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पीएम ने अपनी मजबूरी दिखाई: बीजेपी

१६ फ़रवरी २०११

भारत के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री के बुधवार के बयानों को निराशाजनक बताया है. बीजेपी ने कहा कि प्रधानमंत्री घोटालों का बचाव करने की कोशिश कर रहे हैं.

नितिन गडकरीतस्वीर: UNI

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत की और भ्रष्टाचार से जुड़े आरोपों के जवाब दिए. उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार को बहुत सारे समझौते करने पड़ते हैं. इस बारे में बीजेपी ने कहा कि गठबंधन के धर्म का मतलब भ्रष्टाचार का समर्थन नहीं हो सकता है.

प्रधानमंत्री के बाद बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने भी पत्रकारों से बात की. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री की प्रेस कान्फ्रेंस काफी निराशाजनक रही और इससे पता चलता है कि वह कितने मजबूर हैं. गठबंधन धर्म का मतलब भ्रष्टाचार को समर्थन तो नहीं हो सकता."

गडकरी ने भ्रष्टाचार के अन्य मुद्दों पर भी प्रधानमंत्री को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा, "गठबंधन का मामला तो बस 2जी स्पेक्ट्रम से जुड़ा है, बाकी मामलों का क्या? इसरो और गठबंधन में क्या संबंध है? कॉमनवेल्थ खेलों और आदर्श सोसाइटी में हुए घोटालों के बारे में क्या कहना है?"

गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार को ढकने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "एक तरह से प्रधानमंत्री की यह कोशिश भ्रष्टाचार के मामलों को ढकने की है. उन्होंने मीडिया और विपक्ष पर गलत सूचनाएं फैलाने का आरोप लगाया और सब कुछ ठीक ठाक दिखाने की कोशिश की. लेकिन यह उनकी मजबूरी को ही बताता है."

प्रेस कान्फ्रेंस में प्रधानमंत्री ने बीजेपी पर यह कहकर हमला बोला कि विपक्ष गुजरात के एक मंत्री (अमित शाह) पर कार्रवाई का गुस्सा निकल रहा है. इस आरोप को गडकरी ने बस हास्यास्पद कह कर टाल दिया.

संयुक्त संसदीय समिति बनाने के मुद्दे पर गडकरी ने कहा कि संसद की कार्रवाई न चल पाने के लिए प्रधानमंत्री ही जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा, "अगर आज वह जेपीसी बनाने का संकेत दे सकते हैं तो एक महीना क्यों गंवाया. आप पहले इस पर क्यों नहीं सहमत हुए? आज आप किसी भी समिति के सामने हाजिर होने को राजी हैं...अगर पहले आपने ऐसा कर लिया होता तो ऐसे हालात ही पैदा न होते."

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एस गौड़

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