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प्रधानमंत्री बनना लक्ष्य नहीं: राहुल गांधी

१४ सितम्बर २०१०

अकसर कांग्रेस के युवराज कहे जाने वाले राहुल गांधी ने कहा है कि प्रधानमंत्री बनना उनका लक्ष्य नहीं है. यह बात उन्होंने शांतिनिकेतन के विश्वभारती विश्वविद्यालय में कही. राहुल के तीन दिन के पश्चिम बंगाल दौरे की शुरुआत.

तस्वीर: UNI

राहुल के लिए पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले में शांतिनिकेतन स्थित विश्वभारती विश्वविद्यालय में जाना इतिहास के सुनहरे पन्ने पलटने जैसा था. शांतिनिकेतन परिसर में पहुंचते ही उनकी आंखें चमक उठीं. और ऐसा हो भी क्यों नहीं. आखिर नेहरू गांधी परिवार के तीन-तीन सदस्य इस केंद्रीय विश्वविद्यालय के चांसलर जो रह चुके हैं. उनकी दादी और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी तो चांसलर बनने से पहले यहां की छात्रा भी रहीं. प्रधानमंत्री ही इस विश्वविद्यालय के चांसलर होते हैं. इस लिहाज से जवाहर लाल नेहरु के अलावा इंदिरा गांधी और राजीव गांधी इसके चांसलर रह चुके हैं.

छात्रों से खुल कर बाततस्वीर: UNI

राहुल के इस दौरे को लेकर विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों में जबरदस्त उत्साह था. परिसर में उनका भव्य स्वागत किया गया. अपने स्वभाव के अनुरूप राहुल ने यहां भी सुरक्षा का घेरा तोड़ कर छात्रों के साथ हाथ मिलाया.

परिसर के ऑडिटोरियम में लगभग डेढ़ घंटे तक उन्होंने छात्रों की ओर से विभिन्न मुद्दों पर पूछे गए सवालों के जवाब दिए. इस दौरान वहां एक हजार छात्र मौजूद थे. राहुल ने छात्रों को किताबी कीड़ा बनने की बजाय अपने ज्ञान का व्यवहारिक इस्तेमाल करने की नसीहत दी. छात्रों ने उनसे कश्मीर समस्या से लेकर देश की विभिन्न समस्याओं के बारे में सवाल किए और उनसे पूछा कि वे प्रधानमंत्री होते तो इनसे कैसे निपटते. इस पर राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री बनना ही कोई लक्ष्य नहीं होना चाहिए. मुझे और भी बहुत सारे काम हैं. उन्होंने कहा कि वे भी प्रधानमंत्री होते तो एक दिन में इन समस्याओं को नहीं हल कर सकते थे. कांग्रेस महासचिव ने छात्रों और छात्राओं को अपने आटोग्राफ वाली तस्वीरें भी दीं. इस प्रश्नोत्तर काल के दौरान मीडिया को आडिटोरियम में जाने की अनुमति नहीं दी गई थी.

लेकिन राहुल के मुलाकात के बाद छात्र बेहद खुश नजर आ रहे थे. इन्हीं में से एक सुनंदा पाठक की तो खुशी का ठिकाना ही नहीं था. उसने कहा कि राहुल ने मुझे अपने हाथों से आटोग्राफ वाली तस्वीर दी. छात्रों के साथ बातचीत के दौरान राहुल ने जहां उनको शिक्षा से जुड़ी नसीहत दी वहीं छात्रों ने उनको विश्वभारती में शिक्षण के गिरते स्तर की शिकायत करते हुए उनसे विश्वविद्यालय में अकसर होने वाला गतिरोध खत्म करने का अनुरोध किया.

छात्रों के साथ बातचीत के अलावा राहुल ने "थ्री चांसलर्स -जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी" शीर्षक पर एक प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया. इस प्रदर्शनी में चांसलर के रूप में शांतिनिकेतन के उनके दौरे की तस्वीरों और पत्रों को प्रदर्शित किया गया है. राहुल ने इससे पहले उदयन परिसर में उस कक्ष में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की जहां रवींद्रनाथ टैगोर रहते थे.

बाद में उन्होंने चार जिलों के जनप्रतिनिधियों और युवा कांग्रेस के नेताओँ के साथ बातचीत की. शांतिनिकेतन के बाद कांग्रेस महासचिव राहुल ने उत्तर 24 परगना और दक्षिण कोलकाता में युवा कांग्रेस नेताओं के साथ भी बैठक की. वह सुबह ही दिल्ली से यहां पहुंचने के बाद एक विशेष विमान से पानागढ़ स्थित वायुसेना केंद्र चले गए. वहां से एक हेलीकॉप्टर के जरिए वे शांतिनिकेतन गए. वे तीन दिनों तक उत्तर बंगाल के कई जिलों में खासकर युवा कांग्रेस के नेताओं के साथ विचार-विमर्श करेंगे.

रिपोर्टः प्रभाकर, कोलकाता

संपादनः ए कुमार

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