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पीएसी की बैठक में बवाल, 11 सांसदों ने ड्राफ्ट रिपोर्ट खारिज किया

२८ अप्रैल २०११

2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले पर पीएसी की प्रस्तावित रिपोर्ट को 11 सदस्यों ने खारिज कर दिया है. कमेटी के चेयरमैन मुरली मनोहर जोशी बैठक स्थगित कर चले गए. कमेटी ने कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज को पीएसी का अध्यक्ष चुना.

तस्वीर: AP

समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी के एक एक सदस्यों समेत पीएसी के कुल 11 सदस्यों ने कमेटी की उस ड्राफ्ट रिपोर्ट को खारिज कर दिया जिसमें पूर्व टेलिकॉम मंत्री ए राजा, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और तब के वित्त मंत्री पी चिदंबरम की भूमिका पर सवाल उठाए गए थे. पीएसी की बैठक के दौरान गरमा गरम बहस हुई और अप्रत्याशित घटनाक्रम में बीजेपी नेता और कमेटी के चेयरमैन मुरली मनोहनर जोशी बैठक बीच में छोड़कर निकल गए. कमेटी के 11 सदस्यों ने आपस में मिल कर कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज को नया चेयरमैन चुन लिया. इनमें यूपीए के 9 जिनमें सात कांग्रेस के और डीएम के दो सांसद हैं. इसके अलावा बीएसपी, एसपी के एक एक सांसदों शामिल हैं.

तस्वीर: picture-alliance/Bildfunk

इससे पहले सैफुद्दीन सोज ने ही बैठक में ड्राफ्ट रिपोर्ट को खारिज करने का प्रस्ताव रखा था. 11 सदस्यों के ड्राफ्ट रिपोर्ट को खारिज करने के बाद कमेटी के बाकी सदस्य वहां से चले गए. इनमें बीजेपी, जेडीयू, बीजेडी और एआईडीएमके के सांसद हैं. सैफुद्दीन सोज ने दावा किया है कि कमेटी के 11 सदस्यों ने ड्राफ्ट रिपोर्ट को खारिज करने पर सहमति जताई है. सोज ने पत्रकारों से कहा, "अब मैं पूरे मामले को आगे की कार्रवाई के लिए लोकसभा अध्यक्ष के सामने रखूंगा."

सोज ने कहा कि लोकतंत्र में जब इस तरह की स्थिति आती है तो इसी तरह से चुनाव होते हैं. कांग्रेस के एक दूसरे सांसद वी अरुण कुमार ने कहा कि सैफुद्दीन सोज को सिर्फ बैठक के लिए चेयरमैन चुना गया. ड्राफ्ट्र रिपोर्ट पर कार्यवाही के लिए कमेटी यह बैठक चेयरमैन मुरली मनोहर जोशी ने बुलाई थी. घटनाक्रम यहीं खत्म नहीं हुआ बैठक के बाद सैफुद्दीन सोज मुरली मनोहर जोशी के दफ्तर गए और वहां पारित प्रस्ताव की कॉपी उनके दफ्तर के स्टाफ को दे आए.

उधर मुरली मनोहर जोशी ने पत्रकारों से कहा कि सत्ताधारी सांसदों ने पीएसी की रिपोर्ट को, "बाहर से मंगाया" हुआ बताया इसके बाद उन्हें जब अपनी बात कहने की इजाजत नहीं दी गई तो उन्होंने बैठक को स्थगित कर दिया. जोशी ने कहा, "मैं उनसे कुछ कहना चाहता था लेकिन उन्होंने मुझे बोलने नहीं दिया तब मैंने बैठक स्थगित कर दी और वहां से चला आया."

उधर कांग्रेसी सांसदों का कहना है कि मुरली मनोहर जोशी उनकी बात सुनने के लिए तैयार नहीं हुए और उठ कर चले गए. एक और विपक्षी सांसद का कहना है कि सत्ताधारी सांसद जोशी से इस्तीफा मांग रहे थे और उन्हें बैठक का संचालन करने नहीं दिया गया.

संसद की प्रक्रिया के जानकारों के मुताबिक बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी अभी भी कमेटी के चेयरमैन हैं और वो चाहें तो तय समय सीमा के भीतर ये रिपोर्ट दाखिल कर सकते हैं. जानकारों का ये भी कहना है कि रिपोर्ट के लिए वोटिंग का विशेष महत्व नहीं है और आम तौर पर कमेटी की रिपोर्ट सर्वसम्मति से दाखिल की गई मानी जाती है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः आभा एम

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