पायलट की गलती से हुआ मैंगलोर हादसा
१० सितम्बर २०१०![](https://static.dw.com/image/5599508_800.webp)
मामले की जांच कर रहे पैनल में नागरिक विमानन महानिदेशालय के अधिकारी शामिल थे. उन्होंने हादसे के लिए पायलट को दोषी ठहराया है. दुबई से मैंगलोर आ रहे एयर इंडिया के बोइंग 737 विमान में 168 यात्री मौजूद थे और खराब मौसम के बीच मंगलौर हवाई अड्डे पर उतरते समय विमान हवाई पट्टी से फिसल कर गहरी खाई में जा गिरा.
निदेशालय और बोइंग कंपनी के अधिकारियों ने बुधवार को छह सदस्यीय जांच दल को विमान के डाटा रिकॉर्ड के हवाले से बताया कि विमान को उड़ा रहे सर्बियाई मूल के ब्रिटिश पायलट जाटको ग्लूसिका ने गलत हवाई मार्ग से लैंडिंग की, जिसकी वजह से हादसा हुआ. रिपोर्ट के मुताबिक सह पायलट एचएस अहलूवालिया ने ग्लूसिका को विमान के गलत मार्ग पर जाने के बारे में आगाह भी किया लेकिन उन्होंने इसे नजरंदाज कर दिया.
हादसे से कुछ सेकेंड पहले की रिकॉर्डिंग से पता चला कि अहलूवालिया ने आखिरी वाक्य बोला, "अब हम रनवे पर नहीं है." और अगले ही पल जोरदार धमाका हो गया. भारत में पिछले एक दशक में हुए अब तक के सबसे भीषण विमान हादसे की जांच के लिए सरकार ने विशेष जांच दल का गठन किया है.
रिपोर्टः डीपीए/निर्मल
संपादनः ए कुमार