1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

पाक से जुड़ते उइगुर हिंसा के तार

१ अगस्त २०११

कूटनीतिक मामलों में एक दूसरे के पक्के दोस्त चीन और पाकिस्तान इस्लामी चरमपंथ के मुद्दे पर आमने सामने नजर आ रहे हैं. चीन का कहना है कि उसके शिनचियांग प्रांत में हालिया हमले करने वालों को पाकिस्तान में ट्रेनिंग मिली.

हिंसा के बाद शहर में पुलिस की भारी तैनाती हैतस्वीर: AP

रविवार को कशगार शहर में हुए हमले में 11 लोग मारे गए. शिनचियांग में रहने वाले उइगुर मुसलमान हान चीनियों की मौजूदगी और चीन सरकार की तरफ से लगाई गईं धार्मिक और राजनीतिक पाबंदियों पर लंबे समय से नाराजगी जताते रहे हैं.

कशगार में उइगुर लोगों का दबदबा है. वहां रविवार को कम तीव्रता वाले दो हमले हुए. धमाकों के 24 घंटों के भीतर ही स्थानीय सरकार ने इनमें विदेशी चरमपंथियों का हाथ होने का आरोप लगाया है. सरकारी बयान में कहा गया है, "सप्ताहांत को हुए हमलों के पीछे ऐसे धार्मिक चरमपंथियों का हाथ है जिनका नेतृत्व विदेश में ट्रेनिंग हासिल करने वाले लोग कर रहे हैं." शुरुआती पुलिस पूछताछ से पता चलता है कि इस हमले को कराने वाले चरमपंथी गुट के नेताओं ने पाकिस्तान में मौजूद 'पूर्वी तुर्केस्तान इस्लामिक मूवमेंट' के शिविरों में विस्फोटकों और हथियारों के बारे में ट्रेनिंग ली.

शिनचियांग में उइगुर और हान, एक दूसरे को शक की नजर से देखते हैंतस्वीर: AP

चीन के लिए चुनौती

चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बताया है कि पुलिस ने पांच लोगों को गोलीबारी में मार दिया और चार लोगों को गिरफ्तार किया. इन लोगों ने एक रेस्त्रां पर धावा बोला और उसमें आग लगा दी, उसके मालिक और वेटर को मार दिया और फिर वे सड़क पर निकल गए जहां उन्होंने चार लोगों की हत्या कर दी.

चीन की सत्ताधारी पार्टी के लिए शिनचियांग में हालिया हिंसा इलाके पर नियंत्रण रखने के लिहाज से एक और मुश्किल इम्तिहान है. इस इलाके में रहने वाले उइगुर और हान एक दूसरे को शक की निगाह से देखते हैं. चीन सरकार को इस बात की चिंता है कि कहीं अरब जगत में फैली अशांति कम्युनिस्ट पार्टी के शासन के लिए मुश्किल न पैदा कर दे. कशगार शिनचियांग के दक्षिण में है जहां उइगुर लोगों का दबदबा है

सरकारी बयान में कहा गया है, "यह आतंकवादी हिंसा की एक और घटना है जिसे विशेष परिस्थितियों में दुश्मनों के एक छोटे से गुट ने संगठित और सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया है." गिरफ्तार लोगों ने माना है कि उनका मुखिया पहले पाकिस्तान जा चुका है जहां वह 'पूर्वी तुर्केस्तान इस्लामिक मूवमेंट' में शामिल हुआ. उसने वहां से ट्रेनिंग हासिल करके वापस चीन में घुसपैठ की. बयान में आगे कहा गया है, "इस आतंकवादी हिंसा का घिनौना मकसद अंतर-जातीय एकता और सामाजिक स्थिरता को बिगाड़ना और जातीय नफरत फैलाना है. वे जातीय संकट पैदा कर शिनचियांग को मातृभूमि से अलग करना चाहते हैं और सभी जातीय समूह के लोगों को मुश्किल में डालना चाहते हैं."

दो साल पहले हुई हिंसा में 200 लोग मारे गएतस्वीर: AP

लोगों में दहशत

शिन्हुआ की खबर के मुताबिक हिंसा के बाद शहर की सड़कें वीरान हो गईं. कशगार से एक हान महिला कारोबारी ने फोन पर बताया, "सड़कों पर बहुत कम लोग हैं. जब तक बहुत जरूरी नहीं होगा, तो मैं बाहर नहीं जाऊंगी." उसने बताया कि शहर में पुलिस की भारी तैनाती की गई है.

जुलाई 2009 में शिनचियांग की राजधानी उरुमची में हान चीनियों और उइगुर लोगों के बीच हुई हिंसा में लगभग 200 लोग मारे गए. मरने वालों में ज्यादातर हान थे. चीन शिनचियांग को रणनीतिक लिहाज से बहुत अहम मानता है. चीन किसी भी तरह से इस इलाके पर अपनी पकड़ ढीली करने के संकेत नहीं देता. शिनचियांग चीन के कुल क्षेत्रफल का छठा हिस्सा है और वहां पर तेल और गैस के भंडार हैं.

उइगुरों की नाराजगी

शिनचियांग में चीन की नीति के विरोधी और उइगुरों के स्वशासन की वकालत करने वालों का कहना है कि चीन सरकार आतंकवादी संगठनों के प्रभाव को बढ़ा चढ़ा कर पेश करती है. उसकी कड़ी नीतियों के कारण ही उइगुर लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है. सरकार के मुताबिक 18 जुलाई को शिनचियांग में एक पुलिस थाने पर हुए हमले में '14 दंगाइयों' समेत 18 लोग मारे गए.

शिनचियांग में तुर्क मूल के अस्सी लाख मुसलमान रहते हैंतस्वीर: AP

बहुत से उइगुर लोगों का कहना है कि वह चीन सरकार की तरफ से अपने ऊपर लगाई गई राजनीतिक और धार्मिक पाबंदियों से परेशान हैं. वे अपने इलाके में बसाए जा रहे हान चीनी लोगों की मौजूदगी से भी नाराज हैं जिनका अब शिनचियांग में दबदबा हो गया है. हालांकि वहां जीवन स्तर ऊंचा हुआ है, लेकिन उइगुर लोगों का कहना है कि ज्यादातर फायदे हान लोगों को हो रहे हैं. शिनचियांग में तुर्क भाषा बोलने वाले अस्सी लाख से ज्यादा उइगुर लोग रहते हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः महेश झा

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें