बेल्जियम पुलिस ने पेरिस हमले के आरोपी सालेह अब्देससलाम को गिरफ्तार कर जेल में डालने के बाद उसके एक और साथी की पहचान करने में कामयाबी पाई है. फ्रांस और बेल्जियम इस मामले से जुड़ी प्रगति को एक दूसरे से साझा कर रहे हैं.
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बेल्जियम के अभियोजन पक्ष का कहना है कि उन्होंने पेरिस हमलावर के साथी की भी पहचान कर ली है. नवंबर 2015 में पेरिस में हुए आतंकी हमले के आरोपी सालेह अब्देससलाम को गिरफ्त में लेने के बाद एक और कामयाबी मिली है. बेल्जियम पुलिस ने फ्रेंच पुलिस से इस मामले की प्रगति पर चर्चा की.
अब्देससलाम का यह साथी 24 साल का नाजिम लाचरोही बताया जा रहा है. इस व्यक्ति को पहले सुफिआने कयाल के नाम से जाना जा रहा था. उसने इसी नाम का इस्तेमाल कर बीते सितंबर अब्देससलाम के साथ हंगरी की यात्रा की थी. फरवरी 2013 में उसने सीरिया की भी यात्रा की थी और अभी तक वह पुलिस की पकड़ में नहीं आया है.
फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसोआ ओलांद ने कहा है कि वे अब्देससलाम का जल्द से जल्द प्रत्यर्पण चाहते हैं. सोमवार को ही ओलांद ने पेरिस हमले में मारे गए 130 पीड़ितों के परिवार वालों से पहली औपचारिक भेंट की. जांचकर्ताओं का मानना है कि शुक्रवार को हमले के मुख्य आरोपी सालेह अब्देससलाम की गिरफ्तारी से बहुत सारी नई जानकारियां मिलेंगी. नवंबर में हुए पेरिस हमले की जिम्मेदारी आतंकी गुट इस्लामिक स्टेट ने ली थी.
अब्देससलाम को उसके निवास के बहुत पास के इलाके से ही गिरफ्तार किया गया. ब्रसेल्स के पास स्थित मोलेनबीक शहर से और भी कई हमलावरों के तार जुड़े थे. इन इलाकों में पनपते आतंकियों को रोकने में नाकाम रहने के कारण बेल्जियम की पुलिस की काफी आलोचना हो रही है.
इस पूरे जांच क्रम में फ्रेंच और बेल्जियन पक्ष मिलकर जुटे हैं. बेल्जियम के विदेश मंत्री ने कहा है कि अब्देससलाम ने जांचकर्ताओं को बताया है कि वह उसके साथी ब्रसेल्स में नए हमले की योजना बना रहे थे. वहीं अब्देससलाम के वकील स्वेन मेरी ने बताया है कि उनका मुवक्किल फ्रांस को प्रत्यर्पित किए जाने का विरोध करेगा. सोमवार को एक अखबार 'डे मोर्गेन' में छपे इंटरव्यू में वकील मेरी ने नेताओं की बयानबाजी पर निशाना साधते हुए कहा है, "वे सीखते नहीं हैं, ये राजनेता, ना ही शक्तियों के अंतर को समझते हैं. ये सारी बातें बंद होनी चाहिए. जांचकर्ताओं और अभियोजन पक्ष ने बहुत शानदार काम किया है."
फिलहाल जांचकर्ताओं को पेरिस हमले से जुड़े दो और संदिग्धों की तलाश है. एक तो लाचरोही, जिसकी पहचान हो गई है और दूसरे का नाम मोहम्मद आबरिनी बताया जा रहा है. अब्देससलाम को बेल्जियम के ब्रूज शहर की एक उच्च सुरक्षा वाली जेल में एकान्त कमरे में रखा गया है.
यूरोप पर हुए आतंकवादी प्रहार
इस्लामी कट्टरपंथी एक दशक से भी ज्यादा समय से पूरे यूरोपीय महाद्वीप को निशाना बनाते आ रहे हैं. तस्वीरों में देखिए कब क्या हुआ...
तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Christians
फिर निशाने पर पेरिस
शुक्रवार, 13 नवंबर पेरिस के लिए काला दिन बन गया. बंदूकधारी और आत्मघाती हमलावरों ने शहर के आम जनजीवन से जुड़े कई ठिकानों जैसे स्टेडियम, कैफे, रेस्तरां और कॉन्सर्ट हॉल को निशाना बनाया. इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली, जिसमें 129 लोगों की जान चली गई.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Christians
आजादी पर हमला
शार्ली एब्दॉ पर हमले को दुनिया भर में अभिव्यक्ति और प्रेस की स्वतंत्रता पर एक हमला माना जा रहा है. यूरोप समेत विश्व के कई देशों में मीडिया, राजनेताओं और आम लोगों ने इस आतंकी वारदात की कड़ी निंदा की है. चित्र में दिख रहे पत्रिका के संपादक को हमलावरों ने 7 जनवरी को किए अपने हमले में मौत के घाट उतार दिया. वह यूरोप में साहसी लेखन की मिसाल बन चुके एक निडर सेनानी थे.
तस्वीर: Reuters/J. Naegelen
जनवरी 2015, पेरिस
सबसे ताजा हमले में पेरिस की प्रसिद्ध व्यंग्य पत्रिका शार्ली एब्दॉ के कार्यालय पर हथियारों से लैस आतंकियों ने हमला बोला और कई पत्रकारों, कार्टूनिस्टों को निशाना बनाया. इन अपराधियों को पकड़ने की कोशिशें जारी हैं और अभी तक किसी भी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. राष्ट्रपति फ्रांसोआ ओलांद ने इसे "बर्बरता का असाधारण कृत्य" बताया है.
तस्वीर: STR/AFP/Getty Images
मई और सितंबर 2014, ब्रसेल्स
24 मई को ब्रसेल्स के मशहूर यहूदी संग्रहालय के प्रवेश द्वार पर हुई गोलीबारी में चार लोग मारे गए. इसी साल सितम्बर में ब्रसेल्स स्थित यूरोपीय संघ आयोग के मुख्यालय पर भी हमला करने की एक नाकाम कोशिश हुई थी.
तस्वीर: Reuters
नवंबर 2011, पेरिस
फ्रेंच पत्रिका शार्ली एब्दॉ 2011 में आतंकी हमले का शिकार बनी. कुछ अज्ञात हमलावरों ने पत्रिका के संपादकीय कार्यालय में एक कॉकटेल बम फेंका था. पत्रिका इस्लामी मामलों पर टिप्पणियां और कार्टून प्रकाशित कर रही थी जिसे कई लोग पसंद नहीं करते थे. हमले के बाद फिर से पत्रिका के कार्यालय को पुलिस संरक्षण देना पड़ा.
तस्वीर: picture-alliance/abaca
सितंबर 2005, डेनमार्क
30 सितंबर को डेनिश अखबार जाइलांड्स ने इस्लामी मान्यताओं से जुड़े बारह कार्टून प्रकाशित किए. उनमें से एक कार्टून में पैगंबर मोहम्मद के सिर पर पगड़ी की जगह बम रखा दिखाया गया था. इस चित्र के विरोध में दुनिया भर में खूनी विरोध प्रदर्शन हुए. इसी कड़ी में ऐसे कार्टून प्रकाशित करने वाली पेरिस की व्यंग्य पत्रिका शार्ली एब्दॉ की भी सुरक्षा बढ़ानी पड़ी थी.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
जुलाई 2005, लंदन
इसे ब्रिटेन के इतिहास में सबसे गंभीर इस्लामी आतंकवादी हमला माना जाता है. लंदन की तीन मेट्रो रेलों और एक बस में आत्मघाती हमले हुए, जिनमें 52 लोगों की जान गयी और 150 घायल हुए. चार में से तीन आतंकवादी पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश नागरिक थे और चौथा जमैका मूल का. इन सबने अपने बैग में बम रखे थे.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/P. MacDiarmid
मार्च 2004, मैड्रिड
स्पेन के इतिहास में दर्ज हुए इस सबसे बड़े आतंकवादी हमले में 191 लोग मारे गए और 1,800 से ज्यादा घायल हुए. अलग अलग रेलगाड़ियों में कई बम रखे गए थे. इस घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों को पकड़ लिया गया और सभी दोषियों को मिलाकर 43,000 साल के कारावास की सजा सुनाई गई.
तस्वीर: AP
नवंबर 2003, इस्तांबुल
पांच दिनों के अंदर तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में इस्लामी आतंकवादियों ने कई हमले किए. इसमें 58 लोगों की मौत हो गई और 600 से ज्यादा लोग घायल हुए. प्रार्थनागृह के सामने, ब्रिटिश बैंक और वाणिज्य दूतावास पर भी हुए थे हमले. आरोपी आतंकवादियों को 2007 में दोषी ठहराया गया.