पार्टी कांग्रेस में ग्रीक प्रधानमंत्री का इम्तिहान
यानिस पापादिमित्रीओ
१३ अक्टूबर २०१६
ग्रीस में सत्तारूढ़ वामपंथी सीरिजा पार्टी की कांग्रेस हो रही है. प्रधानमंत्री अलेक्सिस सिप्रास अपनी सीरिजा पार्टी को वफादार लोकप्रिय पार्टी में बदलना चाहते हैं."
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प्रधानमंत्री सिप्रास ने फरवरी 2015 में अपने पार्टी कॉमरेडों से कहा था, "हम सरकार चलाने की अपनी क्षमता पर तौले जाएंगे." यह सरकार में आने में कुछ हफ्ते पहले की बात है और युवा सरकार प्रमुख को गंभीर नाकामियां झेलनी पड़ी है. कर्ज माफी के बदले उन्हें दाताओं के साथ किए गए कर्ज के समझौते को बढ़ाना पड़ा. पार्टियों के असंतुष्टों ने विद्रोह किया, 2015 की गर्मियों में पार्टी का विभाजन हो गया. पार्टी का वामपंथी धड़ा अलग हो गया, यूरोपीय संघ की बचत मांगों के खिलाफ संघर्ष समिति बनाने की धमकी दी, उसके बाद हुए मध्यावधि चुनावों में भाग्य आजमाया और हार कर गुमनामी में खो गए. तब से सीरिजा पार्टी में बदलाव हो रहे हैं. पार्टी कांग्रेस को पिछले महीनों में लगातार टाला जाता रहा है.
अब वो घड़ी आ गई है. गुरुवार शाम को सारे देश से आए 3,300 प्रतिनिधि चार दिनों तक पिरेउस में पार्टी की स्थिति पर चर्चा करेंगे. कांग्रेस के शुरू में सिप्रास अपने भाषण के साथ पार्टी सदस्यों को अपनी लाइन पर लाने की कोशिश करेंगे. लेकिन यह आसान नहीं होगा. पत्रकार निकोलास वुलेलिस बताते हैं, "सीरिजा पार्टी यूरोप की अनोखी पार्टी है. वह बहुत सी धाराओं से मिलकर बनी है और यही उसकी खासियत है, लेकिन कमजोरी भी." देश विदेश में की जा रही उम्मीदों के विपरीत इस कांग्रेस में भी सीरिजा पार्टी सोशल डेमोक्रैटिक सिद्धांतों के करीब नहीं जाएगी, बल्किन अपने सिद्धांतों की वफादार बनी रहेगी. लेकिन अत्यंत अलोकप्रिय बचत नीति के साथ इस सिद्धांत का सामंजस्य कैसे होगा? बुलेलिस का मानना है कि बचत के कदम सीरिजा के लिए हार थे लेकिन सरकार की नीति के अलावा देश में वामपंथी एजेंडा भी है. और इसमें पार्टी को अगुआ भूमिका निभानी है.
ग्रीस का प्राचीन अजूबा: ऐंफीपोलिस
सिकंदर महान के समय का एक मकबरा ग्रीस के ऐंफीपोलिस में पाया गया. ईसा पूर्व 300 से 325 के बीच की इस मजार में एक प्राचीन ग्रीक शख्सियत के अवशेष मिलने की उम्मीद इसे बेहद खास बनाती है.
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महिलाओं की नजर
2014 में उत्तरी ग्रीस के ऐंफीपोलिस की खुदाई में दो महिलाओं की मूर्तियां मिलीं. इन्हें कैरियाटिड्स के नाम से जाना जाता है. लम्बे लबादे पहने और घुंघराले बालों वाली ये दो मूर्तियां मकबरे के दूसरे द्वार की निगरानी करती हैं.
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हाथों का इशारा
दो में से एक महिला आकृति का चेहरा साफ नहीं लेकिन धड़ा ठीक है. ग्रीस के संस्कृति मंत्रालय के एक बयान में बताया गया, "एक का बायां और दूसरी का दायां हाथ इस तरह के उठे हैं जैसे किसी को भी मकबरे के अंदर ना जाने का इशारा कर रहे हों."
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बिना सिर वाला जोड़ा
ये दो स्फिंक्स मकबरे के मुख्य द्वार की निगरानी करते हैं. पुरातत्वविदों का अनुमान है कि सिर और पंख के साथ ये 6 फीट से भी ऊंचे रहे होंगे. यहीं से एक चौड़ा रास्ता मकबरे के प्रवेश द्वार तक ले जाता है. यह ग्रीस में मिली अब तक की सबसे बड़ी कब्रगाह है.
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शाही दहाड़
संगमरमर का बना यह शेर 17 फीट से भी ऊंचा है. अनुमान है कि यह मकबरे के ऊपर रहा होगा. इसे 1912 में ग्रीक सेना ने खोज निकाला था. इसके बड़े आकार और मूर्तियों को देख कर अंदाज है कि यहां सिकंदर के जमाने की कोई बड़ी हस्ती ही दफ्न होगी. शायद उनके परिवार का कोई सदस्य या फिर कोई बड़ा ओहदेदार.
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मुश्किल प्रक्रिया
ऐंफीपोलिस में खुदाई का काम 2012 में शुरु हुआ. इस ऑपरेशन की मुख्य पुरातत्वविद् कातरीना पेरिस्तरी बताती हैं, "हम सर्जनों की तरह धीरे धीरे आगे बढ़ते हैं." यह मकबरा ग्रीस के मकदूनिया इलाके में स्थित है और आकार के मामले में सिकंदर के पिता की कब्र से भी बड़ा है. माना जाता है कि सिकंदर को मिस्र में कहीं दफ्न किया गया था.
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बारीकियों पर ध्यान
यह मार्बल पैनल उस जगह पर मिला जो मजार की बाहरी दालान जैसा लगता है. इस किस्म की नक्काशी देखकर अंदाजा लगता है कि इसे बनवाने वालों का धन और वैभव कैसा रहा होगा. माना जाता है कि ऐंफीपोलिस में ही सिकंदर की पत्नी और बेटे की हत्या हुई थी जब चौथी शताब्दी ईसा पूर्व में मेसेडोनियन जनरल कास्सेंडर ने इस इलाके पर विजय हासिल की थी. संभव है कि यहां उन्हीं की कब्रें हों.
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संगमरमर की श्रृंखलाएं
यहां की दीवारों पर काफी दूरी तक मार्बल लगी मिली है. विशेषज्ञों ने बताया है कि इस तरह की संरचना में सिकंदर महान के मुख्य आर्किटेक्ट दाइनोक्रेट्स ऑफ रोंस की छाप मिलती है. इसी आर्किटेक्ट ने आलेक्जांड्रिया शहर का निर्माण किया था.
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जुड़ी हैं बड़ी उम्मीदें
यह ऐंफीपोलिस का हवाई नजारा है जो ग्रीस के सेरिस शहर के दक्षिण में स्थित है. ग्रीस सरकार इसे पुरातत्व और इतिहास के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण खोज मान रही है. यहां किनकी कब्रें हैं यह पता करने की कोशिशें जारी हैं. मगर खुद सिकंदर की कब्र कहां है यह आज भी रहस्य है.
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जुलाई 2015 में बचत कदमों के साथ सहमत होने से पहले सिप्रास ने कमजोर वर्ग के लोगों के लिए एक समांतर वामपंथी कार्यक्रम का भरोसा दिलाया था. राजनीतिशास्त्री लेवटेरिस कुसूलिस का मानना है कि सिप्रास एकबार फिर रंग बदलने की अपनी क्षमता दिखाएंगे. सिप्रास अपनी सरकार की नीतियों से किनारा करेंगे और प्रतिनिधियों को भरोसा दिलाएंगे कि वे अपने वामपंथी अतीत और अपने सपनों को नहीं भूले हैं. "सरकार में पाप हो रहा है, लेकिन पार्टी के अंदर कॉमरेडों की आत्मा को बचाया जा रहा है." इसके अलावा सिप्रास ने पार्टी की संस्थाओं में व्यापक बहुमत का इंतजाम किया है. केंद्रीय समिति के सदस्यों की संख्या 201 से घटाकर 150 कर दी गई है. इनमें से सिर्फ 25 प्रतिशत सीटें सरकार, संसद या सरकारी संस्थानों में काम करने वाले सदस्यों को मिलेंगी.
ग्रीस ने किस किससे लिया कितना कर्ज
रॉयटर्स के आकलन के मुताबिक ग्रीस अब तक 242.8 अरब यूरो का कर्ज ले चुका है. इसमें सबसे ज्यादा कर्ज जर्मनी ने दिया है. जानिए कहां कहां से मिली कितनी रकम.
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अरबों का कर्ज
2010 से अब तक यूरोपीय संघ और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की ओर से ग्रीस को दो राहत पैकेज दिए जा चुके हैं. मार्च 2016 तक अलग अलग किस्तों में इन्हें दिया जाना था.
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अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष
आईएमएफ ने 48.1 अरब यूरो देने की पेशकश की. मार्च 2016 तक इनमें से 16.3 अरब यूरो दिया जाना बाकी है. पुरानी राशि 3.5 फीसदी की ब्याज दर पर दी गयी है.
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यूरोपीय केंद्रीय बैंक
ईसीबी के पास ग्रीस के 18 अरब यूरो के बॉन्ड हैं. ग्रीस के यूरोजोन छोड़ देने पर इनकी कीमत बेहद कम हो जाएगी. जुलाई और अगस्त तक ग्रीस को 6.7 अरब यूरो चुकाने हैं.
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यूरोजोन
2010 में यूरोजोन के सदस्य देशों ने ग्रीस को कुल 52.0 अरब यूरो का कर्ज दिया गया. 2012 में दूसरे राहत पैकेज के साथ यह राशि बढ़ कर 141.8 अरब यूरो हो गयी.
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जर्मनी और फ्रांस
यूरोजोन के देशों में से जर्मनी सबसे बड़ा कर्जदाता है. वह अब तक 57.23 अरब यूरो दे चुका है. इसके बाद नंबर आता है 42.98 अरब यूरो के साथ फ्रांस का.
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इटली और स्पेन
37.76 अरब यूरो के साथ इटली भी बड़े कर्जदारों में शामिल है. स्पेन की ओर से 25.1 अरब यूरो का कर्ज दिया जा चुका है.
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ब्याज दर
यूरोजोन के देश कर्ज की समय सीमा को 15 से बढ़ा कर 30 साल कर चुके हैं और ब्याज दर भी महज 0.5 फीसदी है, जो आईएमएफ की तुलना में बेहद कम है.
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और कर्ज
ग्रीस ने इसके बाद भी और कर्ज की इच्छा जताई है. आईएमएफ से उसे समर्थन मिला लेकिन यूरोजोन के देशों ने इससे इंकार किया है. यूरोजोन में बने रहने के लिए ग्रीस को कुछ शर्तें माननी होंगी.
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यूरोपीय सांसद दिमित्रिस पापाडिमूलिस का मानना है, "सिप्रास को मजबूत जिम्मेदारी मिलेगी, वे भारी बहुमत से सीरिजा के प्रमुख चुने जाएंगे." इस समय "आंदोलन 53" पार्टी के अंदर महत्वपूर्ण विरोधी गुट माना जा रहा है. इसमें वे 53 राजनीतिज्ञ शामिल हैं जो बचत कदमों का समर्थन तो कर रहे हैं लेकिन एक लाइन खींचने की मांग कर रहे हैं. वित्त मंत्री युकलिद साकालोटोस इस दल के नेता है. हाल ही में उन्होंने यह कहकर खलबली मचा दी कि इस पर विचार होना चाहिए कि क्या ग्रीस आज के यूरोजोन में जीने की स्थिति में है. निकोलास वुलेलिस नहीं मानते कि आंदोलन 53 पार्टी के लिए कोई खतरा है. वे कहते हैं, "पार्टी सिप्रास के नियंत्रण में है."
सिप्रास के आत्मविश्वास की एक मिसाल कंजरवेटिव विपक्ष के खिलाफ उनका टोन भी है. वामपंथी प्रधानमंत्री सालों सत्ता में रहे अनुदारवादियों के साथ यह कहकर दूरी बना रहे हैं कि हम अच्छे हैं, तुम भ्रष्ट हो. सिप्रास ने संसद में भ्रष्टाचार पर हुई बहस में विपक्षी नेता किरियाकोस मित्सोटाकिस पर आरोप लगाया कि वे "सीमेंस की संतान हैं." उनका इशारा जर्मन कंपनी सीमेंस से जुड़े भ्रष्टाचार कांड की तरफ था, जिसके लिए वामपंथी प्रधानमंत्री दशकों तक शासन करने वाले कंजरवेटिव और सोशलिस्ट पार्टी के नेताओं को जिम्मेदार मानते हैं.
ग्रीस का हॉट स्पॉट रिफ्यूजी कैंप
ग्रीस के लेसबोस पहुंचने वाले रिफ्यूजियों को रजिस्ट्रेशन के लिए मोरिया जैसे रिसेप्शन सेंटर पर भेजा जाता है. लंबी लाइनों, गंदगी और खाने के सामानों की कमी की वजह से इसे दुनिया का सबसे खराब रिफ्यूजी कैंप कहा जाता है.
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शरणार्थी या आप्रवासी
जब विदेशी लेसबोस पहुंचते हैं तो उन्हें राष्ट्रीयता के आधार पर अलग किया जाता है. सीरिया के लोगों को कारा टेपे कैंप में भेजा जाता है जहां ज्यादातर लोग घरों में रहते हैं. दूसरे लोगों को मोरिया भेजा जाता है जो पहले बंदियों को रखने का सेंटर था लेकिन अब उसे हॉट स्पॉट रजिस्ट्रेशन सेंटर में बदल दिया गया है. यहां आर्थिक कारणों से आने वाले आप्रवासियों को रखा जाता है.
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भीड़ ज्यादा संसाधन कम
भीड़ की वजह से अक्सर विवाद पैदा होते हैं, जैसे यहां खाने की लाइन में. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार कैंप की क्षमता 410 लोगों को रखने की है. लेकिन लेसबोस में वोलंटीयरों के संयोजक फ्रेड मोर्लेट का कहना है कि कैंप में आम तौर पर 4000 तक लोग रहते हैं. "शुरू से ही यहां आपूर्ति की कमी है और चूंकि कुछ भी नहीं बदला है, यह दुनिया का सबसे खराब रिफ्यूजी कैंप बन गया है."
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खाद्य पदार्थों की कमी
रमोना ब्रोंजर्स लिव फॉर लाइव्स फाउंडेशन की संस्थापक हैं. वे इंटरनेट में इमरजेंसी ऑनलाइन अपील पढ़कर हॉलैंड स्थित अपनी संस्था को लेकर मोरिया पहुंची. "हम हर रोज 1500 लोगों के लिए खाना पकाते हैं, लेकिन सभी लोगों को खिलाने के लिए पर्याप्त नहीं होता." वे कहती हैं कि उनकी संस्था जितना हो सकता है, मदद कर रही है, "लेकिन समस्याएं अत्यंत गंभीर हैं और बड़ी संस्थाएं जिम्मेदारी नहीं ले रही हैं."
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कूड़े में आराम
रमोना ब्रोंजर्स का कहना है कि उनके 36 वोलंटीयरों के लिए कूड़ा हटाने और साफ सफाई का काम आसान नहीं. "बस आस पास देखिए, लोग कूड़े के बीच सो रहे हैं. इस जगह को साफ रखना असंभव है." वे कहती हैं कि उन्हें डर लगता है कि यहां कभी भी महामारी फैल सकती है. हाल के हफ्तों में कारा टेपे कैंप में खुजली की महामारी फैलने की खबर आई थी.
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सुस्ती का आलम
वोलंटीयर प्रमुख मोरलेट कैंप में अमानवीय परिस्थियों से नाखुश हैं. उनका कहना है, "इसकी वजह यह है कि कैंप की व्यवस्था पुलिस के हाथ में है. उनमें प्रेरणा का अभाव दिखता है." मोरलेट बताते हैं कि कभी कभी पुलिस वाले आते ही नहीं जिसका मतलब यह होता है कि लोगों का रजिुस्ट्रेशन नहीं हो पाता जबकि नए लोग लगातार आते जाते हैं. "बस दो घंटे की देर हो जाए तो मानवीय प्रलय मच जाता है."
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नंगे पांव पाकिस्तान से तुर्की
अपने बुलाए जाने का इंतजार कर रहे पाकिस्तान के फियाज उद्दाह (गुलाबी कपड़े में) कहते हैं, "मैं नंगे पांव पाकिस्तान से तुर्की आया हूं." उनके साथी इसरार अहमद (एकदम दाएं) का कहना है, "हम इसी तरह सोते हैं, कार्डबोर्ड पर, बिना कंबल के." इसरार के मुताबिक वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं कि उनके बच्चों को इस तरह नहीं सोना पड़े.
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महिलाओं की मुश्किल
एक्शन ऐड संस्था की प्रोग्राम कोर्डिनेटर कोंसतांटीना स्त्रीकू का कहना है कि वे कैंप में जाड़ों से पहले महिलाओं के शेड का विस्तार करना चाहती हैं. लेकिन पुलिस ने हस्तक्षेप कर इसे रोक दिया है. वे कहती हैं, "हमारे पास कंटेनर था, जो कैंप के गेट तक पहुंच गया था, लेकिन पुलिस ने उसे अंदर नहीं लाने दिया. मुझे पता नहीं कि ऐसा क्यों किया गया." मां बेबी वाला इलाका बुरी तरह भरा रहता है.
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कौन करेगा फैसला
अफगानिस्तान के गजनी प्रांत के 20 वर्षीय अर्शिद रहीमी का कहना है कि तालिबान हमले में पिता और बहन के मारे जाने के बाद उसकी मां ने जोर देकर उसे भाग कर यूरोप जाने के लिए कहा. "मेरी जान को तालिबान से खतरा था, लेकिन यहां लोग कह रहे हैं कि मैं आर्थिक कारणों से यूरोप आया हूं. कौन फैसला करेगा कि मैं शरणार्थी हूं या नहीं?"
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गुआंतानामो जैसा
कुछ परिवारों को मोरिया के अस्थायी शेड में रहने की इजाजात है. लेकिन मोरलेट डिटेंशन सेंटर के शेड की तुलना जेल से करते हैं. "घेरे और बाड़ों के कारण यह कैंप गुआंतानामो जैसा लगता है." उनका कहना है कि यहां की परिस्थितियों के बावजूद शरणार्थियों की संख्या कम नहीं होगी. "लोग कहते हैं कि सर्दियां उन्हें रोक देंगी, लेकिन समुद्र सर्दियों में शांत होता है."
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ऊपरवाले का सहारा
इरान से भागकर ग्रीस पहुंचा अफगान पेजमान उसेफी कहता है, "जब मैं यहां आने के लिए नाव पर था, समुद्र के बीच में, तो मुझे महसूस हुआ कि सिर्फ अल्लाह का सहारा है." उसका कहना है कि समुद्र में नाव की ही तरह यदि अल्लाह जान बचाने का फैसला करता है तो तुम बच जाओगे. "कैंप में मैं अपनी हालत ऐसी ही देखता हूं."
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और भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष सीरिजा की पार्टी कांग्रेस में भी एक मुद्दा रहेगा. राजनीतिशास्त्री कुसूलिस कहते हैं कि प्रधानमंत्री अलेक्सिस सिप्रास अपनी भ्रष्टाचार विरोधी भूमिका पर फिर से जोर देंगे और पार्टी कांग्रेस के प्रतिनिधियों को इसके बारे में बताएंगे.