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'पाकिस्तान पोलियो का पीपा'

११ मई २०१४

विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि अगले कुछ महीनों में पाकिस्तान में पोलियो संक्रमण के मामले इतने बढ़ सकते हैं कि पिछले तीन दशकों से इसे जड़ से खत्म करने की कोशिशों पर पानी फिर सकता है.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

समाचार एजेंसियों के हवाले से आ रही खबरों में बताया गया है कि पाकिस्तान के सभी हवाई अड्डों पर पोलियो के टीके लगाने का इंतजाम किया जा रहा है. इस सोमवार को पहली बार विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पोलियो के फैलने को एक अंतरराष्ट्रीय जन स्वास्थ्य इमर्जेंसी माना है. डब्ल्यूएचओ ने पाकिस्तान, सीरिया और कैमरून को पोलियो के इस नए सिरे से फैलाव के लिए जिम्मेदार माना है. संगठन का कहना है कि इन देशों ने पोलियो के वायरस को अपने देश की सीमाओं से बाहर जाने दिया. अब इन सभी देशों की सरकारों को निर्देश दिया गया है कि वे उन्हीं लोगों को देश से बाहर की उड़ानें लेने दें जिन्होंने अपनी यात्रा से पहले पोलियों का टीका लिए जाने का प्रमाण पत्र हासिल कर लिया हो.

इन शर्तों को लेकर पाकिस्तान में अफरातफरी का माहौल देखा जा रहा है. कई आपातकालीन बैठकें बुलाई जा रही हैं और हवाई अड्डों पर पोलियो के बूथ लगाने की योजना बन रही है. एक तरफ ये अनुमान लगाया जा रहा है कि हर दिन कितने टीकों की जरूरत होगी और उन्हें कैसे उपलब्ध कराया जाएगा. दूसरी तरफ सरकार का कहना है कि पाकिस्तानी सेना उन इलाकों में स्वास्थ्य कर्मचारियों की सुरक्षा पर ध्यान दे रही है जहां पोलियो का खतरा ज्यादा है लेकिन जहां जाने में उनकी जान को खतरा रहता है.

डब्ल्यूएचओ के आंकड़े बताते हैं कि पाकिस्तान में केवल पिछले एक साल में ही पोलियो के 91 ताजा मामले सामने आए. इस साल सिर्फ चार महीनों के अंदर ही संक्रमण के 59 मामले देखे जा चुके हैं. इन कुल मामलों में से 90 फीसदी पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान के आदिवासी इलाके में पाए गए. यह वही क्षेत्र है जिनके इस्लामी उग्रवादियों के कब्जे में होने के कारण स्वास्थ्यकर्मी वहां नहीं पहुंच पाते. इसका दूसरा कारण ये भी है कि उग्रवादियों ने इन इलाकों में ऐसी झूठी बातें भी फैला रखी हैं कि पोलियो के टीके लेने से छोटे लड़के नपुंसक हो जाएगें.

अफवाहें फैलाई जाती हैं कि पोलियो के टीके से लड़के नपुंसक बन जाएंगेतस्वीर: Asif Hassan/AFP/Getty Images

पिछले दो सालों में ही वहां दर्जनों स्वास्थ्यकर्मियों को मार डाला गया है क्योंकि इस्लामी लड़ाके उन पर अमेरिका के लिए जासूसी करने का आरोप लगाते रहे हैं. मई 2011 में एबटाबाद से ओसामा बिन लादेन को दबोचने की अमेरिकी कोशिशों में अमेरिकी खुफिया एजेंसी, सीआईए ने एक पाकिस्तानी डॉक्टर को शामिल किया था जो हिपेटाइटिस के बारे में एक प्रोजेक्ट के नाम पर भेजा गया था.

इसके अलावा अफगानिस्तान, इथोपिया, इराक, इस्राइल, सोमालिया और नाइजीरिया जैसे देश भी उन दस देशों में शामिल हैं जिन्हें उनके देश से बाहर जाने वाले सभी यात्रियों को यात्रा के कम से कम से चार हफ्ते पहले पोलियो के टीके देने का निर्देश मिला है. पहले पोलियो मुक्त घोषित किए जा चुके सीरिया में इसी साल फरवरी में फिर से कुछ मामले सामने आए. दुनिया से पोलियो को मिटाने की मुहिम को 2018 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था और हर साल इस पर करीब एक अरब अमेरिकी डॉलर का खर्च हो रहा है.

आरआर/ एएम (एपी, डीपीए)

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