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पोप के पुराने बटलर पर मुकदमा

१४ अगस्त २०१२

पोप बेनेडिक्ट सोलहवें के पूर्व बटलर सहित एक अन्य व्यक्ति पर मुकदमा चलाया जाएगा. इन पर गोपनीय कागजात चुराने और उन्हें लीक करने के आरोप हैं. रोमन कैथोलिक चर्च से इन कागजातों का लीक होना ताजा घोटाला है.

तस्वीर: Getty Images/AFP

वैटिलीक्स नाम वाले स्कैंडल में 46 साल के बटलर पाओलो गाब्रिएले पर गंभीर चोरी के आरोप हैं. इसके अलावा जज पिएरो बोनेट ने वेटिकन सचिवालय के एक विश्लेषक और प्रोग्रामर पर भी षडयंत्र में शामिल होने का आरोप लगाया है. गाब्रिएले ने माना कि वह कुछ समय तक पत्रकारों से मिलते रहे और उन्हें पोप को आने वाली चिट्ठियों सहित कुछ संवेदनशील दस्तावेज भी दिए. जांच के दौरान उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्हें धन नहीं मिला है. उन्होंने चर्च के अच्छे के लिए ऐसा किया. "मैंने चर्च में हर जगह भ्रष्टाचार देखा. मुझे पूरा विश्वास था कि मीडिया के इस्तेमाल से मिलने वाला झटका चर्च को फिर सही रास्ते पर लाने के लिए सही होगा."

अगर गाब्रिएले पर आरोप साबित हो जाता है तो उन्हें छह साल जेल की सजा काटनी होगी. वैटिकन ने जानकारी दी है कि अक्तूबर से पहले यह मुकदमा शुरू नहीं होगा.

चर्च के गोपनीय कागजात मीडिया को देने के मामले में जारी जांच के बाद गाब्रिएले को पकड़ा गया. उन्हें 53 दिन वैटिकन की जेल में हिरासत में रखा गया. इसके बाद जुलाई में पुलिस ने उन्हें नजरबंद कर दिया.

पोप के साथ गाब्रिएलेतस्वीर: Reuters

संवेदनशील कागजात

लीक दस्तावेजों में पोप की हत्या के षडयंत्र से जुड़ी जानकारियां हैं. साथ ही वैटिकन बैंक के विवादास्पद आर्थिक लेन देन के बारे में भी विवरण है. इटैलियन कंपनियों के साथ वैटिकन के सौदों पर भी कुछ लोगों ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं.

गाब्रिएले पोप को खाना परोसते थे और साथ ही उनकी गाड़ी में हमेशा आगे बैठते थे. इतना ही नहीं पाओलो गाब्रिएले पोप के साथ उनके वैटिकन अपोस्टोलिक पैलैस वाले अपार्टमेंट में रहते थे. और ड्रेस अप होने से लेकर खाने तक सबके लिए जिम्मेदार थे.

माना जा रहा है कि आरोप साबित होने की स्थिति में गाब्रिएले पोप से माफी मांगेंगे. वैटिकन के सूत्रों का कहना है कि उन्हें यह माफी मिल सकती है लेकिन अगर नहीं मिली तो उन्हें वैटिकन और इटली के बीच समझौते के अनुसार इटली की जेल में सजा काटनी होगी.

मई में उनकी गिरफ्तारी के बाद दुनिया भर की मीडिया की निगाह वैटिकन की आर्थिक गतिविधियों पर टिक गई क्योंकि चर्च पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं.

एएम/एमजे (डीपीए, रॉयटर्स, एएफपी)

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