पूर्व सांसदों को मिलेगा भत्ता
२४ सितम्बर २०१३जर्मनी के संसदीय चुनावों में सत्तारूढ़ गठबंधन की पार्टी एफीडीपी संसद में पहुंचने में विफल रही है. पिछली संसद में उनके पास 93 सीटें थीं, लेकिन इस चुनाव में उसे कोई सीट नहीं मिली है. यानि 93 सांसद और उनके सहायकों के पास अचानक कोई काम नहीं रहा. वामपंथी डी लिंके और ग्रीन पार्टी को भी 12 और 5 सीटों का नुकसान हुआ है. इसके विपरीत एसपीडी को 46 और यूनियन पार्टियों को 72 अतिरिक्त सीटें मिली हैं.
आम तौर पर निर्वाचित नहीं हुए सांसद अपने पुराने पेशे में लौट जाते हैं. उन्हें पेंशन की उम्र में पहुंचने पर संसद की सदस्यता की अवधि के लिए अतिरिक्त पेंशन मिलता है. उनके निजी कर्मचारियों को पहले बेरोजगार के रूप में रजिस्टर कराना होता है और नई नौकरी खोजनी पड़ती है.
सांसद न रहे राजनीतिज्ञ रुतबे का संकट तो जरूर झेलते हैं, लेकिन आर्थिक तौर पर उन्हें मदद दी जाती है. सदस्यता के हर साल के लिए उन्हें एक महीना और अधिकतम डेढ़ साल तक अंतरिम वेतन मिलता है, जो सांसदों के मासिक वेतन के बराबर होता है. यह इस समय 8252 यूरो है. यह मदद उन्हें इसलिए दी जाती है कि वे बिना किसी वित्तीय चिंता के नौकरी या कोई दूसरा व्यवसाय ढूंढ सकें.
सांसदों की तरह मंत्रियों को भी पद छोड़ने पर अंतरिम भत्ता मिलता है, लेकिन सांसदों के विपरीत उन्हें एक दिन भी पद पर रहने पर 63,000 यूरो का अंतरिम भत्ता मिलता है. करदाताओं के संगठन के अनुसार मंत्रिपद की अवधि के आधार पर उन्हें अधिकतम 190,000 यूरो का भत्ता मिल सकता है, जो अधिकतम पद त्यागने के दो साल बाद तक मिलता है. लेकिन दूसरे महीने से ही अन्य स्रोतों से होने वाली आमदनी को इस राशि से काट लिया जाता है.
सांसदों के लिए जर्मनी में पेंशन की व्यवस्था है. यह पेंशन सामान्य नागरिक के रूप में मिलने वाले पेंशन से अतिरिक्त होती है. आम नागरिकों को 45 साल तक पेंशन बीमा की औसत राशि चुकाने के बाद पश्चिम में मासिक 1260 यूरो और पूरब में 1121 यूरो मिलता है, जबकि 8 साल संसद का सदस्य रहने पर सांसदों को 1650 यूरो मासिक का पेंशन मिलता है.
सांसदों को हर साल की सदस्यता के लिए उनके मासिक वेतन का 2.5 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलता है. एक साल की सदस्यता पर उन्हें मासिक 208 यूरो के पेंशन का हक बन जाता है. करदाताओं के संघ के अनुसार 27 साल तक सांसद रहने पर अधिकतम 67.5 प्रतिशत या 5570 यूरो पेंशन का हक बन जाता है. उन्हें 57 की उम्र से पूरा पेंशन पाने का हक होता है.
चार साल तक मंत्री रहे राजनीतिज्ञों को हर महीने 400 यूरो का पेंशन मिलता है. उसके बाद हर साल के लिए अतिरिक्त मासिक 350 यूरो का हक बनता जाता है. मंत्रियों को अधिकतम 10,000 यूरो का पेंशन मिल सकता है. मैर्केल सरकार में एफडीपी के पांच मंत्री थे. पार्टी की हार के बाद अब उन्हें भत्तों और पेंशन की चिंता करनी होगी.
एमजे/एनआर (डीपीए)