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पूतिन- यूरोपीय तर्ज पर रूसी राजनीति

प्रिया एसेलबोर्न१५ अप्रैल २००८

वर्तमान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पूतिन को पश्चिमी देशों में हमेशा से शक की नज़र से देखा जाता रहा है, जबकि रूस में उनकी लोकप्रियता लगातार बढती ही जा रही है. पूतिन ने आज फैसला किया कि वे संसद के निचले सदन दूमा में संयुक्त रूस नाम की सबसे शक्तिशाली पार्टी के अध्यक्ष बनेंगे. पार्टी ने खास त

संयुक्त रूस पार्टी के सदसेयों ने पूतिन को अध्यक्ष चुना
संयुक्त रूस पार्टी के सदसेयों ने पूतिन को अध्यक्ष चुनातस्वीर: AP

�र पर पूतिन के लिए अपनी संविदा में बदलाव लाया है क्योंकि न तो पूतिन पार्टी के सदस्य हैं, न सदस्य बनने का उनका इरादा है.

पचपन साल के व्लादिमीर पूतिन के आलोचकों का मानना है कि वे सत्ता के भूखे हैं. मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि राष्ट्रपति पद संभालने के आठ सालों में उन्होंने प्रेस की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक उपलब्धियों को धीरे धीरे खत्म कर दिया. तब भी, जब से उन्होंने शतरंजी चाल खेलते हुए अपने वफ़ादार सहयोगी दिमीत्री मेद्वेदेव को राष्ट्रपती पद पर बिठाया है और उनके शपथ लेने के बाद खुद प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं, उनकी लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है.

तालियों की गड़गड़ाहट के साथ पूतिन ने घोषित किया कि वे संसद यानी दूमा में सबसे शक्तिशाली पार्टी के अध्यक्ष बनेंगे. दूमा में संयुक्त रूस पार्टी को आधे से भी ज़्यादा सीटें प्राप्त हैं. इस से उनकी शक्ति और भी बढ़ेगी. पूतिन ने आज के अपने भाषण में हमेशा कि तरह देश की एकता पर ज़ोर दिया और कहा कि रूस का भविष्य, सभी चुनौतियों के बावजूद, सुखद है:

"मैं इसे एक सभ्य तरीका मानता हूँ कि एक लोकतांत्रिक समाज में प्रधानमंत्री सबसे बड़ी पार्टी का अध्यक्ष भी होता है. संसद में बहुमत और सरकार के बीच सहयोग की वजह से आर्थिक विकास, स्वास्थ्य और शिक्षा प्रणाली में सुधार लाना और तनख़ाहें बढाना ऐसे ही मुमकिन है. मैं इस मौके के लिए बहुत आभारी हूँ और इस ज़िम्मेदारी को निभाऊंगा."

वैसे पार्टी ने खास तौर पर पूतिन के लिए अपनी संविदा में संशोधन किया, क्योंकि न तो पूतिन पार्टी के सदस्य हैं न उनका सदस्य बनने का इरादा है.

तैंतालीस साल के दिमित्री मेद्वेदेव ने आज भी पूतिन का समर्थन किया, जिसकी वजह से एक बार फिर बहस छिड़ गई है कि क्या मेदवेदेव पूतिन की कठपुतली बनकर नहीं रह जाएंगे. मेदवेदव ने, जो क्रेमलिन में पूतिन के कार्यालय प्रमुख रह चुके हैं, कहा:

"दूमा के अध्यक्ष बोरिस ग्रिसलोव ने पूतिन के सामने संयुक्त रूस पार्टी की अध्यक्षता का प्रस्ताव रखा. यह तर्कसंगत और दृढ़निश्चय क़दम था. इसकी वजह से कार्यपालिका और विधायिका के बीच बेहतर सहयोग हो सकता है और राजनैतिक शक्तियों का योगदान भी मिल सकता है."

रूस के नागरिकों की नज़र में पूतिन इस लिए हीरो हैं क्योंकि उन्होंने देश को संभालते हुए उसे आत्मसम्मान और गर्व दिया है और विश्व में एक शक्ति के रूप में फिर से स्थापित किया है.

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