1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

सरकार का नहीं है पीएमकेयर्स फंड

चारु कार्तिकेय
२३ सितम्बर २०२१

केंद्र सरकार ने अदालत को बताया है कि पीएमकेयर्स फंड सरकार का फंड नहीं है और इसमें संचित धनराशि सरकारी खजाने में नहीं जाती है. ऐसे में इस फंड की वैधता और जनता के प्रति जवाबदेही को लेकर नए सवाल खड़े हो गए हैं.

तस्वीर: Adnan Abidi/REUTERS

पीएमकेयर्स फंड की मार्च 2020 में एक पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के रूप में स्थापना की गई थी. तब से इसे स्थापित करने के उद्देश्य और इसके संचालन में पारदर्शिता की कमी को लेकर विवाद चल रहा है.

कई लोगों ने सूचना के अधिकार के तहत आरटीआई आवेदन दे कर इसके बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश की, लेकिन पूरी तस्वीर अभी तक सामने नहीं आई है.

पीएमओ में दफ्तर, लेकिन सरकार का नहीं

इसके बाद लोगों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया. इस फंड को लेकर सरकार का ताजा बयान दिल्ली हाई कोर्ट में चल रहे एक मामले पर सुनवाई के दौरान आया. वकील सम्यक गंगवाल ने इसी अदालत में दो अलग अलग याचिकाएं दायर की हुई हैं.

साउथ ब्लॉक, जहां प्रधानमंत्री कार्यालय स्थित हैतस्वीर: Imago/UIG

एक में फंड को आरटीआई कानून के तहत "पब्लिक अथॉरिटी" घोषित करने की और दूसरी याचिका में "स्टेट" घोषित करने की अपील की है.

22 सितंबर को दूसरी याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के एक अधिकारी ने अदालत को बताया कि यह ट्रस्ट चाहे संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत "स्टेट" हो या ना हो और आरटीआई कानून के तहत "पब्लिक अथॉरिटी" हो या ना हो, किसी "थर्ड पार्टी की जानकारी देने की हमें अनुमति नहीं है."

सरकार के इस फंड को "थर्ड पार्टी" कहने से मामला और पेचीदा हो गया है. गंगवाल पहले ही अदालत को बता चुके हैं कि फंड की वेबसाइट पर उससे संबंधित जो कागजात मौजूद हैं, उनमें यह बताया गया है कि ट्रस्ट की स्थापना ना तो संविधान के तहत की गई है और ना संसद द्वारा पारित किए गए किसी कानून के तहत.

पारदर्शिता का सवाल

इसके बावजूद सरकार के सबसे उच्च दर्जे के अधिकारियों का नाम इससे जुड़ा है. प्रधानमंत्री पदेन रूप से इसके अध्यक्ष हैं और रक्षा, गृह और वित्त मंत्री पदेन रूप से ही इसके ट्रस्टी हैं. इसका मुख्य कार्यालय पीएमओ के अंदर ही है और पीएमओ में ही एक संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी इसका संचालन करते हैं.

फंड से 3100 करोड़ रुपए कोविड-19 प्रबंधन से संबंधित कार्यों के लिए आबंटित किए गए हैंतस्वीर: Narendra Modi/twitter/AP Photo/picture alliance

वेबसाइट पर सिर्फ वित्त वर्ष 2019-20 में इसमें आए अंशदान की जानकारी उपलब्ध है, वो भी सिर्फ 27 से लेकर 31 मार्च तक, यानी कुल पांच दिनों की. इन पांच दिनों में फंड को 3076 करोड़ रुपए हासिल हुए.

लेकिन वेबसाइट के मुताबिक अभी तक फंड से 3100 करोड़ रुपए कोविड-19 प्रबंधन से संबंधित अलग अलग कार्यों के लिए आबंटित किए गए हैं. ऐसे में फंड को लेकर पूरी तस्वीर साफ नहीं हो पा रही है. अब देखना होगा कि अदालत इन याचिकाओं पर क्या रुख अपनाती है.

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें