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पाबंदी कूड़े में फेंकने लायकः अहमदीनेजाद

१० जून २०१०

विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगने से बेपरवाह ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने पाबंदियों को इस्तेमाल किया हुआ रूमाल बताया है. लेकिन पश्चिमी देशों ने सुरक्षा परिषद के फैसले को बेहद महत्वपूर्ण माना है.

तस्वीर: AP

पिछले चार साल में सुरक्षा परिषद के इस चौथे प्रतिबंधों का ईरान पर कोई असर नहीं दिखता. ताजिकिस्तान का दौरा कर रहे ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने नए प्रतिबंधों को अपने देश के लिए ख़तरा बताया है और उसका विरोध करने की घोषणा की है.

तस्वीर: AP

दुशाम्बे में ईरानियों से भेंट में अहमदीनेजाद ने प्रतिबंध प्रस्ताव के बारे में कहा, "हमारे लिए यह कागज़ी रुमाल की तरह है जिससे मुंह पोछा जाता है और कूड़ेदान में फेंक दिया जाता है." उन्होंने पश्चिमी देशों पर आरोप लगाया कि वे मुनाफ़ा लाने वाले परमाणु ऊर्जा को लाभ के लिए अपने पास रखना चाहते हैं और ईरान से वैकल्पिक ऊर्जा के उपयोग काअधिकार छीनना चाहते हैं. ईरान के परमाणु दूत अली असगर सोल्तानियेह ने कहा है कि वह यूरेनियम का संवर्धन जारी रखेगा.

परिषद के 15 सदस्यों में से 12 ने दंडात्मक क़दमों का समर्थन किया, ब्राज़ील और तुर्की ने उसका विरोध किया जबकि लेबनान तटस्थ रहा. ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुइज़ इनाशियो लूला दा सिल्वा ने ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों की कड़ी आलोचना की है और कहा है, ईरान को वार्ता की मेज़ पर लाने के बदले दृढ़ता दिखाने के लिए प्रतिबंधों को जारी रखने का फ़ैसला किया है.

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा सुरक्षा परिषद द्वारा ईरान विरोधी प्रस्ताव पास होने के बाद उसे ईरान को इस बात का साफ़ संदेश बताया है कि उसे परमाणु हथियारों का विकास करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. ओबामा ने साथ ही कहा कि विवाद के कूटनीतिक समाधान का रास्ता खुला है.

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने बर्लिन में कहा कि वे फ़ैसले को "अंतरराष्ट्रीय कूटनीति का महत्वपूर्ण क्षण" मानती हैं. मैर्केल ने कहा कि विश्व ने साफ़ कर दिया है कि वह ईरान के परमाणु हथियारों से लैस होने को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है. जर्मन चासंलर ने उम्मीद जताई कि ईरान अब अंतरराष्ट्रीय संगठनों और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी आईएईए के साथ सहयोग करेगा.

जर्मनी के विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले ने संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव को ईरान द्वारा अपने परमाणु कार्यक्रम के शांतिपूर्ण प्रकृति पर संदेह को दूर करने से इंकार का स्पष्ट और संतुलित जवाब बताया है. ब्रिटिश विदेश मंत्री विलियम हेग और यूरोपीय संघ के विदेशनैतिक दूत कैथरीन एशटन ने भी इस बात पर ज़ोर दिया है कि वे विवाद के कूटनैतिक समाधान का प्रयास कर रहे हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: एस गौड़

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