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पाकिस्तान में राहत कर्मियों पर हमले का खतरा

२६ अगस्त २०१०

पाकिस्तान में दक्षिणी प्रांत सिंध में एक बांध टूटने के बाद राहतकर्मी कई और शहरों को खाली करा रहे है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे है. वहीं अमेरिका ने विदेशी राहतकर्मियों पर तालिबान हमले की आशंका जताई है.

तस्वीर: AP

सिंध प्रांत में सिंधु नदी का महत्वपूर्ण बांध टूट गया है और नदी के मटमैले पानी के सूजावाल, दारो तथा मीरपुर बातोरो शहर में घुसने का खतरा है जहां 4 लाख लोग रहते हैं. आपदा प्रबंधन कार्यालय की स्थानीय शाखा के प्रमुख सालेह फारूकी ने कहा है कि लोगों की चेतावनी दी गई है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है. दूसरे बांधों के भी टूटने का खतरा है जिसकी वजह से सिंधु डेल्टा में अन्य शहरों को भी खाली करना पड़ सकता है.

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में संयुक्त राष्ट्र के अनुसार 8 लाख लोगों के भूख और महामारी से मरने का खतरा है. सैकड़ों लोगों की मौत हो गई है जबकि लाखों बेघर हो गए हैं. सेना के एक प्रवक्ता ने कहा है कि बाढ़ पीड़ितों को राहत देने में सुधार नहीं होता है तो उपद्रव फैल सकता है. अधिकांश इलाकों तक पहुंचने के लिए हेलिकॉप्टर की जरूरत है.

बाढ़ में फंसे लोगतस्वीर: AP

बाढ़ के कारण इस्लामी कट्टरपंथियों के खिलाफ चल रहे संघर्ष को भी नुकसान पहुंचने की संभावना है. संयुक्त राष्ट्र ने राहत कार्य में हेलिकॉप्टरों की कमी की शिकायत की है. एक ओर पाकिस्तान भारत से सुरक्षा कारणों से सैनिक हेलिकॉप्टरों की मदद नहीं ले रहा है, दूसरी ओर राहत का संयोजन कर रही पाकिस्तानी सेना ने उन इलाकों से कुछ हेलिकॉप्टर हटा लिए हैं जहां वह तालिबान विद्रोहियों के खिलाफ लड़ रही है. तालिबान समर्थक राहत संगठन बाढ़ पीड़ितों की मदद के जरिए उनका समर्थन जीतने का प्रयास कर रहे हैं.

इस बीच अमेरिका ने चेतावनी दी है कि बाढ़ ग्रस्त इलाकों में विदेशी राहतकर्मियों पर तालिबानी हमलों का खतरा है. एक अमेरिकी उच्चाधिकारी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "अमेरिकी सरकार को उपलब्ध जानकारी के अनुसार तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान में राहत में लगे विदेशियों पर हमले की योजना बना रहा है." पाकिस्तान मे तालिबान से संबंधित गुटों को बहुत से हमलों के लिए जिम्मेदार समझा जाता है.

दूध पाने के लिए उठे हाथतस्वीर: AP

इस चेतावनी पर टिप्पणी करते हुए संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता माउरित्सियो जूलियानो ने इस्लामाबाद में कहा है, "हमें और हमारे काम पर हमला अमानवीय होगा, और उन लाखों लोगों को नुकसान पहुंचाएगा जिनको हम बचाने का प्रयास कर रहे हैं." तालिबान ने बाढ़ वाले इलाकों में विदेशी मदद की आलोचना की है और पाकिस्तान सरकार से अमेरिकी सहायता को ठुकराने की मांग की है.

उधर अमेरिकी राहत कार्यों के संयोजक जनरल माइकेल नगाटा ने कहा है कि उन्हें अब तक किसी खतरनाक स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा है. उत्तरी पाकिस्तान से एक वीडियो कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि पिछले तीन सप्ताह में अमेरिकी सैनिकों के साथ कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई है. अमेरिकी सेना 19 हेलिकॉप्टरों के साथ प्रभावित इलाकों में राहत पहुंचाने और लोगों को बचाने में मदद कर रही है.

जर्मन सरकार ने गुरुवार को विशेषज्ञों की एक टीम और टीएचडब्ल्यू का पानी साफ करने वाले दो संयंत्र पाकिस्तान भेजे हैं. दोनों संयंत्रों की मदद से हर घंटे 12 हजार लीटर पानी साफ किया जा सकता है. लोगों को साफ पानी मुहैया कराने के लिए इन संयंत्रों को पंजाब प्रांत में लगाया जाएगा.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: ए कुमार

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