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प्रदर्शन के बीच फॉर्मूला वन

२६ अगस्त २०१३

छुट्टियों के बाद शुरू हुआ फॉर्मूला वन रेस विरोध प्रदर्शन के बीच हुआ. रेस से पहले और बाद में प्रायोजक शेल के खिलाफ ग्रीनपीस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. इस बीच जर्मनी के सेबास्टियन फेटल ने एक बार फिर मुकाबला जीत लिया.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

फॉर्मूला वन की बेल्जियन ग्रां प्री शुरू होने से ठीक पहले स्टैंड में जमा प्रदर्शनकारियों ने प्रायोजक तेल कंपनी शेल के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए. उनके पास तख्तियां और बैनर भी थे, जिनमें लिखा था, "आर्कटिक ऑयल? शेल नो!". हालांकि आधिकारिक तौर पर फॉर्मूला वन की रेस दिखाने वाले ब्रॉडकास्टर ने इन तस्वीरों को नजरअंदाज कर दिया और इन्हें लाइव नहीं दिखाया गया.

प्रायोजक शेल का विरोधतस्वीर: Reuters

पर सोशल मीडिया पर इन तस्वीरों को खूब बांटा गया. विरोध करने वाली संस्था ग्रीनपीस ने बाद में एक बयान जारी कर कहा कि उनके 35 कार्यकर्ता रेस की जगह अलग अलग हिस्सों में फैल गए और उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया. ग्रीनपीस ने कहा कि कुछ कार्यकर्ता शेल के बिलबोर्ड पर भी चढ़ गए और दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इन लोगों में से एक पिछले महीने इसी तरह के प्रदर्शन के दौरान यूरोप की सबसे ऊंची इमारत लंदन शार्ड पर भी चढ़ा था.

फिर भी रेस तय वक्त पर शुरू हुई और लगातार तीन बार के चैंपियन जर्मनी के सेबास्टियन फेटल ने एक बार फिर जीत हासिल की. लेकिन इसके बाद पुरस्कार बांटने के वक्त जब तीनों ड्राइवर मंच पर चढ़े, तो वहां अफरा तफरी फैलने लगी.

ग्रीनपीस ने बताया कि रिमोट कंट्रोल से चलने वाले दो बैनरों को पोडियम के पास कई हफ्ते पहले ही फिट कर दिया गया था. जैसे ही फेटल पुरस्कार लेने पहुंचे, उन्होंने बैनर को रिमोट से ऊपर कर दिया.

ग्रीनपीस का दावा है कि पोडियम के पास ही एक छत पर दो कार्यकर्ता गुपचुप तरीके से चढ़ गए. एक को सुरक्षा एजेंसियों ने पकड़ लिया, जबकि दूसरे ने बैनर लहरा दिया और दर्शकों ने ताली बजा कर उसका स्वागत किया.

जर्मनी के फेटल जीतेतस्वीर: Tom Gandolfini/AFP/Getty Images

फेटल ने पुरस्कार लेते हुए कहा, "मैं थोड़ा असमंजस में हूं. दर्शक यहां नारे लगा रहे हैं और मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं." जबरदस्त विरोध के बीच शेल ने 2013 में आर्कटिक में अपनी खुदाई रद्द कर दी है लेकिन जल्द ही वहां जहाज भेजने की योजना बना रहा है.

अमेरिकी भूगर्भीय सर्वे के मुताबिक दुनिया में जितनी गैसों और प्राकृतिक तेल का पता नहीं लग पाया है, उसका बड़ा हिस्सा आर्कटिक में है. सर्वे के अनुसार करीब 13 फीसदी तेल और 30 फीसदी गैस वहां छिपा है.

कार्यकर्ता टोनी मार्टिन का कहना है, "यह ग्रां प्री शेल के लिए साल भर का सबसे अहम दिन है. उन्होंने यहां अपना लोगो लगाने, इस रेस को कराने और वीआईपी मेहमानों के स्वागत के लिए करोड़ों यूरो खर्च किए हैं. लेकिन एक चीज वे नहीं बताना चाहते हैं कि वे आर्कटिक में खुदाई भी करना चाहते हैं." ब्रिटिश डच कंपनी शेल लंबे वक्त से फॉर्मूला वन की फरारी टीम को भी प्रायोजित कर रही है.

एजेए/एमजे (रॉयटर्स)

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