प्रेरणा के स्रोत हैं सचिन: ऑस्ट्रेलिया
८ नवम्बर २०१२ सुपर स्टार बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर पहले भारतीय खिलाड़ी बने जिन्हें ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया की सदस्यता से सम्मानित किया गया. ऑस्ट्रेलिया के कला मंत्री साइमन करीन ने तेंदुलकर को मुंबई में एक समारोह में इस पुरुस्कार से नवाजा. पिछले महीने ऑस्ट्रेलिया की प्रधानमंत्री जूलिया गिलार्ड ने सचिन को यह सदस्यता देने की घोषणा की. गिलार्ड उस वक्त भारत दौरे पर थीं.
मंगलवार को मुंबई में ऑस्ट्रेलिया के कॉन्सुलेट जनरल ने कहा, "ऑस्ट्रेलिया- भारत संबंध को सौहार्द, दोस्ती और खेल भावना से बढ़ावा देने के लिए मान्यता मिली है. तेंदुलकर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य एंव पूर्व कप्तान के रूप में शानदार योगदान दिया है."
तेंदुलकर से पहले यह ऑस्ट्रेलियाई सम्मान भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी और मदर टेरेसा को मिल चुका है. सचिन ऐसे चौथे गैर ऑस्ट्रलियाई क्रिकेटर हैं जो इसे पाने की फेहरिस्त में हैं. वेस्ट इंडीज के ब्रायन लारा, सर गैरी सोबर्स और क्लायव ल्योएड को भी इस सम्मान से नवाजा जा चुका है.
39 साल के भारतीय बल्लेबाज का कहना है कि 1991-92 में ऑस्ट्रेलिया में पहली बार खेलने के बाद उनमें एक बदलाव आया. ऑस्ट्रलियाई खिलाड़ियों ने उन्हें एक सफल क्रिकेटर बनाने में एक खास भूमिका निभाई. सचिन के मुताबिक, "हम जानते हैं कि ऑस्ट्रलियाई खिलाड़ी बहुत सख्त होते हैं. जब आप उनके खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो वह आप की सराहना करते हैं. मेरे साथ यही हुआ."
सचिन ने यह भी कहा कि जब वह 12 साल के थे वह तब से ऑस्ट्रेलिया के साथ खेलने का सपना देखते थे, "मेरा यह सपना 1991-92 में साकार हुआ."
सचिन की लोकप्रियता को चरम पर पहुंचाने में ऑस्ट्रेलियाई पूर्व महान बल्लेबाज सर डॉन ब्रैडमैन का भी हाथ है. ब्रैडमैन के मुताबिक सचिन को खेलते देख उन्हें अपनी बल्लेबाजी के दिन याद आते हैं.
सचिन तेंदुलकर दुनिया के सब से ज्यादा रन बनाने वाले, सबसे ज्यादा शतक जड़ने वाले और सबसे ज्यादा मैच खेलने वाले क्रिकेटर हैं. वह 1989 से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में हैं.
आरजेड/ओएसजे (पीटीआई)