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बढ़ती असहिष्णुता पर चेतावनी

६ जनवरी २०१५

पूर्वी जर्मन शहर ड्रेसडेन में पेगीडा प्रदर्शनकारियों की तादाद बढ़ रही है, लेकिन देश के दूसरे शहरों में उसका विरोध हो रहा है. बर्लिन और कोलोन में उसके खिलाफ ब्रांडेनबुर्ग गेट और कैथीड्रल की रोशनी गुल रही.

तस्वीर: picture-alliance/dpa/O. Berg

इस्लाम विरोधी पेगीडा संगठन की ड्रेसडेन रैली में इस सोमवार रिकॉर्ड संख्या में प्रदर्शनकारी शामिल हुए. पुलिस के अनुसार हल्की बूंदाबांदी और ठंड के बावजूद 18,000 लोगों ने देश में विदेशियों की बढ़ती संख्या के खिलाफ प्रदर्शन किया. विरोधी प्रदर्शन में करीब 4,000 लोग शामिल हुए. चांसलर अंगेला मैर्केल ने अपने नए साल के संदेश में लोगों से विदेशी विरोधी प्रदर्शनों में भाग नहीं लेने की अपील की थी. इसके बावजूद ड्रेसडेन में पिछली बार के साढ़े 17 हजार के मुकाबले ज्यादा प्रदर्शनकारी आए. बर्लिन में पेगीडा के सहयोगी संगठन बेरगीडा के प्रदर्शन में 300 समर्थक जमा हुए. ब्रांडेनबुर्ग गेट जाने वाली रैली में विरोधी प्रदर्शनकारियों ने बाधा डाली.

देश के दूसरे शहरों में भी हजारों लोगों ने सहिष्णु जर्मनी के समर्थन में प्रदर्शन किया. इस सोमवार कोलोन शहर में भी प्रदर्शन करने की योजना थी लेकिन विरोधियों की भारी संख्या के कारण पेगीडा के सहयोगी संगठन कोगीडा ने कोलोन में प्रदर्शन नहीं किया. इस्लाम और विदेशियों के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के विरोध में कोलोन में बहुत सी ऊंची इमारतों की बत्ती गुल कर दी गई. विश्व प्रसिद्ध कैथीड्रल में रात को जलने वाली बत्ती भी गुल कर दी गई और कैथीड्रल अंधेरे में रहा. ड्रेसडेन में कार बनाने वाली कंपनी फोल्क्सवागन ने अपने कारखाने की बत्ती बंद रखी. ये कार्रवाइयां नस्लवादियों के लिए बत्ती गुल अभियान के तहत की गईं.

अंधेरे में रहा कोलोन का विश्व प्रसिद्ध कैथीड्रलतस्वीर: Reuters/Wolfgang Rattay

जर्मनी मे पेगीडा और सहयोगी संगठनों की ओर से हो रही रैलियों पर चल रही बहस में अब जर्मनी के दो पूर्व चांसलर भी शामिल हो गए हैं. वयोवृद्ध पूर्व चांसलर हेल्मुट श्मिट ने आंदोलन की आलोचना करते हुए कहा, "पेगीडा का प्रदर्शन विदेशियों से घृणा और असहिष्णुता की संवेदनाहीन पूर्वाग्रहों को अपील कर रहा है." 96 वर्षीय पूर्व चांसलर ने कहा, "जर्मनी को उदारवादी और सहिष्णु बने रहना चाहिए." एक और पूर्व चांसलर 70 वर्षीय गेरहार्ड श्रोएडर ने कहा, "14 साल पहले विदेशी विरोध के खिलाफ सभ्य लोगों का विद्रोह हुआ था, हमें उसकी आज भी जरूरत है."

जर्मन विदेश मंत्री फ्रांक-वाल्टर श्टाइनमायर ने कहा, "पेगीडा न सिर्फ हमारे देश को नुकसान पहुंचा रहा है, यह दुनिया में जर्मनी की छवि भी खराब कर रहा है." वित्त मंत्री वोल्फगांग शौएब्ले ने कहा, "नारे तथ्यों की भरपाई नहीं करते. जर्मनी को विदेशी आप्रवासियों की जरूरत है. और हमें मुश्किल में पड़े शरणार्थियों के लिए सहानुभूति दिखानी होगी." एएफडी के उपाध्यक्ष हंस-ओलफ हेंकेल ने भी पेगीडा के नारों से दूरी बनाई है और अपनी पार्टी को पेगीडा से नजदीकी नहीं बनाने की सलाह दी है.

एमजे/आईबी (जीपीए, ईपीडी)

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