बांग्लादेश में पूर्व आतंकवादी अपना रहे हैं नई जिंदगी
१४ जनवरी २०२१
बांग्लादेश में नौ आतंकवादियों ने एक सरकारी कार्यक्रम का फायदा उठाते हुए आत्मसमर्पण कर दिया है. कार्यक्रम के तहत सरकार ने उन्हें नकद धनराशि के अलावा और भी मदद दी है.
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ये नौ आतंकवादी दो प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश और अंसार अल-इस्लाम के सदस्य थे. गुरुवार को ढाका में आत्मसमर्पण करने के बाद गृह मंत्री असदुज्जमां खान ने उनका फूलों से स्वागत किया और उन्हें उनके परिवारों को सौंप दिया. इस मौके पर एक बयान में खान ने कहा, "जिन्होंने गलत रास्ता अपना लिया था वो आज अपनी पुरानी जिंदगी की तरफ वापस लौट आए हैं और उनके ऐसा करने से उनके माता-पिता के चेहरों पर मुस्कुराहट लौट आई है."
गृह मंत्री ने दूसरे चरमपंथियों को भी इस अवसर का फायदा उठाने को कहा. समर्पण करने वाले सभी पूर्व आतंकवादियों की उम्र 18 से 34 साल के बीच है. जेएमबी और अंसार में शामिल होने की वजह से सब अपने अपने परिवारों से जुदा हो गए थे. दोनों संगठनों पर बांग्लादेश में हुए कई आतंकी हमलों को कराने का आरोप है.
आतंकवादियों को कट्टरपंथ से बाहर निकालने और उनके पुनर्वासन के लिए सरकार ने यह कार्यक्रम शुरू किया था. कार्यक्रम के मुखिया कर्नल तुफैल मुस्तफा सरवर ने बताया इस कार्यक्रम के तहत जिंदगी फिर से शुरू करने के लिए नकद धनराशि और मदद दी जाती है.
उन्होंने बताया कि जिन लोगों ने समर्पण किया है उनमें से सिर्फ एक के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज है, लेकिन शेष सभी आतंकी संगठनों से गहराई से जुड़े हुए थे. उन्होंने यह भी बताया कि सभी पर निगरानी रखी गई और उन्हें धीरे धीरे इस मुकाम तक लाया गया. कर्नल सरवर ने यह जानकारी भी दी कि उन सभी को या तो सोशल मीडिया या उनके दोस्तों के जरिए कट्टरपंथी बनाया गया था.
उन्हें वापस लाने के लिए गुप्तचर संस्थाओं के सदस्य आतंकवादियों का भेष बना कर उनसे मिले, दोस्ती की और धीरे धीरे उन्हें आतंकवाद का रास्ता छोड़ने के लिए मना लिया. कर्नल सरवर का कहना है कि ये उन्हें "रोशनी" की तरफ वापस लाने की पहली सीढ़ी है.
इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस ने अपने वार्षिक वर्ल्ड टेररिज्म इंडेक्स में अफगानिस्तान को धरती पर सबसे अधिक आतंक से प्रभावित देश बताया है. इस सूची में एशिया और अफ्रीका के भी कई देश शामिल हैं.
तस्वीर: Mohammad Jan Aria/Xinhua/Imago Images
अफगानिस्तान
ऑस्ट्रेलिया स्थित इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस ने अपने वैश्विक आतंकवाद सूचकांक (2020) में अफगानिस्तान को पहले पायदान पर रखा है. धरती पर सबसे अधिक आतंक प्रभावित देश अफगानिस्तान को 9.59 अंक दिए गए हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AA/H. Sabawoon
इराक
इराक भी आतंक से प्रभावित देशों में दूसरे स्थान पर है. इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस ने इराक को 10 में से 8.68 अंक दिए हैं.
तस्वीर: Reuters/G. Tomasevic
नाइजीरिया
तीसरे स्थान पर पश्चिमी अफ्रीकी देश नाइजीरिया है. यहां पिछले कुछ महीनों में जिहादी गुटों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष तेज हुआ है. आतंक से प्रभावित नाइजीरिया को 10 में से 8.31 अंक मिले हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
सीरिया
7.77 अंक के साथ सीरिया चौथे स्थान पर हैं. सीरिया में बशर अल असद के खिलाफ कई ऐसे गुटे भी लड़ रहे हैं जिनके रिश्ते इस्लामिक संगठनों से हैं या वे जिहादी संगठन हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/Anha
सोमालिया
पांचवें स्थान पर पूर्वी अफ्रीकी देश सोमालिया है. विश्व आतंकवाद सूचकांक में इसे 7.64 अंक मिले हैं. यहां पर अल शबाब आतंकी संगठन के आतंकियों का सुरक्षा बलों के साथ लंबे समय से संघर्ष जारी है. सोमालिया में 700 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं और अमेरिका वहां से सैन्य कटौती की योजना बना रहा है.
मध्य-पूर्वी देश यमन में शांति दूर-दूर तक नजर नहीं आती है. हूथी विद्रोहियों के साथ ही देश अकाल से भी जूझ रहा है. सूचकांक में इसे 7.58 अंक मिले हैं.
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पाकिस्तान
एशियाई देश पाकिस्तान आतंकवाद से प्रभावित देशों की सूची में सातवें स्थान पर है. पाकिस्तान को संस्था ने 10 में से 7.54 अंक दिए हैं.
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भारत
आतंकवाद से प्रभावित देश के रूप में भारत आठवें स्थान पर है. भारत को 10 में से 7.35 अंक दिए गए हैं. भारत का जम्मू-कश्मीर क्षेत्र आतंकवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित है.
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डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो
नौवें स्थान पर डीआरसी कांगो है. संस्था ने इसे 7.17 अंक दिए हैं. डीआरसी कांगो की अस्थिरता का एक लंबा इतिहास है और यह भी आतंक से प्रभावित देशों में से एक है.
एशियाई देश फिलीपींस को इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस ने आतंक से प्रभावित देश की सूची में 10वें स्थान पर रखा है. फिलीपींस को 7 अंक मिले हैं. स्रोत:ऑस्ट्रेलिया स्थित इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस