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अफ्रीका में सुपरकंप्यूटर की मदद से टिड्डियों का मुकाबला

१२ मार्च २०२०

पूर्वी अफ्रीका में ब्रिटेन द्वारा दान में दिया हुआ सुपरकंप्यूटर सैटेलाइट से मिली जानकारी का इस्तेमाल कर टिड्डी दलों को ट्रैक करता है और उनके अगले हमले के ठिकाने के बारे में पहले से बताता है.   

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तस्वीर: DW/Y. Safia Mahdi

टिड्डी दलों की गतिविधि के बारे में जानकारी को तुरंत क्षेत्रीय अधिकारियों तक पहुंचाना उनके प्रकोप से लड़ने का एक अहम हिस्सा है, क्योंकि एक छोटा दल भी सिर्फ एक ही दिन में लगभग 100 मील यात्रा कर सकता है और इतनी फसल खा सकता है जिससे 35,000 लोगों का पेट भरा जा सके. 

ब्रिटेन के अंतरराष्ट्रीय विकास के विभाग ने एक बयान में कहा कि केन्या के एक क्षेत्रीय पर्यावरण केंद्र में स्थित ये सुपरकंप्यूटर सिस्टम "मौसम के विस्तृत पूर्वानुमान देता है जिनमें तेज हवाओं, बारिश और उमस का पूर्वानुमान शामिल है, जो टिड्डियों के प्रजनन के लिए आदर्श हालात होते हैं". बयान में कहा गया कि इस पूर्वानुमान की मदद से पर्यावरण विशेषज्ञ टिड्डियों के अगले ठिकाने का अंदाजा लगा सकते हैं. विभाग ने यह भी कहा, "पूर्व चेतावनी देने वाली प्रणालियों को सुधार कर हम कमजोर समुदायों की रक्षा करने में दानी संस्थाओं और अफ्रीकी सरकारों की मदद कर रहे हैं."

केन्या, सोमालिया और युगांडा पूर्वी अफ्रीका के 70 सालों में टिड्डियों के सबसे बुरे प्रकोप से गुजर रहे हैं. टिड्डी दलों को जिबूती, एरिट्रीया, तंजानिया, कांगो और दक्षिण सूडान में भी देखा गया है. संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन द्वारा जारी की गई एक चेतावनी के अनुसार हॉर्न ऑफ अफ्रीका में टिड्डियों से खतरा अभी भी "अत्यंत चिंताजनक" है. संगठन का कहना है कि वहां "टिड्डियों का प्रजनन व्यापक स्तर पर हो रहा है और नए दल बनने शुरू हो गए हैं, जिनसे आने वाले फसल कटाई के मौसम से ठीक पहले खाद्य सुरक्षा और जीविका के लिए एक अभूतपूर्व खतरा खड़ा हो जाएगा." 

तस्वीर: DW/Y. Safia Mahdi

टिड्डी दल, जो कभी कभी कुछ शहरों जितने बड़े होते हैं, फसलों को पूरी तरह से बर्बाद कर सकते हैं और जानवरों के चरागाहों को नष्ट कर सकते हैं. युगांडा में, जहां टिड्डियों के प्रकोप से उत्तर और उत्तर-पूर्व के इलाकों में 20 से भी ज्यादा जिले ग्रसित हैं, सिपाही हाथों में स्प्रे-पंप लिए टिड्डी दलों से मुकाबला कर रहे हैं क्योंकि हवाई छिड़काव के लिए जहाज और सही कीटनाशक दोनों के ही मिलने में मुश्किलें आ रही हैं. 

केन्या की राजधानी नैरोबी, जहां वो सुपरकंप्यूटर है, में अधिकारियों ने बताया कि ये तकनीक टिड्डी दलों को ट्रैक करने की उनकी कोशिशों को मजबूत करेगी. 

संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में टिड्डियों से संबंधित मदद की अपनी अपील को 7.6 करोड़ डॉलर से बढ़ा कर 13.8 करोड़ डॉलर कर दिया, यह कहते हुए कि और मदद की तुरंत आवश्यकता है. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर टिड्डियों की संख्या पर काबू नहीं पाया गया तो ये जून तक, जब पूर्वी अफ्रीका में मौसम और सूखा होने की आशंका है, टिड्डी दल 500 गुना बढ़ जाएंगे.

सीके/एए (एपी)

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