1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

पायलट हमें न सिखाएं: रवि

२८ अप्रैल २०११

एयर इंडिया के पायलटों की हड़ताल पर सरकार और हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया. दिल्ली हाई कोर्ट ने पालयटों को तुरंत काम पर लौटने को कहा है. वहीं एयर इंडिया मैनेजमेंट ने पायलटों की यूनियन को ही बर्खास्त कर दिया है.

हड़ताल की वजह से एयर इंडिया की कम से कम घरेलू और अंतरराष्ट्रीय 40 फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं. बाकी फ्लाइट्स भी कई घंटों की देरी से चल रही हैं. हड़ताल के इस असर से सरकार भी परेशान है. पहले पायलटों को सख्ती से शांत करने की कोशिश की जा रही है.

एयर इंडिया मैनेजमेंट ने पहले हड़ताल को गैरकानूनी करार दिया. इसके बाद इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन के छह अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया. अध्यक्ष कैप्टन एएस भिंडर समेत यूनियन के छह बड़े अधिकारियों पर बर्खास्तगी की गाज गिरी. इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन की मान्यता भी रद्द कर दी गई और यूनियन के दिल्ली और मुंबई स्थित दफ्तर सील कर दिए गए. विरोध कर रहे दो अन्य पायलटों को निलंबित किया गया.

इसके बाद मैनेजमेंट आवश्कीय याचिका के साथ दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचा. याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने पायलटों से तुरंत प्रभाव से काम पर लौटने को कहा. जस्टिस गीता मित्तल ने पायलटों को किसी भी तरह का प्रदर्शन न करते हुए जनहित में काम पर लौटने का निर्देश दिया. कोर्ट ने मैनेजमेंट की भी खिंचाई की. उससे कहा गया कि विरोध कर रहे पायलटों की वेतन संबंधी मांग पर जल्द फैसला किया जाए.

कोर्ट और मैनजमेंट के साथ इस मुद्दे पर केंद्र सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है. नागरिक उड्डयन मंत्री व्यालार रवि ने कहा, ''पालयट सरकार को शर्तें नहीं बताएंगे. उन्हें देश में सबसे ज्यादा तनख्वाह मिल रही है.'' रवि ने यह भी कहा कि बंदूक की नोंक पर रखने जैसी स्थिति पैदा कर पायलट अपनी मांगें नहीं मनवा सकते.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: ए कुमार

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें
डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें