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पूरे मध्य पूर्व में असंतोष और प्रदर्शन

२१ फ़रवरी २०११

मिस्र और ट्यूनीशिया के बाद पूरे मध्य पूर्व में स्थिति नाजुक बनी हुई है. चारों ओर सरकार विरोधी प्रदर्शन देखे जा रहे हैं. प्रदर्शन की आग लीबिया और बहरीन के साथ साथ कुवैत और मोरक्को तक पहुंच गई है.

तस्वीर: AP

अरब लीग के अध्यक्ष अमर मूसा ने कहा है कि मिस्र और ट्यूनीशिया में हुए प्रदर्शन पूरे अरब समाज पर असर डालेंगे, "अरब समाज और मध्य पूर्व में बदलाव की आंधी आ रही है, अब बहुत बड़ा बदलाव आने वाला है." इस बदलाव के चलते मध्य पूर्व के कई देशों में प्रदर्शन देखे जा रहे हैं:

लीबिया: मोअम्मर गद्दाफी के बेटे ने टीवी पर प्रसारित एक भाषण में लोगों को चेतावनी दी है कि यदि वे सरकार की बातों को नहीं मानते हैं तो गृह युद्ध की संभावना बन सकती है. राजधानी त्रिपोली में प्रदर्शनकारियों ने एक सरकारी इमारत को आग लगा दी है. मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वाच के अनुसार अब तक 233 लोग मारे गए हैं.

बहरीन: राजधानी मनामा के पर्ल स्क्वेअर पर लोग लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों के दबाव में आ कर सुन्नी मुसलामानों वाली सरकार ने शिया विपक्ष से बातचीत करने का फैसला किया है. इस बीच देश से निकाले जा चुके विपक्ष के हसन मशाइमा ने वापस लौटने का फैसला किया है. मंगलवार को उनके देश लौटने की संभावना है.

यमन: राष्ट्रपति अली अब्दुल सालेह ने कहा है कि चुनाव में हारने पर ही वह अपनी कुर्सी छोड़ेंगे. सालेह 1978 से सत्ता में हैं और उनके खिलाफ देश में प्रदर्शन चल रहे हैं. पुलिस द्वारा गोलीबारी में एक प्रदर्शनकारी की मौत और चार लोगों के घायल हो जाने के बाद प्रदर्शन और तेज हो गए हैं. धार्मिक नेताओं ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग करने से मना किया है. एक बयान में कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों को जान से मारना या उन्हें किसी भी तरह से प्रताड़ित करना अपराध के रूप में देखा जाएगा.

तस्वीर: dapd

इराक: एक कार में हुए आत्मघाती हमले में 10 पुलिसकर्मियों की जान जा चुकी है और 16 घायल हुए हैं. उत्तरी इराक में रैली के दौरान एक किशोर प्रदर्शनकारी की मौत भी हुई है.

कुवैत: नागरिकता की मांग करते हुए चौथे दिन भी हजारों लोगों ने प्रदर्शन जारी रखे. ह्युमन राइट्स वॉच ने शुक्रवार को गिरफतार किए गए लोगों की रिहाई की अपील की.

मोरक्को: हजारों लोगों ने राजनैतिक सुधारों के लिए प्रदर्शन किए और राजा मोहम्मद 6 के सरकार में हस्तक्षेप ना करने की मांग की.

जॉर्डन: यहां भी बाकी देशों जैसा माहौल ना बन जाए इसलिए शाह अब्दुल्लाह 2 ने पहले ही राजनैतिक सुधार और भ्रष्टाचार से लड़ने की बात की है. लोगों में असंतोष है लेकिन यहां से अभी हिंसा की कोई खबर नहीं आई है.

सीरिया: यहां के एक ब्लॉगर और अधिकारों के लिए लड़ने वाले कमल हुसैन शेखो भूख हड़ताल पर बैठे हैं.

अल्जीरिया: विदेश मंत्री मुराद मेदेलसी ने विश्वास जताया है कि मिस्र और ट्यूनीशिया जैसे सरकार विरोधी प्रदर्शन उनके देश तक नहीं पहुंचेंगे.

मिस्र: यहां बैंक दोबारा खुल गए हैं और देश की सबसे बड़ी फैक्ट्री की हड़ताल भी खत्म हो गई है. सिकंदरिया शहर में तीन पुलिसकर्मियों की प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने के सिलसिले में जांच चल रही है.

ट्यूनीशिया: देश की अंतरिम सरकार ने सउदी अरब से कहा है कि वह ज़ेन एल अबीदीन बेन अली को सौंप दे.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया

संपादन: आभा एम

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