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पुतिन के फिर राष्ट्रपति बनने का रास्ता साफ

२५ सितम्बर २०११

इतने दिन से चली आ रही अटकलों को अब विराम लग जाना चाहिए. यह बात साफ हो गई है कि रूसी प्रधानमंत्री व्लादीमीर पुतिन देश के अगले राष्ट्रपति चुनावों में उम्मीदवार होंगे. चुनाव 2012 में होने हैं.

तस्वीर: dapd

रूस के मौजूदा राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने कहा है कि प्रधानमंत्री व्लादीमीर पुतिन को 2012 में अगले छह साल के लिए क्रेमलिन में लौट आना चाहिए. सत्ताधारी यूनाइटेड रशिया पार्टी की सालाना कांग्रेस में मेदवेदेव ने कहा कि वह मार्च में अगले चुनावों के बाद वह सरकार में ज्यादा व्यवहारिक काम करने के लिए तैयार हैं. जानकार मान रहे हैं कि यह उनके प्रधानमंत्री पद पर आने का संकेत है.

मेदवेदेव ने कहा, "मेरे ख्याल से यह बिल्कुल सही होगा कि कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष व्लादीमीर पुतिन का राष्ट्रपति पद के लिए समर्थन करे." इस बात का कांग्रेस में मौजूद प्रतिनिधियों ने तालियां बजाकर खुशी से स्वागत किया.

तस्वीर: dapd

मेदवेदेव भी तैयार

मेदवेदेव 2008 में रूस के राष्ट्रपति बने. उनसे पहले पुतिन दो बार राष्ट्रपति पद पर रह चुके थे. मेदवेदेव ने अपने शासन के दौरान रूस को आधुनिकता के रास्ते पर डालने की कोशिश की. लेकिन अब उनके बयान से लगता है कि वह प्रधानमंत्री बनने का मन बना रहे हैं. उन्होंने कहा, "अगर पार्टी चुनाव जीत जाती है, और इसका मुझे लगभग पूरा यकीन है, यानी हम इसी तरह काम करते रहते हैं, तो मैं देश को आधुनिक बनाने के लिए कुछ असली काम करने को तैयार हूं."

रूस में अगले साल मार्च में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं. वहां की राजनीति पर यूनाइटेड रशिया पार्टी हावी है क्योंकि विपक्ष की हालत बेहद खस्ता है. लिहाजा चुनावों में यूनाइटेड रशिया पार्टी के उम्मीदवार की जीत लगभग तय है.

अपने शासन काल में मेदवेदेव ने संविधान में कुछ बदलाव कराए हैं. जानकार कहते हैं कि ये सारे बदलाव पुतिन को और ज्यादा ताकतवर बनाने के लिए किए गए. इन बदलावों के तहत अब देश का राष्ट्रपति छह साल के लिए चुना जाएगा. पहले यह अवधि चार साल की थी.

तस्वीर: AP

बदले में मेदवेदेव के लिए क्या

पुतिन का कहना है कि उनके और मेदवेदेव के बीच इस बारे में काफी पहले बात हो चुकी है कि रूस में उनकी क्या भूमिकाएं होंगी. हालांकि पिछले कई महीनों से इस बात को लेकर कयास लगाए जाते रहे हैं कि पुतिन दोबारा राष्ट्रपति बनेंगे या नहीं. रूस में कई जानकार तो पक्के तौर पर कहते रहे हैं कि पुतिन फिर राष्ट्रपति बनना चाहते हैं. और अब लगता है कि उनकी बात सच साबित होने जा रही है.

कांग्रेस में तालियों की गड़गड़ाहट के बीच पुतिन ने कहा, "मैं सीधे तौर पर कहना चाहूंगा कि जो किया जाना चाहिए और जो किया जा रहा है, उस बारे में बहुत पहले समझौता हो चुका है, कई साल पहले."

मेदवेदेव अगर पुतिन के लिए कुछ करने जा रहे हैं तो पुतिन भी अपनी तरफ से पीछे नहीं रहना चाहते. वह उनके लिए बड़ी जिम्मेदारियां तलाश रहे हैं. उन्होंने एलान किया कि दिसंबर में होने वाले संसदीय चुनावों में मेदवेदेव पार्टी की सूची के प्रमुख होंगे. यह एलान काफी लोगों के लिए हैरान करने वाला रहा. पुतिन ने कहा, "मैं प्रस्ताव रखता हूं कि 4 दिसंबर को होने वाले ड्यूमा के चुनावों में मेदवेदेव पार्टी की सूची की अध्यक्षता करेंगे."

तस्वीर: dapd

पर्दे के पीछे का खेल

दोनों नेता जानते हैं कि लोग उनके आपसी समझौते पर सवाल उठा सकते हैं. इसलिए मेदवेदेव ने फौरन पर्दे के पीछे चल रही इस राजनीति पर सफाई भी पेश कर दी. उन्होंने कहा, "जो प्रस्ताव हम कन्वेंशन के सामने रख रहे हैं, वे बहुत सोच समझकर लिए गए फैसले हैं. मैं एक बात पर जोर देना चाहता हूं कि हमने हमेशा सच बोला है."

राष्ट्रपति ने सुनने वालों को जज्बात की रौ में बहाने की भी कोशिश की. उन्होंने कहा, "हमारा प्यार देश, हमारा रूस आजाद, समझदार और जिम्मेदार लोगों के लिए होना चाहिए. और मुझे पूरा यकीन है कि ऐसा ही होगा."

पूर्व केजीबी एजेंट व्लादीमीर पुतिन 2000 में देश के राष्ट्रपति बने थे. संविधान के मुताबिक एक व्यक्ति दो बार से ज्यादा पद पर नहीं रह सकता, इसलिए उन्हें 2008 में पद छोड़ना पड़ा. लेकिन उन्होंने अपने बेहद करीबी दिमित्री मेदवेदेव को राष्ट्रपति बना दिया. और खुद प्रधानमंत्री बन गए. इस तरह वह देश के सबसे ताकतवर नेता बने रहे. लोग तो मेदवेदेव को पुतिन की कठपुतली तक कहते रहे. और इस दौरान लगातार यह बात उठती रही कि पुतिन दोबारा राष्ट्रपति बनना चाहते हैं. इसके लिए संविधान में बदलाव करके मेदवेदेव ने जमीन भी तैयार कर दी.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एन रंजन

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