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पेगासस से इस्राएल के आम लोगों की भी जासूसी करने का आरोप

१८ जनवरी २०२२

दुनिया के कई देशों में पत्रकारों से लेकर मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और नेताओं की जासूसी के मामले में बदनाम पेगसस स्पाईवेयर पर अब आरोप लगा है कि पुलिस ने इस्राएली लोगों की ही जासूसी में इसका इस्तेमाल किया है.

Israel | NSO Group
अब पेगासस से इस्राएली लोगों की जासूसी के आरोपतस्वीर: Jack Guez/AFP/Getty Iamges

एक इस्राएली अखबार के आम नागरिकों की जासूसी किए जाने की खबर छापने के बाद इस्राएली सांसदों ने पुलिस की संसदीय जांच कराने की मांग की है. अखबार की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि पुलिस ने कथित तौर पर इस्राएली नागरिकों की निगरानी करने के लिए स्पाईवेयर इस्तेमाल किया. इसमें पूर्व प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू के विरोधी भी शामिल हैं.

हिब्रू भाषा में छपने वाले बिजनेस अखबार कैलकलिस्ट की खबर है कि 2020 में पुलिस ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नेतन्याहू के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करनेवाले नेताओं पर एनएसओ के स्पाईवेयर पेगासस का इस्तेमाल किया था. रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने दो ऐसे मेयर के फोन हैक किए, जिन पर भ्रष्टाचार का शक था. साथ ही, किसी अदालत के आदेश या जज की निगरानी के बगैर कई आम इस्राएलियों की जासूसी की गई.

इस्राएली पुलिस ने इन आरोपों से इनकार किया है. पुलिस ने कहा कि वे कानून के दायरे में रहकर कार्रवाई करते हैं. वहीं एनएसओ समूह ने कहा है कि वह अपने सॉफ्टवेयर के ग्राहकों की पुष्टि नहीं करता है.

पेगासस पर भारत में भी विवाद

एनएसओ द्वारा विकसित किए गए इस उन्नत किस्म के स्पाईवेयर का नाम भारत और सऊदी अरब से लेकर मेक्सिको तक कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और नेताओं की जासूसी में आता रहा है. अमेरिका ने इस समूह को यह कहते हुए अपनी तकनीक इस्तेमाल करने से रोक दिया था कि दमनकारी शासन इसके उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं.

पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल एक्टिविस्टों और पत्रकारों पर करने के आरोप लगे हैंतस्वीर: Mario Goldmann/AFP/Getty Images

कंपनी अपने बचाव में कहती है कि उसने तो यह स्पाईवेयर अपराधियों और आतंकवादियों की निगरानी और जासूसी करने के मकसद से बनाया था. अब कंपनी के ग्राहक इसका कैसे और किन लोगों पर इस्तेमाल करते हैं, इस पर कंपनी का कोई जोर नहीं है. कंपनी को नियंत्रित करनेवाले इस्राएल ने भी अभी तक यह नहीं बताया है कि इसके सुरक्षाबल इस स्पाईवेयर का इस्तेमाल करते हैं या नहीं.

क्या कहती है रिपोर्ट

आम लोगों की जासूसी का आरोप लगाने वाली अखबार की रिपोर्ट में सरकार, पुलिस या एनएसओ के किसी मौजूदा या पूर्व अधिकारी का नाम नहीं लिया गया है. इसमें जासूसी के आठ ऐसे मामलों का जिक्र किया गया था, जब पुलिस की खुफिया एजेंसी ने आम लोगों की जासूसी के लिए पेगासस का इस्तेमाल किया.

इन आठ में एक मामला ऐसा है, जिसमें हत्या के एक आरोपी का फोन हैक किया गया. वहीं एक और मामले में येरूशलम प्राइड परेड का विरोध करनेवाले शख्स की पेगासस से निगरानी की गई. हालांकि, इस रिपोर्ट में ऐसे भी किसी व्यक्ति का सीधे नाम नहीं लिया गया है, जिसकी निगरानी की गई हो या फोन हैक किया गया हो.

इसे भी देखिए: पेगासस जासूसी कांड पर भारतीय पत्रकार सिद्धार्थ वरदराजन से बातचीत

पेगासस जासूसी कांड पर सिद्धार्थ वरदराजन से बातचीत

06:07

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रिपोर्ट में लिखा है, "यहां दर्ज समेत अन्य मामलों में भी पेगासस का इस्तेमाल सीधे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा किया गया. अहम बात यह है कि पेगासस के जरिए पुलिस कोर्ट की इजाजत या बिनी किसी की निगरानी के किसी के भी फोन में घुस सकती है."

बढ़ गई है सियासी हलचल

इस रिपोर्ट के आने के बाद से इस्राएल के सियासी गलियारों में हलचल बढ़ गई. इस मुद्दे पर विपक्ष में यहूदी चरम-राष्ट्रवादियों से लेकर अरबी लोगों तक सब एक हो गए हैं. कैबिनेट मंत्री कारीन एलहारर ने कहा कि किसी लोकतांत्रिक देश में ऐसी जासूसी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जा सकती. विपक्षी सांसद युवाल स्टाइनित्स ने कहा कि यह गलत है और आरोप सही पाए जाने पर इसकी जांच कराई जानी चाहिए.

पुलिस विभाग देखनेवाले मंत्री ओमर बारलेव ने कहा कि वह इन आरोपों की जांच कराएंगे और पता करेंगे कि क्या किसी जज ने पुलिस को पेगासस के इस्तेमाल की इजाजत दी थी. रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद पुलिस ने एक बयान में कहा है कि खबर में किए गए दावे में कोई सच्चाई नहीं है और पुलिस द्वारा किए जाने वाले सभी ऑपरेशन कानून के दायरे में रहकर किए जाते हैं.

वीए/एमजे (एपी, रॉयटर्स)

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