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पूर्व खिलाड़ियों ने टीम इंडिया को लताड़ा

७ जनवरी २०१२

कमजोर हो चुकी ऑस्ट्रेलिया टीम के हाथों बुरी तरह पिटने के बाद भारतीय टीम के धुरंधरों की खूब आलोचना हो रही है. पूर्व क्रिकेटरों के मुताबिक भारतीय टीम को युवा खून की जरूरत है. गावस्कर ने खिलाड़ियों के रवैये पर सवाल उठाए.

तस्वीर: AP

टीम इंडिया के पू्र्व कप्तान सुनील गावस्कर ने टीम इंडिया के खिलाड़ियों को लताड़ लगाते हुए कहा कि उन्हें अभ्यास पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए. उनके मुताबिक भारतीय खिलाड़ियों को ऑस्ट्रेलिया में सैर सपाटा करने पर ध्यान नहीं देना चाहिए. सनी ने कहा, "हमारे खिलाड़ी क्या कर रहे थे? वह अभ्यास क्यों नहीं कर रहे थे? वे वहां घूमने फिरने के लिए गए हैं या क्रिकेट खेलने के लिए?"

अन्य पूर्व खिलाड़ियों ने भारतीय टीम के भविष्य को लेकर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. पूर्व खिलाड़ी इस बात से हैरान हैं कि सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण जैसे बड़े नामों वाली टीम आखिर क्यों तीन पारियों में 300 रन भी नहीं बना सकी. ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल कहते हैं, "बीते कुछ सालों से भारत चयन प्रक्रिया को लेकर दूरगामी सोच नहीं दिख रहा है. बैटिंग लाइन अप युवा खिलाड़ियों के लिए छटपटा रहा है. विदेशी धरती पर मिली लगातार छठी हार के बाद चयनकर्ताओं की उनकी गलती का एहसास होगा."

तस्वीर: AP

चैपल ने मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर समेत अन्य बल्लेबाजों को भी गलतियों से सीखने की सलाह दी. उन्होंने कहा, "गलतियों से सीखना बल्लेबाजी की एक कला है लेकिन सचिन तेंदुलकर समेत भारतीय बल्लेबाज लगातार एक जैसी गलतियां कर जाल में फंस रहे हैं."

चैपल के मुताबिक भारतीय क्रिकेट को अब उम्रदराज खिलाड़ी की जगह युवा खिलाड़ियों को मौका देना चाहिए. टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले सचिन और द्रविड़ जल्द ही 39 साल के होने जा रहे हैं. लक्ष्मण 37 साल के हो चुके हैं. चैपल के मुताबिक सीरीज में दो मैच हारने के बावजूद भारतीय टीम को युवा खिलाड़ियों के साथ उतरना चाहिए, "अब उनके पास खोने को कुछ नहीं है. वरिष्ठ खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया के बेकाबू बॉलिंग अटैक के सामने संघर्ष कर रहे हैं. शायद युवा खिलाड़ी भारत की किस्मत बदल सकते हैं."

भारत को 1993 में वर्ल्ड कप जिताने वाले पूर्व कप्तान कपिल देव भी सीनियर खिलाड़ियों पर बरसे हैं. कपिल के मुताबिक किसी को टीम में अपनी जगह हमेशा पक्की नहीं समझनी चाहिए. कपिल ने कहा, "लाइन अप कागज पर भले ही जबरदस्त लगे, लेकिन इस बात के भरोसे नहीं बैठा जा सकता है कि एक दिन यह चल पड़ेगा. खिलाड़ियों को संन्यास के बारे में सोचना चाहिए. अगर आप अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं और टीम नहीं जीत रही है तो आपका अतीत इस बात की गारंटी नहीं हो सकता कि टीम में आपकी जगह पक्की रहेगी."

तस्वीर: AP

ऑस्ट्रेलिया दौर पर अब तक सचिन ही कुछ ठीक ठाक प्रदर्शन कर सके हैं. उन्होंने बीती चार पारियों में 226 रन बनाए हैं. लेकिन उनका नाम जितना बड़ा है उसके सामने यह प्रदर्शन काबिल ए तारीफ नहीं कहा जा सकता है. शतक के करीब पहुंचने के बावजूद उनका बार बार आउट होना दिखा रहा है कि वह मानसिक दबाव से नहीं निपट पा रहे हैं.

इस बात में कोई शक नहीं है कि बीते एक दशक से भारतीय टीम चार खिलाड़ियों के भरोसे चल रही है. टेस्ट मैच जीतने के लिए उसे वीरेंद्र सहवाग की जरूरत होती है, बड़ा स्कोर खड़ा करने के लिए सचिन पर उम्मीदें टिकती हैं और मैच ड्रॉ कराने के लिए हमेशा द्रविड और लक्ष्मण की जरूरत पड़ती है. लेकिन विदेशी धरती पर तेजी से उछलती और स्विंग होती गेंदों पर जब यह चारों बल्लेबाज गच्चा खा जाते है तो शर्मनाक हार की खबरें तैयार होती हैं.

रिपोर्ट: एएफपी/ओ सिंह

संपादन: एम गोपालकृष्णन

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