पोप की नगरी पर बैंक का शिकंजा
८ जनवरी २०१३आर्थिक मंदी ने इटली की हालत खस्ता कर रखी है. सरकार के लिए राजस्व जुटाना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में इटली हवाला लेन देन से भी खासा परेशान है. इटली में माफिया बेहद संगठित रूप से काम करता है. माफिया सरकार को चूना लगाकर काले धन का इस्तेमाल करता है.
इन परेशानियों से निटपने के लिए इटली ने अब कुछ कड़े कदम उठाए हैं. इस साल जनवरी से इटली के सेंट्रल बैंक ने वैटिकन के एटीएम पर अपने कार्डों से लेन-देन बंद कर दिया है. दुनिया के सबसे छोटे देश वैटिकन में कैथोलिक ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरू पोप रहते हैं.
वैटिकन इटली की राजधानी के रोम के बीचों बीच होते हुए भी एक अलग देश है. उसकी अपनी सेना है. हर साल वैटिकन के म्यूजियम में 50 लाख पर्यटक वैटिकन आते हैं. अब वैटिकन आने वाले पर्यटक वहां क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. दरअसल इटली के अधिकारियों को इस बात के पुख्ता सबूत मिल चुके हैं कि माफियाओं ने वैटिकन जाकर क्रेडिट कार्ड से पैसे दूसरी जगहों पर भेजे.
जर्मनी के डॉयचे बैंक की इतालवी ईकाई के जरिए ही वैटिकन से इलेक्ट्रॉनिक भुगतान होते हैं. बैंक के फैसले के बाद वैटिकन ने अपनी वेबसाइट पर लिख दिया है कि एक जनवरी से डेबिट और क्रेडिट कार्ड स्वीकार नहीं किए जाएंगे. वैटिकन की दूसरी दुकानें भी अब नकद पैसा मांगेंगी.
सोमवार को इटली और स्विट्जरलैंड की सरकारों के बीच में 1.80 करोड़ डॉलर की रकम बांटने का भी फैसला हुआ. रकम 11 साल से विवाद में फंसी थी. दरअसल 2001 में इटली के अधिकारियों को हवाला के मामले की भनक लगी. जांच शुरू हुई तो चिरो गिओर्दानो नाम का संदिग्ध सामने आया. गिओर्दानो इटली के कामपानिया इलाके का सक्रिय माफिया है. इटली के अधिकारियों ने हवाला की रकम का पता लगाना शुरू किया तो तार स्विट्जरलैंड तक पहुंचे.
2001 में दक्षिण इटली की अदालत ने स्विस प्रशासन से अपराध की जांच में मदद मांगी. स्विस अधिकारियों ने संदिग्ध का बैंक खाता सीज कर दिया. इटली और स्विट्जरलैंड की सीमा के शहर लुगानो के एक बैंक के खाते में 1.38 करोड़ यूरो की रकम जमा थी. अधिकारियों ने इसे फ्रीज कर दिया. अब स्विट्जरलैंड के संघीय न्याय विभाग ने इटली और स्विस सरकार से यह रकम बांटने को कहा है.
ओएसजे/एनआर (डीपीए, एएफपी)