पूरा मैड्रिड चला लिस्बन
१ मई २०१४
सेमीफाइनल के दूसरे मुकाबले का नतीजा सबको चौंकाने वाला है, जहां दिग्गज कोच जोसे मोरिन्यो की नीली टीम चेल्सी को तीन गोल खाना पड़ा और फाइनल की उनकी बस मिस हो गई. लेकिन दूसरी तरफ लगता है कि 24 मई को पूरा मैड्रिड उठ कर सीमा पार पुर्तगाली राजधानी लिस्बन पहुंचने की कोशिश करेगा, जहां अटलेटिको मैड्रिड को खिताब के लिए रियाल मैड्रिड से मुकाबला करना है.
सबसे हसीन रात
अटलेटिको भले ही 111 साल पुराना क्लब हो लेकिन उसकी अब तक की सबसे हसीन शाम बुधवार, 30 अप्रैल, 2014 ही कही जाएगी, जब लंदन के स्टेडियम में एक गोल से पिछड़ने के बावजूद उसके खिलाड़ियों ने ताबड़तोड़ तीन गोल बरसा दिए. हालांकि क्लब 1974 में भी फाइनल में पहुंच चुका है, जहां उसे बायर्न म्यूनिख से हार झेलनी पड़ी थी.
खुशी के इस क्षण में अटलेटिको मैड्रिड के कोच दियेगो सिमेओने अपनी भावनाओं को काबू नहीं कर पा रहे थे और उन्होंने इस जीत का श्रेय खिलाड़ियों से ज्यादा उनकी मांओं को दे दिया कि उन्होंने ऐसे साहसी खिलाड़ी पैदा किए हैं, "अटलेटिको मैड्रिड में जो खिलाड़ी हैं, मैं उनकी मांओं को शुक्रिया कहना चाहता हूं, जिनके बेटों का कलेजा इतना बड़ा है." कभी खुद अटलेटिको के खिलाड़ी रह चुके सिमेओने अर्जेंटीना के हैं और कभी हार न मानने की ललक रखने वाले माने जाते हैं.
मेहनत की जीत
हारी हुई टीम के कोच मोरिन्यो ने पराजय स्वीकार करते हुए कहा कि बेहतर टीम जीती है, "पहले हाफ में हम मजबूत थे लेकिन बाद में उनके गोलकीपर ने जॉन टेरी का शॉट बचा लिया. इसके बाद उन्हें पेनाल्टी मिली और 2-1 की बढ़त मिल गई. उसके बाद गेम पर उनका नियंत्रण हो गया." टेरी के गोल का बचाव 21 साल के गोलकीपर थिबो कुर्तवा ने किया, जो बुनियादी तौर पर चेल्सी का ही खिलाड़ी है और फिलहाल लोन पर अटलेटिको के साथ खेल रहा है.
अटलेटिको भले ही कम जानी हुई टीम है लेकिन बुधवार के सेमीफाइनल में वह किस्मत नहीं, बल्कि मेहनत की बल पर जीते. खिलाड़ी गेंद हासिल करने के लिए उतावले दिख रहे थे और मामूली मौके को गोल में बदलने की छटपटाहट दिखाई दे रही थी. फॉरवर्ड खिलाड़ी कोस्टा का कहना है, "हमने वह चीज की जिससे हमें फाइनल में जगह मिले. रियाल मैड्रिड और हम, दोनों ही फाइनल खेलने का हक रखते हैं."
कैसे कैसे कोच
कोच सिमेओने अब फाइनल की तैयारी में लगना चाहते हैं और उन्हें रियाल को लेकर कोई दिक्कत नहीं है, "उनके खिलाफ खेलने में न हमें फायदा है, न नुकसान." दूसरी तरफ सेमीफाइनल में बायर्न म्यूनिख को हराने वाले रियाल मैड्रिड के कोच कार्लो एनसेलोट्टी का कहना है, "मैड्रिड में हर कोई खुश है." रियाल ने सबसे ज्यादा नौ बार चैंपियंस लीग जीता है.
एनसेलोट्टी और सिमेओने अगर हवा में तैर रहे हैं, तो बायर्न के कोच पेप गोआर्दियोला और चेल्सी के जोसे मोरिन्यो मायूसी में दबे हैं. कभी पेप और मोरिन्यो बार्सिलोना और रियाल को देखा करते थे और सबसे बड़े कोचों में शुमार होते थे. पता नहीं पेप अब फाइनल देखने लिस्बन जाएंगे भी या नहीं. और मोरिन्यो तो खुद पुर्तगाल के हैं. पक्का नहीं कि क्या वह अपने शहर में अपने क्लब को हराने वाली टीम का मैच देखना पसंद करेंगे.
एजेए/एमजी (एएफपी, डीपीए)