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पुर्तगाल में भारतीय मूल के प्रधानमंत्री को पूर्ण बहुमत मिला

३१ जनवरी २०२२

पुर्तगाल में समय से पहले कराए गए चुनाव में सोशलिस्ट पार्टी ने पूर्ण बहुमत से जीत दर्ज की है. यहां पिछली दो सरकारें धुर-वामपंथी पार्टियों के समर्थन से चल रही थी, जो इस बार दक्षिणपंथी पार्टियों के खेमे में चली गई थीं.

Portugal | Parlamentswahl | Premieriminister Antonio Costa
तस्वीर: Armando Franca/AP/picture alliance

पुर्तगाल में 30 जनवरी को हुए संसदीय चुनाव में देश की सत्ताधारी सोशलिस्ट पार्टी ने सभी को चौंकाते हुए पूर्ण बहुमत से जीत दर्ज की है. तय समय से पहले कराए गए चुनाव के नतीजों में धुर-दक्षिणपंथी पार्टियों को भी बढ़त मिली है. हालांकि, इस नतीजे से प्रधानमंत्री अंटोनियो कोस्टा के हाथों में एक मजबूत सरकार आई है, जिनके सामने देश की आर्थिक स्थिति सुधारने की बड़ी चुनौती है.

पुर्तगाल की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर निर्भर है. ऐसे में कोरोना वायरस महामारी आने के बाद देश की आर्थिक स्थिति को जोर का झटका लगा. पुर्तगाली सरकार को 16.6 अरब यूरो के उस राहत पैकेज का भी जिम्मेदारी से इस्तेमाल करना है, जो इसे यूरोपीय संघ की ओर से 2026 तक मिलेगा. इसके लिए देश में एक स्थिर सरकार की जरूरत शिद्दत से महसूस की जा रही थी.

पुर्तगाल की जनता ने सोशलिस्ट पार्टी को पूर्ण बहुमत से दोबारा मौका दिया है. तस्वीर: PATRICIA DE MELO MOREIRA/AFP

नतीजों में ये रहे आंकड़े

भारतीय मूल के अंटोनियो कोस्टा 2015 से सत्ता में हैं और इससे पहले वह दो बार धुर-वामपंथी पार्टियों के साथ गठबंधन में सरकार का नेतृत्व कर चुके हैं. 2019 के चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद वह दो छोटी धुर-वामपंथी पार्टियों के समर्थन से सरकार चला रहे थे. इस चुनाव में सोशलिस्ट पार्टी को 41.7 फीसदी वोट मिले हैं. 230 सीटों की संसद में सोशलिस्ट पार्टी ने 117 सीटों पर दर्ज की हैं. पिछले चुनाव में उसे 36.3 फीसदी वोटों के साथ 108 सीटें मिली थीं.

चुनाव से पहले सोशलिस्ट पार्टी को मुख्य विपक्षी मध्य दक्षिणपंथी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (PSD) से कड़ी टक्कर मिलने का अनुमान लगाया जा रहा था. PSD को चुनाव में 27.8 फीसदी वोटों के साथ 71 सीटों हासिल हुई हैं. अभी चार सीटों पर नतीजे आने बाकी हैं, जिन पर फैसला विदेशों से डाले गए वोटों के आधार पर होगा. पिछले चुनाव में सोशलिस्ट पार्टी को इनमें से दो सीटें मिली थीं.

यूरोप में समाजवाद को ऑक्सीजन?

जीत के बाद जनता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री कोस्टा ने कहा, "पूर्ण बहुमत का मतलब एकतरफा ताकत नहीं हैं. इसका यह मतलब नहीं है कि सरकार को अकेले चलाया जाएगा. इसका मतलब बढ़ी हुई जिम्मेदारी है और मैं पुर्तगाल के सभी लोगों का नेतृत्व करूंगा. पुर्तगाल को और समृद्ध, न्यायप्रिय और प्रगतिशील बनाने के लिए तमाम निवेश करने और बदलाव लाने की जरूरत है."

मध्य दक्षिणपंथी पार्टी पीएसडी संसद में दूसरे नंबर पर है. तस्वीर: Ana Brigida/AP/picture alliance

पुर्तगाल चुनाव का नतीजा इसलिए भी अहम बताया जा रहा है, क्योंकि पूरे यूरोप में सोशलिस्ट पार्टियों के किले ढहते देखे जा रहे हैं. वहीं दक्षिणपंथी पार्टियों का उभार भी देखा जा रहा है. हालिया वर्षों में ग्रीस और फ्रांस इस बदलाव के गवाह हैं. लेकिन, पुर्तगाल के नतीजों ने बता दिया है कि सोशलिस्ट पार्टियों की पूछ खत्म नहीं हुई है.

हालांकि, इस चुनाव में पुर्तगाल की धुर दक्षिणपंथी चेगा पार्टी को भी खूब मजबूती मिली है. पिछले चुनाव में महज एक सीट जीतने वाली चेगा ने इस बार 12 सीटें जीती हैं. इसी के साथ सीटों के मामले में यह तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है. कड़े शब्दों का इस्तेमाल करनेवाले चेगा नेता आंद्रे वेंटूरा ने अपने समर्थकों से कहा है, "इस बार संसद में सब कुछ बिल्कुल अलग होने वाला है. अब से कोई नर्म विपक्ष नहीं रहेगा. हम असली विपक्ष की जिम्मेदारी संभालेंगे और इस देश की प्रतिष्ठा को फिर से स्थापित करेंगे."

समय से पहले क्यों हुए चुनाव?

पिछले चुनाव के बाद कोस्टा को समर्थन देने वाली दो वामपंथी पार्टियों ने अक्टूबर 2021 में 2022 के बजट के ड्राफ्ट को लेकर समर्थन वापस ले लिया था. पेश किए गए ड्राफ्ट का विरोध करनेवाली इन पार्टियों ने दक्षिणपंथी पार्टियों का दामन थाम लिया था. फिर राष्ट्रपति रेबेलो डि सॉसा ने संसद भंग करते हुए नवंबर में चुनाव का एलान किया था. कोस्टा से समर्थन वापस लेने की वजह से ही दोनों ही वामपंथी पार्टियों- लेफ्ट ब्लॉक और कम्युनिस्ट पार्टी को इस चुनाव में सीटों का नुकसान झेलना पड़ा है.

चुनाव के एलान के समय सोशलिस्ट पार्टी की बढ़त तो मानी जा रही थी, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा था कि यह पूर्ण बहुमत के आंकड़े से पीछे रह सकती है. मतदान की तारीख नजदीक आते-आते PSD को भी बढ़त के रुझान बताए जा रहे थे. चुनावी कैंपेन के आखिरी दिनों में कोस्टा लगातार चेतावनी देते रहे कि PSD के नेतृत्व वाली सरकार धुर-दक्षिणपंथी चेगा पार्टी की बंधक बनकर रह जाएगी.

धुर दक्षिणपंथी चेगा पार्टी सीटों की संंख्या के लिहाज से तीसरे नंबर पर आ गई है. तस्वीर: Pedro Fiuza/imago images/ZUMA Wire

चेगा पार्टी पुर्तगाल में पुलिस को और ज्यादा अधिकार देने की वकालत करती है. पार्टी यह भी मानती है कि यौन अपराध के दोषियों की नसबंदी कर देनी चाहिए. PSD के नेता रुई रियो ने अपने चुनावी अभियान में दावा किया था कि वह चेगा पार्टी को सरकार में शामिल नहीं करेंगे, लेकिन उन्होंने यह इशारा भी किया था कि गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने के लिए वह चेगा का समर्थन ले सकते हैं.

64 साल के रियो का दावा था कि अर्थव्यवस्था को और तेजी से आगे बढ़ाने की जरूरत है और इसके लिए उनकी पार्टी ने कॉरपोरेट टैक्स घटाने का प्रस्ताव रखा था. अपने सुझाए उपायों में उन्होंने निजीकरण पर भी खासा जोर दिया था.

क्या कहते हैं मतदाता?

39 साल की एचआर मैनेजर कातिया रीस कहती हैं, "देश को स्थिरता की जरूरत है, इसलिए मैंने सोशलिस्ट पार्टी को वोट दिया. यह राजनीतिक बदलाव का समय नहीं है." कोस्टा के कार्यकाल में सरकार ने घाटे को नियंत्रित रखा था, न्यूनतम वेतन को काफी बढ़ाया था और सरकार बेरोजगारी दर को महामारी से पहले के स्तर पर लाने में कामयाब रही थी.

कोरोना का टीका लगाने के मामले में भी पुर्तगाल की स्थिति पूरे यूरोप में सबसे अच्छी है. यहां की 90 फीसदी जनता का पूरी तरह टीकाकरण हो चुका है. बढ़ई का काम करनेवाले 68 साल के रिटायर हो चुके मैनुएल पिंटो कहते हैं, "मैंने सोशलिस्ट पार्टी को इसलिए वोट दिया, क्योंकि इस मुश्किल वक्त में हमें उनकी जरूरत है."

वीएस/एनआर (एएफपी, डीपीए)

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