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समाज

लड़ाई रोकने वाला ऐप कैसे काम करता है

६ दिसम्बर २०१९

बहुत से लोगों का मानना है कि आने वाले सालों में पानी के लिए हिंसक संघर्ष हो सकता है. इसे रोकने के लिए एक मोबाइल ऐप बनाया गया है. भला इस ऐप से हिंसा कैसे रुकेगी.

Symbolbild | Klimawandel | Dürre | Indien
तस्वीर: picture-alliance/NurPhoto/R- Shukla

ऐप बनाने वालों का कहना है कि आने वाले सालों में पानी को लेकर भारत, इराक और माली में संघर्ष हो सकता है. इसे रोकने के लिए उन्होंने एक ऐप बनाया है जिसका नाम है "ग्राउंड ब्रेकिंग." यह ऐप वास्तव में घटना के पहले चेतावनी देने वाला उपकरण है. इसने ईरान, नाइजीरिया और पाकिस्तान में के लिए भी वास्तविक घटना से 12 महीने पहले हिंसा की आशंका जताई है. यह हिंसा पानी को लेकर भी हो सकती है.

दुनिया में आमतौर पर उपयोग किया जाने वाला पानी सीमित मात्रा में है. जलवायु परिवर्तन, जनसंख्या वृद्धि, शहरों की बढ़ती संख्या, आर्थिक वृद्धि और कृषि के बढ़ते दायरे से पानी की आपूर्ति पर दबाव पड़ रहा है. संयुक्त  राष्ट्र के आंकड़े दिखाते हैं कि दुनिया की एक चौथाई आबादी जितनी तेजी से पानी का इस्तेमाल कर रही है, उतनी तेजी से प्राकृतिक स्रोत नहीं भर रहे हैं.

ऐप के लिए काम करने वाले वाटर, पीस और सिक्योरिटी (डब्ल्यूपीएस) पार्टनरशिप के अनुसार यह उपकरण विकास और आपदा प्रबंधन विशेषज्ञों सहित सरकारों और दूसरे लोगों को संघर्षों को रोकने के लिए जल्दी हस्तक्षेप करने में मदद करेगा. 10 या उससे ज्यादा घटनाओं की पहचान में इस उपकरण का परीक्षण किया गया है. इस दौरान इसकी सफलता की दर 86 प्रतिशत रही.

तस्वीर: Catherine Davison

डब्ल्यूपीएस के सहयोगी इंटरनेशनल एक्सपर्ट के साथ जुड़ी जलवायु परिवर्तन विशेषज्ञ जेसिका हर्टोग कहती हैं, "यह ऐप दुनिया भर में पानी से संबंधित बढ़ते संघर्षों की पहचान के लिए काफी महत्वपूर्ण है. अगर इसके द्वारा पहले से जारी आंकड़ों पर राजनेता कार्रवाई करें तो यह निश्चित रूप से कई जिंदगियों को बचाएगा."

डब्ल्यूपीएस ग्लोबल अर्ली वार्निंग टूल बीते 20 सालों में हुए संघर्ष को प्रभावित करने वाले 80 से अधिक कारको के आधार पर आगामी खतरों के बारे में आगाह करता है. इसमें उपग्रहों से प्राप्त वर्षा और सूखे के डाटा के साथ पिछली बार हुई हिंसा के पैटर्न का डाटा शामिल है. पिछली बार जहां हिंसा हुई वहां की आबादी का सामाजिक-आर्थिक डाटा को भी शामिल किया गया है.

नीदरलैंड के विदेश मंत्रालय की सहायता से चलने वाला विश्व संसाधन संस्थान भी डब्ल्यूपीएस पार्टनरशिप का हिस्सा है. संस्थान से जुड़े जल विशेषज्ञ चार्ल्स आइसलैंड कहते हैं, "संघर्ष के पीछे प्रायः एक बड़ा कारण पानी होता है, जिसकी अनदेखी की जाती है. किसी भी तरह का खूनखराबा होने से पहले हस्तक्षेप करना विकास और शांति अभियानों की एक बड़ी सफलता हो सकती है."

तस्वीर: picture-alliance/Zumapress

इस उपकरण का परीक्षण माली में किया गया जहां डोगन किसानों और फुलानी चरवाहों के बीच हिंसा की एक मुख्य वजह पानी है. इंटरनेशनल अलर्ट की हर्टोग कहती हैं, "डाटा एक महत्वपूर्ण चीज है जिससे आप नीति बनाने वालों और राजनेताओं तक पहुंच सकते हैं. माली में आने वाले खतरे पर बातचीत के लिए सरकार और सिविल सोसायटी समूहों को एक साथ ला रहे हैं."

डब्ल्यूपीएस ने आशंका जताई है कि इराक के बसरा में पानी बड़ी समस्या है. यहां स्थिति और बिगड़ेगी. गंदे पानी की आपूर्ति की वजह से यहां पिछले साल एक लाख 20 हजार लोगों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था.  

आरआर/एनआर (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन)

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