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प्रेमियों को बचाते लव कमांडो

२९ अक्टूबर २०१३

प्रेमियों की हत्या की खबरें अक्सर भारतीय अखबारों में हेडलाइन बनती हैं. अक्सर जिसे आत्महत्या का लेबल लगा दिया जाता है, वो असल में ऑनर किलिंग होती है. लव कमांडो ऐसे जोड़ों की देखभाल करते हैं, जिनकी जान को खतरा है.

तस्वीर: DW/K. Keppner

नीले, पीले, हरे और लाल रंगों वाली दीवारों के कमरों में कुछ लोग करीब 100 दिन से रह रहे हैं. यह ऐसी जगह है, जिसके अस्तित्व के बारे में किसी को पता नहीं होना चाहिए, यहां रहने वाले के किसी नजदीकी दोस्त को भी नहीं.

यहां टेबल पर एक लाल गुलाब रखा है. पास के कमरे से अगरबत्ती की भीनी खुशबू आ रही है. एक कमरे में वो दोनों बैठे हैं, जो ताजा प्रेम में हैं या वो भाग कर आए हैं, या फिर चुपचाप शादी कर ली है. इनमें से कई को खूब मारा पीटा गया, बंद कर दिया गया, लेकिन एक दिन ये किसी तरह बच कर लव कमांडो के रक्षा घेरे में आ गए.

.. तो तुम्हें मार देंगे

21 साल के इमराम* बताते हैं, "यह पहली नजर का प्यार है." हर बार जब हमउम्र शाजिया अपनी चाची से मिलने आती तो इमराम उसे देखता. पंजाब के एक गांव में हर दो हफ्ते में वो आती. कई साल बाद इमराम ने उससे अपने प्यार का इजहार किया. पहले तो शाजिया ने उस पर विश्वास नहीं किया. क्योंकि वह ऊंची जाति का था और शाजिया निचली जाति की. उसका परिवार अमीर था और पढ़ा लिखा भी. जबकि लड़की के माता पिता अनपढ़ थे और सामान्य आर्थिक स्थिति के. शाजिया के नजदीक जाना और उससे शादी एक स्कैंडल होता. फिर भी उन्होंने एक दूजे के साथ रहने और परिवार के खिलाफ जाने का फैसला लिया.

संजॉय सचदेवतस्वीर: DW/K. Keppner

अब वो यहां लव कमांडो के कमरे बैठे हैं, ये किसी चमत्कार से कम नहीं है. यह उसकी दूसरी कोशिश है. अप्रैल में पहली बार जब वो भागे, तो थक हार के उन्हें लौट जाना पड़ा. माता पिता ने दोनों की जल्द शादी का वादा किया और फिर उसे तोड़ भी दिया. शाजिया को घर में बंद कर दिया. इमराम के पिता दो टूक शब्दों में कह दिया, "अगर तुम उससे शादी करोगे, तो हम उसे मार देंगे."

पांच महीने बाद शाजिया फिर इमराम के घर आई, दोनो एक तो हो गए, लेकिन भविष्य पूरी तरह अनिश्चित. इमराम के पास कोई नौकरी नहीं और शाजिया ने स्कूल छोड़ दिया. "हम प्लेटफॉर्म पर बैठे बैठे आत्महत्या करने का सोच रहे थे." अगर लव कमांडो के बारे में बताने वाला और दिल्ली का टिकट देने वाला वो दोस्त नहीं होता तो शायद दोनों आत्महत्या कर लेते.

प्रेमियों के लिए

तीन साल से शाजिया और इमराम जैसे जोड़े लव कमांडो के पास सुरक्षा में जी रहे हैं. संस्था में काम करने वाले कमांडो दस्ते का मकसद साफ है, प्रेमियों के लिए पनाहगाह. संगठन के प्रवक्ता संजॉय सचदेव बताते हैं कि सात जगहों पर 49 जोड़े रह रहे हैं. पूरे भारत में ऐसी 200 जगहें हैं. संजॉय कहते हैं कि एक छोटी सी कोशिश से बड़ा अभियान खड़ा हो गया है. हॉटलाइन के जरिए जान का खतरा झेल रहे जोड़े सुरक्षित रह सकते हैं. इसमें उन्हें कोई पैसा नहीं मिलता. यह अपने आप में बड़ी सफलता है.

संजॉय खड़े होते हैं और गर्व से बताते हैं कि जब भी खतरा होता है तो इन पेपर स्प्रे बोतलों से हम काम चलाते हैं. वो और उनके साथी हर दिन अपनी जान से खेलते हैं. कुछ गुस्सैल परिवारों ने तो इन लोगों से सिर पर इनाम रखा है.

सम्मान के नाम पर हत्या

राष्ट्रीय महिला आयोग के मुताबिक भारत में हर महीने सम्मान के नाम पर 70 से 80 महिलाएं मारी जाती हैं. परंपरा के नाम पर होने वाली इस हत्या के आंकड़ें कहीं ज्यादा हो सकते हैं क्योंकि कई मामले तो दर्ज ही नहीं होते या फिर आत्महत्या के लेबल के साथ रफा दफा कर दिए जाते हैं. समाजशास्त्री सुरिंदर जोढका कहते हैं कि अब इसे बारे में सार्वजनिक तौर पर चर्चा होना दिखाता है कि समाज में बदलाव आया है. ऐसे युवा सामने आ रहे हैं जो अपने परिवार के खिलाफ शादी करने का फैसला लेते हैं, कुछ साल पहले तक ऐसा नहीं होता था. वो कहते हैं कि आने वाले 10-15 साल में ऑनर किलिंग बिलकुल नहीं रहेगी.

अहम है कि हत्यारों को तेजी से सजा मिले. भले ही ऐसा लग रहा हो कि ऑनर किलिंग के मामले बढ़ रहे हैं, ये पितृसत्ता का उदाहरण है, यह उन लोगों की मानसिकता दिखाता है, जो युवा लोगों की इच्छा स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं.

लव कमांडो कॉमरेडतस्वीर: DW/K. Keppner

मोबाइल, फेसबुक प्यार

27 साल के अशरफ और 24 साल की बहार फेसबुक के जरिए मिले. अशरफ ने उसे फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी. उन्होंने चैट करना शुरू किया. एक दूसरे के बारे में जाना. ये सब गुपचुप हो रहा था क्योंकि बहार के माता पिता पहले से ही उसके लिए जीवनसाथी ढूंढ रहे थे. हर महीने कोई लड़का देखने आता. बहार जमीन में नजरें गड़ाए खड़ी रहती. "मुझे लगता जैसे मुझे देखने की वस्तु बना दिया गया है." लेकिन उसके पिता ने साफ कह दिया, "किसी ऐरे गैरे के हाथों अपनी इज्जत गंवाने से पहले हम हम तुम्हें ही मार देंगे." उनके लिए अशरफ बिगड़ा हुआ लड़का था.

जब पिता को दोनों की गुपचुप शादी की योजना के बारे में पता चला तो उन्होंने लड़के की रिपोर्ट उत्तर प्रदेश के एक गांव के थाने में करवा दी. जैसे ही अशरफ को इसके बारे में पता चला, उसने लव कमांडो को फोन किया. इसके बारे में उसने कुछ दिन पहले ही अखबार में पढ़ा था. वो दोनों शादी करने वाले थे. क्या वो बच्चे चाहते हैं, इस बारे में जवाब देते हुए अशरफ ने कहा, पहले वह नौकरी ढूंढेंगे. जब तक पुलिस उन्हें ढूंढना बंद नहीं कर देगी, तब तक वो लव कमांडो की शरण में ही रहेंगे.

* रिपोर्ट में नाम बदल दिए गए हैं.

रिपोर्टः काट्या केपनर/ आभा मोंढे

संपादनः एन रंजन

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