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पीरियड्स पर बात करने में #NoShame

आरपी/ओएसजे३ अगस्त २०१६

एक ऐनिमेशन वीडियो बड़े ही सीधे सरल अंदाज में दिखा रहा है कि क्यों पीरियड्स पर खुल कर बात करना जरूरी है. आप भी देखिए.

Indien Dürre Hitzewelle Mädchen holen Wasser in Agartala
तस्वीर: Reuters/J. Dey

भारतीय समाज में वैसे ही पीरियड्स पर कभी खुलेआम बात नहीं होती है. इसके कारण कई बार किशोरियां कई उल्टे पुल्टे काम भी कर जाती हैं. सही जानकारी के अभाव में कई लड़कियों को संक्रामक बीमारियां हो जाती हैं तो कई मासिक धर्म को ही कोई बीमारी समझ लेती हैं. गरीबी के कारण समस्या और बढ़ जाती है. गरीब घरों में लोगों के पास सैनिटरी पैड खरीदने के पैसे और सुविधा दोनों नहीं होती. इस कारण भी कई पीरियड्स शुरु होते ही कई लड़कियों की पढ़ाई छूट जाती है.

ये वीडियो दिखाता है कि क्यों हम सबको इस विषय पर और चुप्पी नहीं साधनी चाहिए और इस पर बात करने में शर्म भी नहीं होनी चाहिए.

वीडियो में कई जरूरी आंकड़े पेश किए गए हैं जो आंखें खोल देने वाले हैं. हर साल 28 मई को मेन्स्ट्रुअल हायजीन डे मनाया जाता है. लड़कियों और महिलाओं की इस समस्या का हल संभव है. इसके लिए भारत में ही कई लोग और कंपनियां गांवों में ही बनाए जा सकने वाले साधारण पैड्स को लोकप्रिय बनाने में लगे हैं.

पाया गया है कि अगर लड़कियों को पैड्स उपलब्ध कराए जा सकें तो वे स्कूल जाने में हिचकिचाती नहीं. इसके अलावा स्कूल समेत हर जगह शौचालयों की व्यवस्था होना भी बेहद जरूरी है. ऐसी एक छोटी लेकिन अहम मदद कई लड़कियों का आज और कल बेहतर बना सकती है.

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