पूर्वोत्तर में हिंदुओं को अल्पसंख्यक घोषित करने की मांग
प्रभाकर मणि तिवारी
२३ सितम्बर २०२०
पूर्वोत्तर भारत में एक दिलचस्प मामले में असम के गुवाहाटी हाईकोर्ट और मेघालय हाईकोर्ट में दायर दो अलग-अलग जनहित याचिकाओं में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की मांग की गई है.
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इन याचिकाओं में 23 अक्तूबर, 1993 को जारी उस अधिसूचना को चुनौती दी गई है जिसमें मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, पारसी और जैन समुदाय को अल्पसंख्यक घोषित किया गया था.
याचिका के मुताबिक पूर्वोत्तर भारत में ईसाई समुदाय के लोगों की बहुलता के बावजूद उनको अल्पसंख्यक का दर्जा मिला है. याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रीय आधार पर नहीं बल्कि इलाके के विभिन्न राज्यों में आबादी के आधार पर अल्पसंख्यक श्रेणी में शामिल समुदाय के बारे में फैसला किया जाना चाहिए.
मेघालय हाईकोर्ट में डेलिना खांग्डुप ने याचिका दायर की है जबकि गुवाहाटी हाईकोर्ट में इसी मांग को लेकर पंकज डेका ने याचिका दायर की है.
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इन मुस्लिम देशों में हैं हिंदू मंदिर
दुनिया में भारत और नेपाल ही हिंदू बहुल देश हैं, लेकिन हिंदू पूरी दुनिया में फैले हैं. मुस्लिम देशों में भी उनकी अच्छी खासी तादाद है. डालते हैं एक नजर मुस्लिम देशों में स्थित मंदिरों पर.
तस्वीर: Imago/Zumapress/C. Jung
पाकिस्तान
पाकिस्तान के चकवाल जिले में स्थित कटासराज मंदिर का निर्माण सातवीं सदी में हुआ था. इस मंदिर परिसर में राम मंदिर, हनुमान मंदिर और शिव मंदिर खास तौर से देखे जा सकते हैं. पुरातात्विक विशेषज्ञ इसके रखरखाव में जुटे हैं.
तस्वीर: Ismat Jabeen
मलेशिया
मलेशिया में हिंदू तमिल समुदाय के बहुत से लोग रहते हैं और इसलिए यहां बहुत सारे मंदिर हैं. गोमबाक में बातु गुफाओं में कई मंदिर हैं. गुफा के प्रवेश स्थल पर हिंदू देवता मुरुगन की विशाल प्रतिमा है.
तस्वीर: Imago/Zumapress/C. Jung
इंडोनेशिया
आज इंडोनेशिया भले ही दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम देश है, फिर भी वहां की संस्कृति में हिंदू तौर तरीकों की झलक दिखती है. वहां बड़ी संख्या में हिंदू मंदिर हैं. फोटो में नौवीं सदी के प्रामबानान मंदिर में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को देखा जा सकता है.
तस्वीर: Reuters/P. Erlangga
बांग्लादेश
बांग्लादेश की 16 करोड़ से ज्यादा की आबादी में हिंदुओं की हिस्सेदारी लगभग दस फीसदी है. राजधानी ढाका के ढाकेश्वरी मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. देश के विभिन्न हिस्सों में और भी कई मंदिर हैं.
तस्वीर: DW/M. Mamun
ओमान
फरवरी 2018 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब ओमान पहुंचे तो वह राजधानी मस्कट के शिव मंदिर में भी गए. इसके अलावा मस्कट में श्रीकृष्ण मंदिर और एक गुरुद्वारा भी है.
तस्वीर: PIB
यूएई
संयुक्त अरब अमीरात में अभी सिर्फ एक मंदिर है जो दुबई में है. इसका नाम शिव और कृष्ण मंदिर है. जल्द ही अबु धाबी में पहला मंदिर बनाया जाएगा जिसकी आधारशिला प्रधानमंत्री मोदी ने रखी.
तस्वीर: Imago/robertharding
बहरीन
काम की तलाश में बहुत से लोग भारत से बहरीन जाते हैं, जिनमें बहुत से हिंदू भी शामिल हैं. उनकी धार्मिक आस्थाओं के मद्देनजर वहां शिव मंदिर और अयप्पा मंदिर बनाए गए हैं. (तस्वीर सांकेतिक है)
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Made Nagi
अफगानिस्तान
अफगानिस्तान में रहने वाले हिंदुओं की संख्या अब लगभग 1000 ही बची है. इनमें से ज्यादातर काबुल या अन्य दूसरे बड़े शहरों में रहते हैं. अफगानिस्तान में जारी उथल पुथल का शिकार हिंदू मंदिर भी बने. लेकिन काबुल में अब भी कई मंदिर बचे हुए हैं.
तस्वीर: DW
लेबनान
लेबनान के जाइतून में भी हिंदू मंदिर मौजूद है. वैसे लेबनान में रहने वाले भारतीयों की संख्या ज्यादा नहीं है. 2006 के इस्राएल-हिज्बोल्लाह युद्ध के बाद वहां भारतीयों की संख्या में कमी आई.
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क्यों उठी मांग
इन दोनों याचिकाओं में टीएमए पाई और अन्य बनाम कर्नाटक सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले का हवाला देते हुए कहा गया है कि नागालैंड, मिजोरम और मेघालय ईसाई-बहुल राज्य हैं.
बाकी राज्यों में भी असम को छोड़ कर ईसाईयों की तादाद ही ज्यादा है. वहां हिंदु अल्पसंख्यक हैं. लेकिन उनको यह दर्जा नहीं मिला है. नतीजतन वे लोग अल्पसंख्यकों के लिए चलाई जाने वाली सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पाते. दूसरी ओर, बहुसंख्यक आबादी वाली जातियों को ऐसे तमाम फायदे मिल रहे हैं.
इन याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट के जिस फैसले का हवाला दिया गया है उसमें शीर्ष अदालत ने कहा था कि राज्यों में आबादी के आधार पर ही भाषाई अल्पसंख्यकों के बारे में फैसला किया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किसी इलाके में जो लोग संख्या में कम हैं उन्हें संविधान के अनुच्छेद 30 (1) के तहत अपने धर्म और संस्कृति के संरक्षण के लिए स्कूल और कॉलेज खोलने का अधिकार है. याचिकाओं में कहा गया है कि धार्मिक आधार पर भी अल्पसंख्यकों के बारे में फैसला राज्यों की आबादी के आधार पर ही किया जाना चाहिए, आबादी के राष्ट्रीय औसत के आधार पर नहीं.
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इन याचिकाओं में 23 अक्तूबर, 1993 को केंद्र की ओर से जारी उस अधिसूचना को चुनौती दी गई है जिसमें मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, पारसी और जैन तबके के लोगों को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया गया था. याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि पूर्वोत्तर भारत की बहुसंख्यक आबादी अल्पसंख्यक के दर्जे की वजह से तमाम सरकारी लाभ ले रही है. यह सार्वजनिक धन की बर्बादी की मिसाल है. इलाके के ज्यादातर राज्यों में हिंदू समुदाय अल्पसंख्यक है. लेकिन वह अल्पसंख्यकों को मिलने वाले फायदों से वंचित है.
डेलिना खांग्डुप ने मेघालय हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़ों के हवाले से बताया है कि राज्य (मेघालय) में ईसाइयों की आबादी 74.59 प्रतिशत है जबकि हिंदुओं की 11.53 प्रतिशत. इसके अलावा आबादी में 4.4 प्रतिशत मुस्लिम, 0.33 प्रतिशत बौद्ध, 0.02 प्रतिशत जैन और 8.71 प्रतिशत दूसरे धर्मों के लोग शामिल हैं.
याचिकाकर्ताओं ने इलाके में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को तमाम सुविधाएं मुहैया कराने के लिए संविधान की सही व्याख्या की अपील की है. उनका कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 29 और 30 में अल्पसंख्यक शब्द का जिक्र तो है लेकिन इसे परिभाषित नहीं किया गया है. ध्यान रहे कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 30 देश में धार्मिक या भाषाई अल्पसंख्यकों को कई अधिकार देता है.
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दुनिया में किस धर्म के कितने लोग हैं?
दुनिया में दस में से आठ लोग किसी ना किसी धार्मिक समुदाय का हिस्सा हैं. एडहेरेंट्स.कॉम वेबसाइट और पियू रिसर्च के 2017 के अनुमानों से झलक मिलती हैं कि दुनिया के सात अरब से ज्यादा लोगों में कितने कौन से धर्म को मानते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/R. Gupta
ईसाई
दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी ईसाइयों की है. विश्व आबादी में उनकी हिस्सेदारी 31.5 प्रतिशत और आबादी लगभग 2.2 अरब है.
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मुसलमान
इस्लाम दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है, जिसे मानने वालों की आबादी 1.6 अरब मानी जाती है. विश्व आबादी में उनकी हिस्सेदारी 1.6 अरब है.
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धर्मनिरपेक्ष/नास्तिक
जो लोग किसी धर्म में विश्वास नहीं रखते, उनकी आबादी 15.35 प्रतिशत है. संख्या के हिसाब यह आंकड़ा 1.1 अरब के आसपास है.
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हिंदू
लगभग एक अरब आबादी के साथ हिंदू दुनिया में तीसरा बड़ा धार्मिक समुदाय है. पूरी दुनिया में 13.95 प्रतिशत हिंदू हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/R. Gupta
चीनी पारंपरिक धर्म
चीन के पारंपरिक धर्म को मानने वाले लोगों की संख्या 39.4 करोड़ है और दुनिया की आबादी में उनकी हिस्सेदारी 5.5 प्रतिशत है.
तस्वीर: picture alliance/CPA Media
बौद्ध धर्म
दुनिया भर में 37.6 करोड़ लोग बौद्ध धर्म को मानते हैं. यानी दुनिया में 5.25 प्रतिशत लोग भारत में जन्मे बौद्ध धर्म का अनुकरण कर रहे हैं.
तस्वीर: picture-alliance/ZUMAPRESS
जातीय धार्मिक समूह/अफ्रीकी पारंपरिक धर्म
इस समूह में अलग अलग जातीय धार्मिक समुदायों को रखा गया है. विश्व आबादी में 5.59 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ इनकी संख्या 40 करोड़ के आसपास है.
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सिख
अपनी रंग बिरंगी संस्कृति के लिए दुनिया भर में मशहूर सिखों की आबादी दुनिया में 2.3 करोड़ के आसपास है
तस्वीर: NARINDER NANU/AFP/Getty Images
यहूदी
यहूदियों की संख्या दुनिया भर में 1.4 करोड़ के आसपास है. दुनिया की आबादी में उनकी हिस्सेदारी सिर्फ 0.20 प्रतिशत है.
तस्वीर: picture alliance/dpa/W. Rothermel
जैन धर्म
मुख्य रूप से भारत में प्रचलित जैन धर्म के मानने वालों की संख्या 42 लाख के आसपास है.
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/N. Ut
शिंटो
यह धर्म जापान में पाया जाता है, हालांकि इसे मानने वालों की संख्या सिर्फ 40 लाख के आसपास है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/K. Mayama
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पहले भी उठा है मामला
दरअसल, पूर्वोत्तर समेत कुछ राज्यों के हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की मांग पहली बार नहीं उठी है. एक याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने इस साल फरवरी में इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. लेकिन अदालत ने इस पर सुनवाई से इनकार करते हुए उनसे हाईकोर्ट में जाने को कहा था. उपाध्याय ने वर्ष 2017 में भी सुप्रीम कोर्ट में यह मामला उठाया था. उस समय अदालत ने उनको राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के समक्ष यह मुद्दा उठाने की सलाह दी थी. लेकिन आयोग ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया. इसी वजह से याचिकाकर्ता ने दोबारा सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. उपाध्याय की दलील थी कि देश के नौ राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हैं और उनको वहां अल्पसंख्यकों के लिए तय कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है. वहां की बहुसंख्यक आबादी सारे लाभ ले लेती है.
पेशे से एडवोकेट और बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने अपनी याचिका में दलील दी थी कि लद्दाख में हिंदू आबादी महज एक प्रतिशत है. इसी तरह मिजोरम में 2.75 प्रतिशत, लक्ष्यदीप में 2.77 प्रतिशत, कश्मीर में चार प्रतिशत, नागालैंड में 8.74 प्रतिशत, मेघालय में 11.53 प्रतिशत, अरुणाचल प्रदेश में 29.24 प्रतिशत, पंजाब में 38.49 और मणिपुर में 41.29 प्रतिशत हिंदू आबादी है. बावजूद इसके सरकारी योजनाओं को लागू करते समय इस समुदाय को अल्पसंख्यकों के लिए तय कोई लाभ नहीं मिलता.
उन्होंने भी अपनी याचिका में 2002 के टीएमए पाई बनाम कर्नाटक मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया गया था. उपाध्याय की दलील थी कि जिस तरह पूरे देश में अल्पसंख्यकों को चर्च की ओर से संचालित स्कूल या मदरसा खोलने की अनुमति मिली है वैसी इजाजत हिंदुओं को भी उक्त नौ राज्यों में मिलनी चाहिए. साथ ही इन स्कूलों को विशेष सरकारी संरक्षण मिलना चाहिए.
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की मुश्किल
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मिली-जुली प्रतिक्रिया
हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की मांग में दायर याचिकाओं पर अब तक मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई है. कुछ लोग इसे एक सही कदम मानते हैं तो कुछ का कहना है कि पूरे देश में हिंदुओं की आबादी सबसे ज्यादा है. ऐसे में उनको अल्पसंख्यक के दर्जे या सरकारी संरक्षण की जरूरत नहीं हैं.
समाजशास्त्री डॉ. सुबह दासगुप्ता कहते हैं, "टीएमए पाई बनाम कर्नाटक सरकार के मामले को ध्यान में रखते हुए यह मांग जायज है. इससे इलाके में तेजी से सिमट रही हिंदू आबादी का अस्तित्व बचाने में सहायता मिलेगी.” लेकिन एक अन्य समाजविज्ञानी मधुलिका बर्मन कहती हैं, "पूर्वोत्तर राज्यों की तुलना देश के बाकी राज्यों से करना उचित नहीं है. ऐसा कोई भी फैसला करते वक्त इलाके की आबादी, संस्कृति और सामाजिक ताने-बाने को ध्यान में रखना होगा.”
अब निगाहें इन याचिकाओं पर होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं. पूर्वोत्तर की मौजूदा सामाजिक परिस्थिति के संदर्भ में अदालत का फैसला बेहद अहम साबित हो सकता है.
लव जिहाद जैसे जुमले भी भले ही सियासत में उछाले जाते हों, लेकिन अंतर धार्मिक शादियां धर्मों के बीच बढ़ रही दूरी को पाटने का एक अच्छा तरीका है. चलिए डालते नजर कुछ ऐसी ही जोड़ियों पर.
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शाहरुख खान-गौरी खान
बॉलीवुड के किंग कहे जाने वाले शाहरुख खान ने पंजाबी परिवार में जन्मी गौरी छिब्बर से 1991 में शादी की, जिसके बाद वह गौरी खान बन गईं. दोनों के तीन बच्चे हैं.
तस्वीर: AP
ऋतिक रोशन-सुजैन खान
अभिनेता ऋतिक रोशन और सुजैन खान ने 2000 में शादी की. लेकिन 2014 में दोनों नो अलग होने का फैसला किया. सुजैन खान अभिनेता संजय खान की बेटी हैं. यहां उन्हें अभिनेत्री पूजा हेगड़े के साथ देखा जा सकता है.
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सलमान खान का परिवार
सलमान खान ने तो अब तक शादी नहीं की है. लेकिन उनके परिवार में कई शादियां ऐसी हैं जिनमें अलग अलग धर्म के लोग मिले. इसमें सलीम खान-सुशीला चरक, हेलेन, अलवीरा-अतुल अग्निहोत्री, अरबाज-मलाइका, सोहेल खान-सीमा सचदेव जैसी कई जोड़ियां शामिल हैं.
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सैफ अली खान-अमृता सिंह-करीना कपूर
अभिनेता सैफ अली खान और अमृता सिंह की शादी लगभग 13 साल चली. 2004 में वे अलग हो गए. इसके बाद उन्होंने 2012 में करीना कपूर से शादी की.
तस्वीर: dapd
इमरान हाशमी-परवीन साहनी
बॉलीवुड में अपने किसिंग सीन के लिए मशहूर इमरान हाश्मी ने 2006 में परवीन साहनी से शादी की. यह तस्वीर "डर्टी पिक्चर" की प्रमोशन के वक्त है जिसमें वह अभिनेत्री विद्या बालन के साथ दिख रहे हैं.
तस्वीर: DW
मुमताज-मयूर माधवानी
गुजरे जमाने की सबसे हिट अभिनेत्रियों में से एक मुमताज का संबंध एक मुस्लिम परिवार से रहा है. 1974 में उन्होंने कारोबारी मयूर माधवानी से शादी कर अपना घर बसाया.
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नरगिस दत्त-सुनील दत्त
नरगिस का नाम पहले फातिमा राशिद था. पर्दे पर तो उनकी जोड़ी राजकपूर के साथ हिट थी लेकिन असल जिंदगी में उन्होंने सुनील दत्त को अपना हमसफर बनाया.
हरफनमौला गायक और अभिनेता किशोर कुमार ने मशहूर अभिनेत्री मधुबाला से शादी की. मधुबाला का नाम पहले मुमताज जहान देहलवी था और उन्हें हिंदी सिनेमा की सबसे खूबसूरत अभिनेत्रियों में गिना जाता है. मुगले आजम में अनारकली के किरदार में उन्होंने बखूबी जान डाली.
साठ और सत्तर के दशक की ग्लैमरस अभिनेत्री शर्मिला टैगोर ने भी भारतीय क्रिकेट के कप्तान मंसूर अली खान पटौदी को अपने जीवन साथी के रूप में चुना. पटौदी ने 70 साल की उम्र में 2011 में दुनिया को अलविदा कह दिया.
अपनी मुस्कान और शानदार अभिनय के लिए मशहूर वहीदा रहमान ने 1974 में अभिनेता शशि रेखी से शादी की जो बतौर अभिनेता कमलजीत के नाम से जाने जाते थे. लंबी बीमारी के बाद 2000 में उनके पति का निधन हो गया.
तस्वीर: STRDEL/AFP/GettyImages
उस्ताद अमजद अली खान- शुभालक्ष्मी
सरोद के सुरों से जादू करने वाले उस्ताद अमजद अली खान ने 1976 में भारतनाट्यम नृत्यांगना शुभलक्ष्मी बरुआ से शादी की. उनके दो बेटे अमान और अयान भी सरोद बजाते हैं.
तस्वीर: AFP/Getty Images
जरीना वहाब-आदित्य पंचोली
1980 के दशक की एक जानी मानी अभिनेत्री जरीना वहाब ने फिल्म अभिनेता आदित्य पंचोली के साथ विवाह रचाया. उनके बेटे सूरज पंचोली ने हीरो के साथ बॉलीवुड में कदम रखा.
तस्वीर: by/Bollywoodhungama
फराह खान-शिरीष कुंदर
कोरियोग्राफर से निर्देशन में उतरीं फराह खान ने 2004 में शिरीष कुंदर से शादी की. अपने बयानों से कई विवादों में रहे कुंदर की मुलाकात फराह से उनकी फिल्म मैं हूं ना पर काम करने के दौरान हुई.
तस्वीर: UNI
सुनील शेट्टी-माना शेट्टी
अभिनेता सुनील शेट्टी की पत्नी माना शेट्टी मुस्लिम पिता और हिंदू मां की संतान हैं. शादी से पहले उनका नाम माना कादरी था. 1991 में दोनों एक दूसरे के हो गए.
तस्वीर: UNI
मनोज बाजपेयी-शबाना रजा
सत्या, शूल, कौन, वीर-जारा, अलीगढ़ और राजनीति जैसी फिल्मों में अपने जौहर दिखाने वाले अभिनेता मनोज बाजपेयी ने 2006 में शबाना रजा से शादी की, जिसके बाद उन्होंने अपना नाम नेहा रख लिया.
तस्वीर: Getty Images/AFP/STR
सचिन पायलट-सारा पायलट
कांग्रेस के युवा नेता सचिन पायलट की पत्नी का नाम सारा पायलट हैं. सारा कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला की बेटी हैं. दोनों के दो बेटे आरान और विहान हैं.
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उमर अब्दुल्ला-पायल नाथ
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने 1994 में पायल नाथ से शादी की. लेकिन 2011 में वे अलग हो गए.
तस्वीर: Getty Images/AFP/T. Mustafa
मुख्तार अब्बास नकवी-सीमा नकवी
मुख्तार अब्बास नकवी बीजेपी नेता और पार्टी का एक अहम मुस्लिम चेहरा हैं. उनकी पत्नी का नाम सीमा नकवी है, जिनका संबंध एक हिंदू परिवार से रहा है.
तस्वीर: DW
जहीर खान-सागरिका घटके
मशहूर क्रिकेटर जहीर खान ने अभिनेत्री सागरिका घटके के साथ शादी की है. सागरिका घटके चक दे, रश और जी भर के जी ले जैसी कई फिल्मों में काम कर चुकी हैं.