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स्त्रीरोग विशेषज्ञ करेंगे पुरुषों का इलाज

१ फ़रवरी २०१४

अमेरिका में एक नए कानून के तहत डॉक्टरों को अपने पेशे में स्त्री और पुरुषों के बीच अंतर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. डॉक्टरी का सर्टिफिकेट भले ही स्त्रीरोग विशेषज्ञ का हो, पर इलाज हर किसी का कर सकेंगे.

तस्वीर: Sven Bähren/Fotolia

अमेरिका में डॉक्टर और रिसर्चर लंबे समय से इस बात की शिकायत करते आए हैं कि कड़े नियमों के कारण वे सभी मरीजों का इलाज नहीं कर सकते. इन शिकायतों के चलते अमेरिकन बोर्ड ऑफ ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गायनाकोलॉजी (एबीओजी) ने दस साल बाद नियमों में बदलाव किया है. अब तक के नियमों के अनुसार स्त्रीरोग विशेषज्ञ सिर्फ कुछ खास मामलों में ही पुरुषों का इलाज कर सकते हैं. वे बच्चों का खतना कर सकते हैं, ट्रांसजेंडर लोगों का इलाज कर सकते हैं और उन दंपतियों का भी जिन्हें संतान नहीं हो रही.

रिसर्चरों का कहना था कि इस तरह के नियम उनके शोध के आड़े आ रहे हैं. खास कर ऐसे मामलों में जहां पुरुषों को पेड़ू का दर्द हो, वहां स्त्रीरोग विशेषज्ञ मददगार साबित हो सकते हैं. इसके अलावा कैंसर के मामलों में भी उनकी जरूरत पड़ सकती है. डॉक्टरों का कहना है कि जिन पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन की समस्या है उनका इलाज भी स्त्रीरोग विशेषज्ञ कर सकते हैं. साथ ही लिपोसक्शन जैसी कई तरह की कॉस्मैटिक सर्जरी भी की जा सकती है. लेकिन इन डॉक्टरों को अब तक ऐसा करने की अनुमति नहीं थी.

डॉक्टरों के संघ ने इस फैसले का स्वागत किया है. एबीओजी के कार्यकारी निदेशक डॉक्टर लैरी गिलस्ट्रैप ने एक बयान में कहा, "इस बदलाव से हम इस बात को स्वीकृति दे रहे हैं कि कुछ खास मामलों में बोर्ड द्वारा सर्टिफिकेट हासिल कर चुके डॉक्टरों को पुरुषों का इलाज करने के लिए बुलाया जाता रहा है और साथ ही रिसर्च में भी शामिल किया जा रहा है."

उन्होंने कहा कि यह मुद्दा जिस तरह से उठाया गया है उससे "महिलाओं को उच्च स्तर की चिकित्सीय सुविधाएं दिलवाने का हमारा मिशन भटक गया है." एबीओजी ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि डॉक्टरों को सर्टिफिकेट देने और सख्ती बरतने का मकसद जच्चा और बच्चा को अच्छी सुविधाएं दिलाना और यह सुनिश्चित करना है कि वे सही हाथों में हैं, लेकिन इसका गलत मतलब समझा गया.

ये कानून 1930 के दशक में बनाए गए थे. लेकिन तब से अब तक कई मामलों में इनका उल्लंघन हो रहा था और इसी को देखते हुए इन्हें बदलने की मांग की जा रही थी. हालांकि कुछ मामलों में नियमों में बदलाव भी किए गए. बोर्ड ने पिछले कुछ महीनों में ऐसे मामलों की सूची तैयार की जहां स्त्रीरोग विशेषज्ञों को अपवाद के तौर पर इलाज के लिए बुलाया जा सकता है.

आईबी/एमजे (रॉयटर्स)

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