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दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं किसान

चारु कार्तिकेय
१ दिसम्बर २०२०

नए कृषि कानूनों पर किसानों के साथ चल रहे गतिरोध को समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार ने 32 किसान संघों को बातचीत के लिए बुलाया है. ठंड और महामारी के बीच किसान दिल्ली की सीमाओं पर अभी भी डटे हुए हैं.

Indien I Proteste von Bauern in Neu-Delhi
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर पुलिस धारा 144 लगा सकती है तो हम 288 लगा सकते हैं ताकि पुलिस हमारी तरफ नहीं आ सके.तस्वीर: Manish Rajput/SOPA/ZUMApicture alliance

कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि ठंड और कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए केंद्र सरकार किसानों के साथ अपनी बैठक की निर्धारित तिथि से पहले ही मंगलवार एक दिसंबर को ही किसानों के साथ बैठक करेगी. उन्होंने 32 किसान संघों को दिल्ली के विज्ञान भवन में दोपहर तीन बजे बैठक में शामिल होने का न्योता दिया है.

किसी भी संघ ने अभी तक निमंत्रण मंजूर करने की पुष्टि नहीं की है, बल्कि कुछ किसान नेताओं ने कहा है कि यह सरकार द्वारा सभी किसान संघों के बीच फूट डालने की कोशिश है. उनका कहना है कि संघर्ष में 500 से भी ज्यादा संगठन शामिल हैं लेकिन सरकार ने बैठक के लिए सिर्फ 32 को बुलाया है.

उनका यह भी कहना है कि वे तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपनी मूल मांग से समझौता नहीं करेंगे. इस बीच पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से भी आए किसान अभी भी दिल्ली की सभी सीमाओं पर धरना दे रहे हैं. मीडिया में आई खबरों में बताया जा रहा है कि धरने पर बैठे किसानों की संख्या और ज्यादा बढ़ सकती है क्योंकि मंगलवार को पंजाब और हरियाणा से और भी किसानों के आने की उम्मीद है.

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर पुलिस धारा 144 लगा सकती है तो हम 288 लगा सकते हैं ताकि पुलिस हमारी तरफ नहीं आ सके.तस्वीर: picture alliance / ZUMAPRESS.com

ऐसी भी खबरें हैं कि अभी तक धरने पर बैठे कम से कम दो किसानों की स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण मृत्यु हो चुकी है. दिल्ली में इस बार इस समय सामान्य से ज्यादा ठंडा मौसम है. तापमान इतना नीचे पहुंच गया है जितना पिछले 71 सालों में नहीं गया.ऐसे में सुरक्षाबलों ने कई बार प्रदर्शन कर रहे किसानों पर वॉटर कैनन का भी इस्तेमाल किया और उन्हें ठंडे पानी से तरबतर कर दिया.

लेकिन किसान फिर भी पीछे नहीं हट रहे हैं, बल्कि प्रशासन के बल प्रयोग का भी खुल कर विरोध कर रहे हैं. दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बीच गाजीपुर सीमा पर सोमवार को किसानों ने बार बार बॉर्डर पार करने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने हर बार उनके प्रयासों को विफल कर दिया.

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर पुलिस धारा 144 लगा सकती है तो हम 288 लगा सकते हैं ताकि पुलिस हमारी तरफ नहीं आ सके. दरअसल वे 144 को दोगुनी कर 288 की बात कर रहे हैं. उधर प्रशासन द्वारा किसानों को दिल्ली में आने से रोकने के प्रयास की वजह से लगभग सभी सीमाएं सील हैं और वहां से लोगों और सामान की आवाजाही नहीं हो पा रही है.

हालात अगर ऐसे ही रहे तो राजधानी में दूध, सब्जियां, पोल्ट्री जैसी आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई पर असर पड़ेगा जिस से प्रशासन पर दबाव और बढ़ने की संभावना है. देखना होगा कि मंगलवार की बैठक इस गतिरोध को समाप्त कर पाती है या नहीं.

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