'पोखरण पर शक़ करना फ़िज़ूल'
२५ सितम्बर २००९![](https://static.dw.com/image/3623314_800.webp)
काकोडकर ने मुंबई में कहा,"एक बार फिर मैं ज़ोर देकर कहना चाहता हूं कि 1998 के परमाणु परीक्षण पूरी तरह कामयाब थे. हमने सारे लक्ष्य पूरी तरह हासिल कर लिए थे." पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "इससे हमें आम प्रतिरोधक क्षमता से लेकर 200 किलो टन तक की प्रतिरोधक क्षमता हासिल हो गई."
काकोडकर ने कहा कि पोखरण-2 पर फ़िज़ूल में शक किया जा रहा है. परीक्षण से जुड़े एक भारतीय वैज्ञानिक के संथानम का दावा है कि 1998 में किए गए परमाणु परीक्षण पूरी तरह सफल नहीं थे. उस वक्त काकोडकर भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर के निदेशक थे.
संथानम का दावा था कि परीक्षण से वैसे नतीजे नहीं निकले, जैसी अपेक्षा की गई थी. उन्होंने उस परीक्षण की जांच कराने की भी मांग की थी. हालांकि बाद में भारत के सबसे बड़े वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने संथानम का दावा ख़ारिज कर दिया था. इसके साथ ही विवाद पर भी एक तरह से लगाम लग गया था.
रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल
संपादनः राम यादव