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पुरुष पायलटों को टोपी पहनाई

३० अक्टूबर २०१२

जर्मनी के लेबर कोर्ट ने लुफ्थांसा के पुरुष पायलटों को टोपी पहनाई. महिला पायलटों को टोपी न पहनने की छूट है. इसे भेदभाव बताने वाले पायलटों से अदालत ने कहा कि टोपी पहनने में हर्ज क्या है कैप्टन.

तस्वीर: G. Schlaeger/Lufthansa

यूरोप की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनियों में से एक लुफ्थांसा के पुरुष पायलटों की दलील थी कि महिला पायलट टोपी नहीं पहनती हैं. लिहाजा एयरपोर्ट या सार्वजनिक जगहों पर वो भी टोपी नहीं पहनेंगे. कंपनी ने जब पुरुष पायलटों को टोपी पहनने पर मजबूर किया तो मामला श्रम अदालत जा पहुंचा. पायलटों ने आरोप लगाया कि उनके साथ भेदभाव हो रहा है.

तस्वीर: G. Schlaeger/Lufthansa

सोमवार को पुराना फैसला पलटते हुए कोलोन के लेबर कोर्ट ने पुरुष पायलटों को आदेश दिया कि सार्वजनिक जगहों पर उनका टोपी पहनना अनिवार्य है. पायलटों के खिलाफ लुफ्थांसा की दलील को कोर्ट ने जायज ठहराया. कंपनी ने तर्क दिया कि पुरुष पायलटों का टोपी पहनना उसकी संस्कृति का हिस्सा है.

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पायलटों की अलग अलग पोशाक है. कैप पुरुष पायलटों की पोशाक में अनिवार्य है. महिला पायलटों के लिए यह बाध्यकारी नहीं है. कंपनी ने कहा कि इसमें लैंगिक भेदभाव जैसी कोई बात नहीं है.

अदालत ने पुरुष पायलटों की एक और पीड़ा पर भी सुई चुभोई. जज योखन सीवेर्स ने कहा कि महिला पायलट चाहें तो स्कर्ट भी पहन सकती है, पुरुष ऐसा नहीं कर सकते. कोर्ट ने इसे भी भेदभाव नहीं माना.

ओएसजे/एमजी (एएफपी)

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