्रोन हमला था. चार मिसाइलें दागी गईं. एक वाहन को निशाना बनाया गया. कई उग्रवादी मारे गए हैं. मरने वालों की संख्या छह है."

तस्वीर: DW

दूसरे सैन्य अधिकारी ने मृतकों की संख्या की पुष्टि करते हुए बताया कि यह हमला दक्षिणी वजीरिस्तान के अंगूर अड्डा कस्बे के पास हुआ जो अफगान सीमा से छह किलोमीटर दूर है. पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों का कहना है कि मरने वाले हक्कानी ग्रुप से हैं. हक्कानी ग्रुप तालिबान का समर्थक है और उसने अफगानिस्तान में अमेरिकी फौजियों पर कई बड़े हमले किए हैं. 2009 में खोस्त में किए गए उसके हमले में सात सीआईए एजेंट मारे गए.

ताजा ड्रोन हमला वॉशिंगटन में सीआईए के प्रमुख ल्योन पनेटा से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शुजा पाशा की मुलाकात के एक दिन बाद हुआ है. ड्रोन हमले सीआईए के अधिकार क्षेत्र में ही आते हैं. बताया जाता है कि पाशा ने अपनी बातचीत में ड्रोन हमलों पर चिंता जताई है.

पाकिस्तान सरकार ने बुधवार के ड्रोन हमले की कड़ी आलोचना की है. विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है, "पाकिस्तान अंगूर अड्डा में हुए ड्रोन हमले की कड़ी निंदा करता है. हम बराबर कहते रहे हैं कि इस तरह के हमलों का परिणाम गलत निकलेगा. इनसे सिर्फ आंतकवादियों के हाथ ही मजबूत होंगे."

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने भी ड्रोन हमले की कड़ी निंदा की है. उन्होंने संसद में कहा कि इस तरह की कार्रवाइयों से आंतकवाद विरोधी कोशिशों को नुकसान होता है. जानकारों का मानना है कि घरेलू दबाव के चलते पाकिस्तान सरकार के लाख विरोध के बावजूद सीआईए ड्रोन हमलों को रोकने के हक में नहीं है. पिछले साल पाकिस्तान में ड्रोन हमलों की संख्या दोगुनी हो गई. 100 से ज्यादा हमलों में लगभग 670 लोग मारे गए. 2009 में ऐसे 45 हमले हुए जिनमें 420 लोगों की मौत हुई. वैसे अमेरिका सार्वजनिक तौर पर ड्रोन हमले करने की बात नहीं मानता लेकिन अफगानिस्तान में काम कर रही अमेरिकी सेना और सीआईए के पास ही यह हथियार है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एन रंजन

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