सऊदी प्रिंस तुर्की बिन सऊद अल कबीर को हत्या के एक मामले में दोषी पाया गया था और पिछले दिनों शाह सलमान के आदेश पर उनकी मौत की सजा पर अमल किया गया. सऊदी अरब में शाही परिवार के सदस्यों को ऐसी सजा कम ही दी जाती है. लेकिन यह इस तरह का पहला मामला बिल्कुल नहीं है.
इससे पहले 1975 में सऊदी शाह फैसल की हत्या करने वाले उनके भतीजे प्रिंस फैसल बिन मुसैद को मौत की सजा दी गई. शाह अल फैसल की हत्या के लगभग तीन महीने बाद फैसल बिन मुसैद का सिर कलम कर मृत्युदंड दिया गया था. शाह फैसल ने 1964 से 1975 तक 11 साल तक सऊदी अरब पर शासन किया और उनके बाद शाह खालिद को सऊदी अरब की बागडोर मिली.
देखिए हज में क्या करते हैं लोग
दुनिया भर से लाखों मुसलमान हर साल हज के लिए सऊदी अरब जाते हैं. लेकिन वहां जाकर वे करते क्या हैं? जानिए...
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Al-Shaikhश्रद्धालुओं को खास तरह के कपड़े पहनने होते हैं. पुरुष दो टुकड़ों वाला एक बिना सिलाई का सफेद चोगा पहनते हैं. महिलाएं भी सेफद रंग के खुले कपड़े पहनती हैं जिनमें बस उनके हाथ और चेहरा बिना ढका रहता है. इस दौरान श्रद्धालुओं को सेक्स, लड़ाई-झगड़े, खुशबू और बाल व नाखून काटने से परहेज करना होता है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Al-Shaikhमक्का में पहुंचकर श्रद्धालु तवाफ करते हैं. यानी काबा का सात बार घड़ी की विपरीत दिशा में चक्कर लगाते हैं.
तस्वीर: Reuters/Muhammad Hamedहाजी मस्जिद के दो पत्थरों के बीच सात बार चक्कर लगाते हैं. इसे सई कहते हैं. यह इब्राहिम की बीवी हाजरा की पानी की तलाश की प्रतिमूर्ति होता है.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photoअब तक जो हुआ वह हज नहीं है. इसे उमरा कहते हैं. हज की मुख्य रस्में इसके बाद शुरू होती हैं. इसकी शुरुआत शनिवार से होती है जब हाजी मुख्य मस्जिद से पांच किलोमीटर दूर मीना पहुंचते हैं.
तस्वीर: picture alliance/dpa/M. Naamaniअगले दिन लोग जबल उर रहमा नामक पहाड़ी के पास जमा होते हैं. मीना से 10 किलोमीटर दूर अराफात पहाड़ी के इर्द गिर्द जमा ये लोग नमाज अता करते हैं.
तस्वीर: AFP/Getty Images/M. Al-Shaikhसूरज छिपने के बाद हाजी अराफात और मीना के बीच स्थित मुजदलफा जाते हैं. वहां वे आधी रात तक रहते हैं. वहीं वे शैतान को मारने के लिए पत्थर जमा करते हैं.
तस्वीर: Amer Hilabi/AFP/Getty Imagesअगला दिन ईद के जश्न का होता है जब हाजी मीना लौटते हैं. वहां वे रोजाना के तीन बार के पत्थर मारने की रस्म निभाते हैं. आमतौर पर सात पत्थर मारने होते हैं.
तस्वीर: Reuters/A. Jadallahपहली बार पत्थर मारने के बाद बकरे हलाल किये जाते हैं और जरूरतमंद लोगों के बीच मांस बांटा जाता है. बकरे की हलाली को अब्राहम के अल्लाह की खातिर अपने बेटे इस्माइल की कुर्बानी का प्रतीक माना जाता है.
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/N. El-Moftyअब हाजी अपने बाल कटाते हैं. पुरुष पूरी तरह गंजे हो जाते हैं जबकि महिलाएं एक उंगल बाल कटवाती हैं. यहां से वे अपने सामान्य कपड़े पहन सकते हैं.
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Fala'ahहाजी दोबारा मक्का की मुख्य मस्जिद में लौटते हैं और काबा के सात चक्कर लगाते हैं.
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/N. El-Moftyहाजी दोबारा मीना जाते हैं और अगले दो-तीन दिन तक पत्थर मारने की रस्म अदायगी होती है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/B. Mehriएक बार फिर लोग काबा जाते हैं और उसके सात चक्कर लगाते हैं. इसके साथ ही हज पूरा हो जाता है.
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/skajiyama 1977 में एक सऊदी राजकुमारी मिशाएल को विवाहेत्तर संबंध रखने का दोषी करार देते हुए उन्हें गोली मारकर मौत की सजा दी गई थी. राजकुमारी ने अपने प्रेमी को छोड़ने से इनकार कर दिया और विवाहेत्तर संबंधों की बात कबूल कर ली थी. राजकुमारी के सिर में गोली मारी गई जबकि उनके प्रेमी का सिर कलम किया गया. बीबीसी और पीबीएस ने इस प्रकरण पर "डेथ ऑफ ए प्रिंसेस” नाम से एक डॉक्यूमेंट्री भी तैयार की थी, जिसके प्रसारण के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सऊदी अरब की कड़ी आलोचना हुई.
2004 में एक युवा सऊदी प्रिंस को मौत की सजा पर अमल होने ही वाला था. उसे मृत्युदंड के लिए निश्चित जगह पर भी भेज दिया गया था. लेकिन ऐन टाइम पर राजकुमार की गोली से मारे जाने वाले व्यक्ति के पिता ने प्रिंस को माफ कर दिया था.
एके/एमजे (रॉयटर्स)