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फ्रांस में टीचर की हत्या पर भारी प्रदर्शन

१९ अक्टूबर २०२०

फ्रांस में दसियों हजार लोगों ने सड़कों पर उतर कर उस टीचर के लिए प्रदर्शन किया है जिसका सिर काट दिया गया. टीचर ने पैगंबर मोहम्मद का कार्टून अपनी क्लास के छात्रों को दिखाया था.

Frankreich Paris | Trauer um getöteten Lehrer Samuel Paty
तस्वीर: Pascal Rossignol/Reuters

राजधानी पेरिस समेत फ्रांस के कई शहरों में लोग प्रदर्शन करने निकले हैं. उनके हाथों में तख्तियां हैं जिस पर लिखा है, "आई एम ए टीचर" और "नो टू टोटैलिटेरियनिज्म थॉट(सर्वाधिकारवाद के विचार को ना है)." फ्रांस के प्रधानमंत्री ज्यां कास्टेक्स भी रविवार को प्रदर्शनों में शामिल हुए. उन्होंने ट्वीट किया है. "तुम हमें डरा नहीं सकते. हम नहीं डरते. तुम हमें बांट नहीं सकते. हम फ्रांस हैं." प्रधानमंत्री के साथ ही शिक्षा मंत्री और पेरिस के गृह राज्य मंत्री ने भी प्रदर्शनों में हिस्सा लिया. फ्रांस के राष्ट्रपति एमानुएल माक्रों ने ऑनलाइन चरमपंथ के खिलाफ तुरंत कार्रवाई का वादा किया है.

तस्वीर: Michel Euler/AP/picture-alliance

प्रदर्शन कर रहे लोगों में से कुछ ने "आई एम सैमुएल" का भी नारा लगाया. पीड़ित शिक्षक का नाम सैमुएल पैटी है. 2015 में जब इस्लामी बंदूकधारियों ने शार्ली हेब्दो पत्रिका के दफ्तर पर हमला कर 12 लोगों की हत्या कर दी थी तब "आई एम शार्ली" का नारा बुलंद हुआ था. 2015 में हुए इस हमले से इस्लामी हिंसा तेज हो गई थी और तब फ्रांस में इस बात पर बहस शुरू हो गई कि एक धर्मनिरपेक्ष समाज में इस्लाम की स्थिति क्या हो. पत्रिका पर हमले के बाद पेरिस के प्लास दे ला रिपुब्लिक पर 15 लाख से ज्यादा लोग प्रदर्शन करने जमा हुए थे. पेरिस में इस बार भी प्रदर्शन की मुख्य जगह वही है.

रविवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने कट्टरपंथी इस्लाम के ऑनलाइन दुष्प्रचार को रोकने के लिए तुरंत और "ठोस कार्रवाई" करने का आदेश दिया. छह मंत्रियों और एंटी टेरर प्रॉसिक्यूटर ज्यां फ्रांसोआ रिकार्ड के साथ बैठक में माक्रों ने कहा, "गणराज्य व्यवस्था का विरोध आयोजित करने वालों को कोई राहत नहीं मिलेगी." राष्ट्रपति के दफ्तर ने कहा है कि हमले का समर्थन करने वाले हर शख्स के खिलाफ कार्रवाई होगी. हालांकि इसके बारे में और ब्यौरा नहीं दिया गया. सोमवार को अधिकारियों ने कहा कि वे हमलावर के समर्थन में जारी 80 संदेशों के लेखकों के खिलाफ जांच करेंगे.

इस बीच फ्रांस की पुलिस ने दर्जनों इस्लामी "उग्रवादियों" के ठिकानों पर छापे मारे हैं. फ्रांस के गृहमंत्री ने बताया है कि फ्रांस में ऑनलाइन नफरत फैलाने के खिलाफ 80 मामलों की जांच चल रही है. अधिकारी इस बात की पड़ताल कर रहे हैं कि क्या किसी फ्रेंच मुस्लिम संगठन को इन आरोपों के लिए दोषी माना जा सकता है या नहीं. दोषी होने पर इन संगठनों को भंग किया जा सकता है. 

तस्वीर: Michel Euler/AP Photo/picture-alliance

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक फ्रांस 231 लोगों को सरकार की निगरानी सूची से बाहर करने की तैयारी कर रहा था. ये लोग चरमपंथी धार्मिक आस्था की वजह से सरकार की निगरानी सूची में हैं. अभी यह साफ नहीं है कि क्या इनलोगों में से किसी का संबंध नई घटना से है या नहीं.

सैमुएल पैटी शुक्रवार की दोपहर जब स्कूल से अपने घर लौट रहे थे तभी उनकी हत्या कर दी गई. उनकी हत्या करने वाले 18 साल के चेचेन मूल के अब्दुल्लाख अनजोरोव की पुलिस कार्रवाई में मौत हुई. अब्दुल्लाख के फोन से टीचर की तस्वीर और उसके साथ ही एक संदेश भी था जिसमें सैमुएल की हत्या करने की बात कबूली गई थी.

चश्मदीदों का कहना है कि अब्दुल्लाख शुक्रवार को स्कूल के पास दिखा था और उसने छात्रों से पूछा था कि पैटी कहां मिलेंगे. टीचर की हत्या करने वाला शख्स रूस में पैदा हुआ और वह पेरिस के उत्तरपश्चिम में रहता था. इससे पहले उसके बारे में खुफिया विभाग को कोई जानकारी नहीं थी. शनिवार को एंटी टेरर प्रॉसिक्यूटर रिकार्ड ने कहा कि टीचर को ऑनलाइन धमकियां मिल रही थीं. उन्होंने नागरिक शास्त्र की कक्षा में छात्रों को पैगंबर मोहम्मद के कार्टून दिखाए थे.

एनआर/आरपी(एएफपी, रॉयटर्स)

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