लिमोजीन कारें बनाने वाली जर्मन कंपनी डायम्लर का कहना है कि उसे नहीं पता कि उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन को उनकी बनाई कार कहां से मिली. उत्तर कोरिया के साथ जर्मनी के कोई व्यावसायिक संबंध नहीं है.
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बख्तरबंद लिमोजीन कारें बनाने वाली जर्मन कंपनी डायम्लर को समझ नहीं आ रहा है कि उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन को उनकी कार कैसे मिली. कंपनी के उत्तर कोरिया के साथ कोई व्यापारिक लेनदेन नहीं होता. किम को कई अहम अंतरराष्ट्रीय बैठकों और सम्मेलनों के मौकों पर स्ट्रेच लिमोजीन मॉडलों में देखा गया है. हाल ही में रूसी राष्ट्रपति से मुलाकात करने पहुंचे और फरवरी में डॉनल्ड ट्रंप के साथ हनोई में मिलने पहुंचे किम लिमोजीन से ही बाहर निकले थे.
संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के तहत उत्तर कोरिया को लिमोजीन जैसे लक्जरी गुड्स बेचने पर रोक है. इन प्रतिबंधों का मकसद देश पर उसके परमाणु हथियार छोड़ने के लिए दबाव डालना है. फिर भी पता नहीं कैसे, लेकिन रूस में मुलाकात के समय वार्तास्थल के बाहर किम के लिए दो लिमोजीन कारें, मेबाख एस600 पुलमैन गार्ड और एक मर्सिडीज मेबाख एस62 खड़ी थी. डायम्लर प्रवक्ता सिल्के मोकेर्ट ने समाचार एजेंसी एपी को भेजे एक लिखित जबाव में बताया, "हमें बिल्कुल आइडिया नहीं कि ये गाड़ियां उत्तर कोरिया में डिलिवर कैसे हुईं."
जर्मनी के श्टुटगार्ट स्थित डायम्लर दुनिया की सबसे बड़ी और जानी मानी ऑटो कंपनियों में एक है. लक्जरी यात्री कारों और छह टन से ऊपर वाले ट्रकों के सबसे बड़े निर्माता हैं. दुनिया के लगभग सभी देशों में अपनी गाड़ियां बेचने वाली कंपनी की प्रोडक्शन यूनिट यूरोप, उत्तर और दक्षिण अमेरिका के अलावा एशिया और अफ्रीका में भी हैं. लेकिन आधिकारिक खरीदारों में उत्तर कोरिया का नाम नहीं है.
प्रवक्ता ने बताया कि कम से कम पिछले 15 सालों से कंपनी का उत्तर कोरिया से कोई बिजनेस संबंध नहीं है और डायम्लर ईयू और अमेरिकी प्रतिबंधों का सख्ती से पालन करती है. उन्होंने कहा, "उत्तर कोरिया या उसके किसी भी दूतावास तक को कंपनी डिलिवरी नहीं देती. इसके लिए डायम्लर ने एक्सपोर्ट कंट्रोल नीति बनाई है. लेकिन अगर कोई थर्ड पार्टी, इस्तेमाल किए गए वाहन को आगे बेच देती है, तो उस पर ना किसी का नियंत्रण है और ना ही कंपनी जिम्मेदार." इस सबके बावजूद किम के पास लिमोजीन होना इसकी मिसाल है कि अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से बचना कितना आसान हो सकता है.
आरपी/आईबी (एपी)
किम जोंग उन के पास क्या क्या है
उत्तर कोरिया में जहां आम लोग कई बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे हैं, वहीं देश के नेता किम जोंग उन के ऐशो आराम में कोई कमी नहीं है. चलिए देखते हैं उनके पास क्या क्या है.
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कुमसुसान पैलेस
उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग के पूर्वोत्तर छोर पर यह शानदार महल स्थित है, जिसे देश के संस्थापक किम इल सुंग का मकबरा भी कहा जाता है. दुनिया में किसी कम्युनिस्ट नेता को समर्पित यह सबसे बड़ा महल है. महल की उत्तरी और पूर्वी दिशाओं की तरफ एक गहरी खायी बनी है.
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होटल रयुगयोंग
रयुगयोंग दुनिया के सबसे बड़े होटलों में से एक है जिसमें 105 मंजिलें हैं. पिरामिड के आकार वाले इस होटल का निर्माण 1987 में शुरू हुआ था. उस वक्त देश पर किम इल सुंग का राज था जो मौजूदा नेता किम इल सुंग के दादा थे. हालांकि यह होटल अब तक अधूरा है.
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आसमानी ताकत
उत्तर कोरिया के पास अलग अलग तरह के लगभग 1000 विमान हैं जिनमें से ज्यादातर सोवियत संघ या चीन में बने हैं. इनमें हमलावर हेलीकॉप्टर, लड़ाकू विमान, परिवहन विमान और ड्रोन भी शामिल हैं. किम जोंग उन के पास एसएएम और ट्रिपल ए सिस्टम जैसे कई एयर डिफेंस सिस्टम भी हैं.
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स्की रिजॉर्ट
किम जोंग उन के आदेश पर समुद्र तल से 1,360 मीटर की ऊंचाई पर मासिक नाम की जगह पर एक स्की रिजॉर्ट बनवाया गया है. यहां हजारों तादाद में सैलानी आते हैं. जाहिर है उन सभी पर उत्तर कोरिया की सेना सख्त निगरानी रखती है. यहां सैलानियों के लिए 120 कमरों वाला एक होटल है.
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खुफिया मोबाइल नेटवर्क
बताया जाता है कि उत्तर कोरिया में एक खुफिया मोबाइल नेटवर्क है जो सिर्फ किम जोंग उन और उनके करीबी लोगों के लिए ही है. उत्तर कोरिया के कोरियोलिंक नेटवर्क के टेक्नीकल डायरेक्टर रहे अहमद अल-नोआमेनी के मुताबिक आम लोग इस नेटवर्क को इस्तेमाल नहीं कर सकते.
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प्राइवेट द्वीप
देश के तटीय इलाके में एक गोपनीय द्वीप है. किम जोंग उन के मेहमान बन कर उत्तर कोरिया गये कई अमेरिका सेलिब्रिटीज को इसी द्वीप पर रखा गया था. बताया जाता है कि यहां पर मौज मस्ती का सब इंतजाम है और किम जोंग उन के लिए एक खास हेलीकॉप्टर फील्ड भी है.
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गोल्फ कोर्स
जोंग उन के उत्तर कोरिया में कुछ बेहतरीन गोल्फ कोर्स हैं. सरकारी कर्मचारी इन्हें हमेशा चकाचक रखते हैं. गोल्फ के अलावा उत्तर कोरिया में फुटबॉल, बास्केटबॉल, आइस हॉकी और कुश्ती लोकप्रिय खेल हैं. ओलंपिक खेलों में उत्तर कोरिया ने 16 स्वर्ण, 16 रजत और 24 कांस्य पदकों को मिलाकर कुल 56 मेडल जीते हैं.
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सैन्य पोत
उत्तर कोरिया के नौसैनिक बेड़े में कई युद्धपोत, गश्ती नौकाएं और बड़े सैन्य शिप शामिल हैं. अपनी सैन्य क्षमताओं को मजबूत करना उत्तर कोरिया की अहम प्राथमिकताओं में शामिल है. परमाणु हथियारों की तरफ बढ़ते उसके कदम अमेरिका समेत पूरी दुनिया के लिए चुनौती हैं.
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लग्जरी कारें
बताया जाता है कि 2014 में किम जोंग उन ने जमकर खरीददारी की. लगभग 1.6 करोड़ डॉलर तो उन्होंने कारें खरीदने पर ही खर्च किये. इन कारों में मर्सडीज बेंज लिमोजीन और लग्जरी स्पोर्ट्स कारें शामिल थीं. यह सभी कारें उत्तर कोरिया पर लगाये संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों में शामिल हैं.
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पियानो के शौकीन
बताया जाता है कि किम जोंग उन के पास 20 से ज्यादा पियानो हैं जो उनके "साम्राज्य" में फैले अलग अलग घरों में रखे हैं. अफवाहें तो यहां हैं कि वह रोज पियानो बजाते हैं और अगर कोई गलती हो जाये तो दोष पियानो का है, किम का नहीं. (तस्वीर सांकेतिक है)
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पनडुब्बियां
किम जोंग उन के पास सोवियत जमाने की कुछ पुरानी पनडुब्बियां हैं. सोवियत विस्की पनडुब्बियों के अलावा उत्तर कोरिया के पास दर्जनों चीनी रोमियो पनडुब्बियां भी हैं. कुछ पनडुब्बियां उत्तर कोरिया की सेना ने खुद भी तैयार की हैं.