पैसों के मामले में बेवफा होते हैं एक तिहाई अमेरिकी
१४ जनवरी २०११हाल ही में हुए एक सर्वे में पता चला है कि 31 फीसदी अमेरिकी पैसे के मामले में बेवफा होते हैं. हैरिस इंटरेक्टिव ने यह सर्वेक्षण कराया. इस सर्वेक्षण में 2,019 वयस्क लोगों ने हिस्सा लिया. गुरुवार को जारी इस सर्वे के नतीजों के मुताबिक वो अमेरिकी जोड़े जो अपने पैसों का लेनदेन साझा रखते हैं, उनमें से 31 फीसदी एक दूसरे से सच नहीं बोलते. वे लोग या तो पैसे छिपाते हैं या फिर अपनी आय या कर्ज के बारे में झूठ बोलते हैं. कई बार तो वे लोग अपने बैंक खातों की ही जानकारी नहीं देते.
फोर्ब्स डॉट कॉम नाम की वेबसाइट पर यह सर्वे कराया गया. वेबसाइट ने कहा कि वित्तीय बेवफाई अब आम बात होती जा रही है. इस सर्वे में फोर्ब्स डॉट कॉम के साथ नेशनल एंडॉमेंट फॉर फाइनेंशल एजुकेशन नाम की संस्था भी जुड़ी थी.
सर्वे में एक तिहाई लोगों ने माना कि उन्होंने कभी न कभी अपने जीवनसाथी से पैसे के बारे में झूठ बोला है. जवाब देने वालों में पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल हैं. नेशनल एंडॉमेंट फॉर फाइनेंशल एजुकेशन के चीफ एग्जेक्यूटिव टेड बेक ने कहा, "इस तरह के राज रिश्तों को काफी नुकसान पहुंचाते हैं."
पैसे की बेवफाई से प्रभावित कुल जोड़ों में से 16 फीसदी ने माना कि इसकी वजह से उनका तलाक हो गया. 11 फीसदी लोगों के रिश्तों में दरार आ गई और वे एक दूसरे से अलग हो गए. सबसे ज्यादा 67 फीसदी जोड़ों ने कहा कि पैसे के मामले में बोले गए झूठ अक्सर उन लोगों के बीच झगड़ों की वजह बने. 42 फीसदी लोगों ने कहा कि ऐसी बातें पता लगने के बाद उनका एक दूसरे पर भरोसा कम हो गया.
इस तरह के मामलों में सबसे आम झूठ पैसे छिपाना है. 58 फीसदी लोगों ने माना कि उन्होंने अपने जीवनसाथी से पैसे छिपाए. 54 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्होंने कभी कभार कुछ छोटी मोटी चीजें खरीदीं और उनके बारे में अपने साथी को नहीं बताया. 30 फीसदी लोगों ने बिल छिपाया. 16 फीसदी लोगों ने कोई बड़ी चीज खरीदी लेकिन उसके बारे में नहीं बताया. 15 फीसदी लोग ऐसे हैं जिन्होंने अपने जीवनसाथी को अपने बैंक खाते के बारे में नहीं बताया.
सर्वे में पता चला कि 11 फीसदी लोगों ने अपने पार्टनर से अपने कर्जों के बारे में झूठ बोला जबकि इतने ही लोगों ने अपनी आय के बारे में झूठ बोला.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ईशा भाटिया