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शरणार्थियों के पांव चूम पोप ने दिया भाईचारे का संदेश

२५ मार्च २०१६

सलीब पर चढ़ाए गए ईसा मसीह को याद करने के मौके पर कैथोलिक गिरजे के प्रमुख पोप फ्रांसिस ने हिंदू, मुसलमान और ईसाई रिफ्यूजियों के पांव पखारे. पैरों को चूम कर धर्मगुरु ने दिया ईश्वर की नजर में सभी के समान होने का संदेश.

Rom - Papst Fußwaschung Gründonnerstag
तस्वीर: Reuters

इटली में शरण पाने की आस लगाए लोगों से मिलकर गुड फ्राइडे के मौके पर उनका स्वागत करने और पूरी मानवता के लिए भाईचारे का संदेश देने के मकसद से पोप फ्रांसिस ने ना केवल कुछ लोगों के पांव धोए बल्कि उन्हें चूमा भी. ब्रसेल्स में हुए आतंकी हमले के बाद यूरोप में मुसलमानों के प्रति बढ़ती दुर्भावना के सामने पोप ने प्रेम का संदेश रखा है.

तस्वीर: Reuters/Osservatore Romano

पोप ने ईसाईयों के प्रमुख त्योहार ईस्टर के मौके पर गुरुवार को रोम के बाहर एक शरणार्थी कैंप का दौरा किया. पवित्र गुरुवार कहे जाने वाले इस दिन के बारे में मान्यता है कि इसी दिन ईसा मसीह ने सेवा की भावना से अपने अनुयायी प्रचारकों के पैर धोए थे. इसके अगले दिन उन्हें सूली पर चढ़ाया गया था. ब्रसेल्स में हमलावरों के तबाही फैलाने के मकसद का जवाब उन्होंने मानवता और भाईचारे से दिया.

पोप फ्रांसिस ने कहा, "हमारे धर्म और संस्कृतियां अलग हैं, लेकिन हम सब भाई भाई हैं और हम सब शांति से रहना चाहते हैं." पोप को अपने सामने झुकते देखना इन लोगों के लिए एक बेहद भावुक क्षण था. कई शरणार्थी इस मौके पर रो पड़े जब पोप ने कांसे के बर्तन से पवित्र पानी निकाल जब उनके पांव पखारे, पोंछा और फिर चूम लिया. लोगों ने कई भाषाओं में वहां पोप के लिए "स्वागत" लिखे कई बैनर भी लगाए थे.

वैटिकन के नियमों के अनुसार 2013 तक पैर-धोने वाली इस परंपरा में केवल पुरुष ही शामिल किए जाते थे. ईसा मसीह के 12 अपोस्टेल्स के प्रतीक के तौर पर 12 पुरुषों के साथ यह रस्म निभाई जाती थी. पोप फ्रांसिस ने कैथोलिक पंथ के प्रमुख का पद संभालने के कुछ ही हफ्तों में इस परंपरा को तोड़ इस रस्म को महिलाओं और मुसलमानों के साथ निभाया था.

तस्वीर: Reuters

इस जनवरी में पोप ने बाकायदा गिरजे के नियमों में बदलाव लाते हुए उसमें आधिकारिक तौर पर लड़कियों और महिलाओं को शामिल किया है. इस बार शरणार्थी कैंप के आठ पुरुष और चार महिलाएं इसमें शामिल रहे. राष्ट्रीयता और धर्म के आधार पर इनमें नाइजीरिया के चार ईसाई पुरुष, माली, सीरिया और पाकिस्तान के तीन मुसलमान के साथ साथ भारत का एक हिंदू पुरुष भी था.

ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया में बहुत बड़ी फॉलोईंग वाले पोप के जीवन का अब तक का सफर ईस्टर के मौके पर शुरू होने वाली एक कॉमिक सिरीज "फेथ सिरीज: दि लाइफ ऑफ पोप फ्रांसिस" के रूप में आ रही है. इसमें उनके बचपन से लेकर रोमन कैथोलिक गिरजे का पहला अमेरिकी प्रमुख बनने तक की कहानी होगी.

दक्षिण भारतीय राज्य केरल में कोच्चि के एक साइरो-मालाबार चर्च के विसार ने पोप फ्रांसिस से प्रेरणा लेकर 12 महिलाओं के चरण धोए. वहीं कुछ अपुष्ट स्रोतों के अनुसार यमन में अगवा किए गए एक भारतीय पादरी को ईस्टर के मौके पर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट द्वारा सूली पर चढाए जाने की खबरें भी हैं.

आरपी/एमजे (एपी,पीटीआई)

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